विवेक ओबेरॉय का खुलासा… मां और पत्नी ने न संभाला होता तो दुनिया छोड़ चुका होता……?

विवेक ओबेरॉय

नयी दिल्ली/बिच्छू डॉट कॉम। एक समय ऐश्वर्या राय से नजदीकियों के चलते बहुत चर्चित रहे विवेक ओबेराय ने अपना दर्द बयां किया है….. उन्होंने एक इंटरव्यू में खुलासा करते हुए कहा है कि डेढ़ साल का वह ऐसा दौर था जब लगता था कि बस अब सब कुछ खत्म करने का समय आ गया है……. लेकिन इस बुरे दौर से मुझे मेरी पत्नी और मां ने निकाला। आईए आपको बताते हैं विवेक की खुद की दास्तान… फिल्म कंपनी और साथिया जैसी शानदार फिल्मों के लिए जाने जानेवाले विवेक ओबेरॉय ने अपने करियर के शानदार मोड़ को भी देखा है और उस वक्त से भी सामना हुआ जहां वह पर्दे से गायब होते चले गए। अपने करियर के इस उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे विवेक ओबेरॉय की लाइफ में एक मोड़ ऐसा भी आया जब उनके दिमाग में सबकुछ खत्म कर देने तक के खयाल आने लगे थे। अपने दर्द का यही किस्सा विवेक ओबेरॉय ने अब खुलकर सुनाया है। एक वक्त था जब चॉकलेटी बॉय के रूप में विवेक अपने फैन्स के दिलों में बसे थे। उन्हें लोग काफी पसंद करने लगे। हालांकि, इससे पहले कि उनकी ऊंचाइयां छूने का दौर थोड़ा लंबा चलता वह कहीं गायब हो गए। बॉलीवुड बबल से बातचीत में विवेक ने गुजरे वक्त के बुरे दौर को याद किया, जहां सबकुछ थम गया था। उन्होंने अपने बारे में कुछ शॉकिंग बातें कहीं। उन्होंने इस बातचीत में बताया कि उन्होंने वो वक्त भी झेला है जब करीब डेढ़ साल तक उनके पास कोई काम नहीं था। उन्होंने कहा कि जब वो ऑडिशन देने जाते थे ये नहीं बताते थे कि वह बॉलीवु़ड एक्टर सुरेश रॉय के बेटे हैं। विवेक ओबेरॉय ने अपने उस वक्त को याद करते हुए बताया कि उस दौरान उनके मन में काफी बुरे ख्याल भी आए थे। विवेक ने सब खत्म करने तक के बारे में भी सोच लिया था।विवेक ने इस इंटरव्यू में यह भी बताया कि आसपास की नेगेटिविटी से वह परेशान हो गए थे। उन्होंने ये भी कहा कि ये शायद एजेंडा यही था और ऐसे ऐजेंडे कई बार आपको अंदर से तोड़ देते हैं। विवेक ने अपनी वाइफ का नाम लेते हुए कहा- उस दौरान प्रियंका ने मेरी लाइफ में काफी अहम रहीं और मैं अपने बारे में जान पाया। बाद में उन्होंने इशारा करते हुए कहा- सबकुछ खत्म करने का मतलब काफी गहरा है और इसलिए वह उस दर्द को फील कर सकते हैं जिससे सुशांत सिंह राजपूत या इस तरह के बाकी कलाकार गुजर चुके हैं। विवेक ने कहा कि मैंने उस डार्क साइड और दर्द को फील किया है जो कई जगह काफी क्रूर हो सकती है। कई बार ये आपको कुचलने की कोशिश भी करती है। झूठ जब तेजी से और बार-बार बोला जाता है, तो ये सच लगने लगता है और आपको लगने लगता है कि ये आपकी सच्चाई है। उन्होंने ये भी कहा कि हालांकि, बहुत दिनों तक सच को झूठा नहीं बताया जा सकता है। विवेक ओबेरॉय ने कहा कि उन्हें अपनी मां से हिम्मत मिली कि वह इस दर्द को भुलाकर आगे बढ़ें। उन्होंने बताया कि उनकी मां ने उन्हें कुछ कैंसर पीड़ित बच्चों से मिलाया जिन्हें देखकर उन्हें आगे बढ़ने की हिम्मत मिली। वर्कफ्रंट की बात करें तो विवेक ओबेरॉय हाल ही में वो सुनील शेट्टी के साथ धारावी बैंक में दिखे, जिसमें उनके रोल को खूब पसंद किया गया।

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