पीएम सुनक हिंसक विरोध प्रदर्शनों को लेकर सख्त

सुनक

लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भीड़ के हिंसक विरोध प्रदर्शन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। पीएम सुनक ने देश के पुलिस प्रमुखों से विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले तत्वों के खिलाफ पूरी शक्ति से निपटने को कहा है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि किसी भी कीमत पर विरोध प्रदर्शनों को ‘भीड़ तंत्र’ में बदलने की अनुमति नहीं दी जाए।

पीएम सुनक का यह बयान ब्रिटिश सांसदों की सुरक्षा चिंताओं और इस्राइल-हमास युद्ध के विरोध में ब्रिटेन की सड़कों पर बड़े पैमाने पर मार्च के दौरान कुछ हिंसक घटनाओं के मद्देनजर आया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनक ने बुधवार को अपने कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट में पुलिस प्रमुखों के साथ बैठक की। इस दौरान एक नए ‘पुलिसिंग प्रोटोकॉल’ पर सहमति बनी।

बैठक में पीएम सुनक ने कहा कि इस बात पर आम सहमति बढ़ रही है कि भीड़ तंत्र लोकतांत्रिक शासन की जगह ले रहा है। हम सभी को इसे तत्काल रोकना होगा। उन्होंने कहा कि हम तेजी से बढ़ रहे हिंसक और डराने-धमकाने वाले व्यवहार की अनुमति नहीं दे सकते हैं, जिसका मकसद खुली बहस को खत्म करना और निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपना काम करने से रोकना है। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।

उन्होंने कहा कि नया पुलिसिंग प्रोटोकॉल अतिरिक्त गश्त के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत सांसदों, पार्षदों और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधियों के घरों पर विरोध प्रदर्शन को डराने वाला माना जाएगा। सुनक ने कहा, मैं हमारे लोकतंत्र और देश के मूल्यों की रक्षा के लिए जो भी जरूरी होगा वह करने जा रहा हूं। जनता को यही उम्मीदें हैं। यह हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली के लिए जरूरी है। यह पुलिस में जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

नए सात-सूत्रीय पुलिसिंग प्रोटोकॉल के तहत पुलिस बल इस साल के अंत में होने वाले आम चुनाव से पहले सांसदों या उम्मीदवारों से जुड़े किसी भी कार्यक्रम की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। उचित पुलिस प्रतिक्रिया” प्राप्त करें। प्रोटोकॉल में स्पष्ट किया गया है कि ब्रिटेन के आपराधिक न्याय अधिनियम 2001 की धारा 42 पुलिस को इस आधार पर प्रदर्शनकारियों को सांसदों के घरों से दूर करने का अधिकार देती है कि ऐसे प्रदर्शन धमकाने और डराने वाले हैं।  

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