बिच्छू डॉट कॉम। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार रात राष्ट्र के नाम संबोधन में संसद से बंदूक नियंत्रण की दिशा में प्रभावी कदम उठाने की अपील की। उन्होंने सांसदों से देश में एक के बाद एक गोलीबारी की घटनाओं के मद्देनजर हथियारों की बिक्री की सीमा लागू करने पर विचार करने को कहा। व्हाइट हाउस में दिए अपने संबोधन में बाइडेन ने पिछले हमलों के बाद इस तरह के प्रयास विफल करने के मद्देनजर कांग्रेस पर सख्त बंदूक कानून लागू करने का दबाव बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि आखिर हम और कितने नरसंहार देखने चाहते हैं? मालूम हो कि पिछले हफ्ते टेक्सास के उवाल्दे में एक प्राथमिक स्कूल में गोलीबारी में 18 वर्षीय हमलावर ने 19 छात्रों और दो शिक्षकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। वहीं, बुधवार को ओकलाहोम के टुलसा में एक बंदूकधारी ने एक अस्पताल में चार लोगों की गोली मारकर हत्या करने के बाद खुद को भी गोली मार ली थी। इससे पहले, 14 मई को न्यूयॉर्क के बफैलो में सेना की वर्दी पहने 18 वर्षीय श्वेत हमलावर ने एक सुपरमार्केट में गोलीबारी कर 10 लोगों की हत्या कर दी थी और तीन अन्य को घायल कर दिया था। अधिकारियों ने इस घटना को नस्ली भावना से प्रेरित हमला बताया था।
अमेरिका के लगभग सभी बड़े समाचार चैनलों ने बाइडेन का संबोधन प्रसारित किया। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति गोलीबारी की दुखद घटनाओं पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे और बंदूक हिंसा रूपी महामारी की रोकथाम के लिए कांग्रेस से एक कानून पारित करने का आह्वान करेंगे, जो हर दिन लोगों की जान ले रही है। राष्ट्रपति के संबोधन से पहले प्रेस सचिव केरिन जीन पियरे ने कहा कि कुछ दिन पहले उवाल्दे, टुलसा और बफैलो में जो घटना हुई, उसे देखते हुए बाइडन बंदूक हिंसा रूपी महामारी की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत का फिर से आह्वान करेंगे। उन्होंने कहा कि बाइडेन का कोई नई कार्यकारी योजना की घोषणा करने का इरादा नहीं है और आज रात का संबोधन इस बात पर केंद्रित होगा कि कांग्रेस को इस बारे में क्या करने की आवश्यकता है। इससे पहले गुरुवार को उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने ओकलाहोमा गोलीबारी का जिक्र करते हुए कहा, “हम सभी टुलसा के लोगों को अपने दिलों में बनाए रखेंगे, लेकिन हम व्यावहारिक बंदूक सुरक्षा कानूनों को पारित करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि करते हैं। कोई और बहाना नहीं चलेगा। संवेदना और प्रार्थना महत्वपूर्ण हैं, लेकिन पर्याप्त नहीं। हमें इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए कांग्रेस के सहयोग की आवश्यकता है।”