देश की विकास यात्रा से कुछ लोग खुश नहीं: जगदीप धनखड़

जगदीप धनखड़

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि देश में लाखों अवैध प्रवासी नहीं रह सकते और चुनावी राजनीति को जनसांख्यिकीय अव्यवस्थाओं से प्रभावित नहीं होने दिया जा सकता। उन्होंने युवाओं से राष्ट्रविरोधी बयानों को बेअसर करने की अपील की। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद में बार-बार होने वाले व्यवधानों पर चिंता जताई। राष्ट्रीय राजधानी में वर्ल्ड फोरम ऑफ अकाउंटेंट्स (डब्ल्यूओएफए) सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि युवाओं को अस्तित्व संबंधी चुनौतियों के बारे में चिंतित होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमारा देश लाखों अवैध प्रवासियों को बर्दाश्त नहीं कर सकता… हम अपनी चुनावी राजनीति को जनसांख्यिकीय अव्यवस्थाओं और भूकंपों से प्रभावित नहीं होने दे सकते। ये ऐसी चीजें हैं जो आपके लिए मायने रखती हैं क्योंकि ये ऐसी चुनौतियां हैं जिनका आपको सामूहिक रूप से जवाब देना होगा।’ इस बारे में विस्तार से बताए बिना उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा, ‘मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है… कहा जाता है, समझदार को इशारा काफी है’।

उपराष्ट्रपति ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कुछ लोग और संस्थाएं देश की विकास यात्रा से खुश नहीं हैं, उन्होंने यह भी कहा कि सनसनी और दृष्टिकोण पैदा करने का चलन है। उन्होंने कहा, ‘दृष्टिकोणों में भारतीयता को भूल जाते हैं, राष्ट्रवाद को भूल जाते हैं, राष्ट्रहित को भूल जाते हैं।’ युवाओं से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि ‘इन राष्ट्र विरोधी दृष्टिकोणों को बेअसर करने और भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण ताकतों को हराने की शक्ति उनके हाथों में है।’ भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान (आईसीएआई) की तरफ से आयोजित सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि आर्थिक राष्ट्रवाद की भावना को आत्मसात करने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसा दृष्टिकोण अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों को वैश्विक स्थान पर कब्जा करना चाहिए।

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