नई दिल्ली। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ने एक बार फिर से अपने देश की अंतरिम सरकार पर तीखा हमला बोला। शेख हसीना ने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर आतंकवादियों और कट्टरपंथियों को बिना रोक-टोक के काम करने की अनुमति देने वाला ‘फासीवादी प्रशासन’ चलाने का आरोप लगाया। शेख हसीना ने लंदन में ‘अवामी लीग’ के समर्थकों की एक सभा को डिजिटल तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि, जुलाई-अगस्त में हुई उस उथल-पुथल का मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद यूनुस हैं। जिसने उनकी सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। उन्होंने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के कथित उत्पीड़न के लिए यूनुस और उनकी अंतरिम सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा, मोहम्मद यूनुस और उनके सहयोगी जुलाई-अगस्त में देश में हुई अशांति के मुख्य साजिशकर्ता हैं। छात्रों एवं पुलिसकर्मियों की हत्या, आगजनी और अत्याचारों के पीछे उनका हाथ है। हमारे देश को नुकसान पहुंचाने वाले हत्यारों और षड्यंत्रकारियों को बांग्लादेशी कानून के तहत जवाबदेह ठहराया जाएगा। जिस तरह हमने युद्ध अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की थी, आज के अपराधियों के खिलाफ भी उसी तरह न्याय होगा। कानून से कोई भी बच नहीं पाएगा।
हसीना ने कहा, पांच अगस्त के बाद से देश में अल्पसंख्यकों, हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्ध धर्म के अनुयायियों के पूजा स्थलों पर हमले बढ़ गए हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। नए शासन में जमात और आतंकवादियों को खुली छूट मिल गई है। हसीना का यह बयान ऐसे समय आया है। जब भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ढाका दौरे पर हैं। शेख हसीना ने फोन के जरिए 37 मिनट के अपने डिजिटल संबोधन में कहा, बांग्लादेश अब एक फासीवादी शासन की चपेट में है, जहां लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म कर दिया गया है। गरीबी उन्मूलन और बुनियादी ढांचे के विकास, लोकतंत्र को मजबूत करने में हमारी सरकार की उपलब्धियां यूनुस के नेतृत्व में पानी फेरा जा रहा है। हसीना ने हाल ही में देश में हुईं आगजनी और हत्याओं के लिए यूनुस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
इसके अलावा हसीना ने यूनुस सरकार पर आतंकवादियों और अपराधियों को क्षमादान देने का भी आरोप लगाया। हसीना ने कहा, बांग्लादेश की संसद पर हमलों और अन्य अत्याचारों के लिए जिम्मेदार लोगों सहित दोषी ठहराए गए अपराधियों और आतंकवादियों की रिहाई इस सरकार की मिलीभगत को साबित करती है। हसीना ने वर्तमान सरकार द्वारा न्यायिक और प्रशासनिक दमन पर आक्रोश व्यक्त किया। उन्होंने कहा, चिन्मय कृष्ण दास के वकील को उनके मामले की पैरवी करने से रोक दिया गया जो कानूनी अधिकारों का घोर उल्लंघन है। यह सरकार असहमति को दबाने और न्याय से वंचित करने के लिए हर हथकंडा अपना रही है।
बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रमुख प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय गिरफ्तार कर लिया गया जब वह एक रैली के लिए चटगांव जा रहे थे। उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया और जेल भेज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर चिंताओं को और बढ़ा दिया है। हसीना ने कहा, हमारे देश के इतिहास का यह काला अध्याय हमेशा के लिए नहीं रहेगा। मोहम्मद यूनुस को उसके कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा और न्याय की जीत होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को क्रूर हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। उन्होंने जवाबदेही और न्याय की मांग करते हुए कहा, इस फासीवादी शासन के तहत निर्दोष लोगों को पीट-पीटकर मार डाला गया है। कानून का शासन पूरी तरह खत्म हो चुका है।