बिच्छू इंटरटेंमेंट/‘खेल खेल में’ के फ्लॉप होने के बीच वाणी कपूर ने असफलता पर तोड़ी चुप्पी

  • रवि खरे
वाणी कपूर

‘खेल खेल में’ के फ्लॉप होने के बीच वाणी कपूर ने असफलता पर तोड़ी चुप्पी
वाणी कपूर ने साल 2013 में शुद्ध देसी रोमांस से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। 11 साल के करियर में एक्ट्रेस ने मात्र सात फिल्में कीं, जिनमें से एक ओटीटी पर रिलीज हुई और तीन असफल रहीं। हाल ही में थिएटर्स में रिलीज हुई खेल खेल में से उम्मीद की जा रही थी कि फिल्म सफल होगी, मगर ऐसा हुआ नहीं। फिल्म के फ्लॉप होने के बीच वाणी कपूर ने बताया है कि वह असफलता से कैसे डील करती हैं। वाणी कपूर ने के साथ बातचीत में कहा, यह कुछ ऐसा है जो मैं अपनी जिंदगी में सीख रही हूं। किसी चीज से इतना ज्यादा न जुडऩा और आप इससे सीखते हैं। इससे अच्छाई लें, उसका महत्व समझें और फिर बस कोशिश करें। अगर ऐसा है तो मैं यह भी देखती हूं कि मेरी तरफ से क्या गलती हुई है। वाणी कपूर ने आगे कहा, आपके पास जहाज का कप्तान होता है जो अंतिम निर्णय लेता है। फिल्म एडिट टेबल पर भी बनती है। बैकग्राउंड स्कोर होता है। अन्य लोग और किरदार होते हैं। इसलिए यह सब सिर्फ आपके कंधों पर नहीं होता। मैं आमतौर पर सब कुछ अपने ऊपर ले लेती हूं, लेकिन मैंने इससे थोड़ा अलग होने की कोशिश की है। अगर यह असफल होता है, तो मैं इसे अपने हिसाब से लेने की कोशिश करती हूं।

अकाउंट में सिर्फ 18 रुपये थे, संघर्ष पर छलका दर्द, याद आया जिंदगी का सबसे बुरा फेज
जब बात हिंदी सिनेमा के उम्दा कलाकारों की आती है तो लिस्ट में विजय वर्मा का नाम न हो, ऐसा हो नहीं सकता है। चंद सालों में विजय ने अपनी काबिल-ए-तारीफ परफॉर्मेंस से सिनेमा पर अमिट छाप छोड़ी है। मगर कामयाबी हाथ लगने से पहले उनका सामना संघर्ष से भी हुआ। हाल ही में, अभिनेता ने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया है और सबसे बुरे फेज के बारे में बात की है। विजय वर्मा ने अपना करियर साल 2008 में शॉर्ट फिल्म शोर से शुरू किया था। तब से उन्होंने कई फिल्मों में छोटे-मोटे रोल किए। बॉलीवुड में पैर जमाने से पहले मुंबई में उन्होंने खूब धक्के खाए हैं। एक हालिया इंटरव्यू में विजय वर्मा ने अपनी जिंदगी के सबसे बुरे फेज को याद किया है। शुभांकर मिश्रा के साथ बातचीत में विजय वर्मा ने कहा, यह बहुत बुरा समय था। यह मेरी जिंदगी का सबसे लो फेज था। मेरे अकाउंट में सिर्फ 18 रुपये थे और मैं या तो पानीपुरी या इडली खा सकता था। मैंने घर से पैसे लेना बंद कर दिया था, क्योंकि मेरे पिता मुझसे बात नहीं करते थे। विजय वर्मा ने आगे कहा, मुझे बताया गया कि अगर मेरा किराया और भत्ता तय हो गया तो मैं कड़ी मेहनत नहीं करूंगा, इसलिए मुझे अपने अंदर की आग को और मजबूत होने देना चाहिए। 2-3 महीनों में मेरे पास कुछ भी नहीं बचा, उस समय मैंने पैसों के लिए एक छोटी सी भूमिका निभाई और यह बहुत बुरा अनुभव था। इसलिए यह मेरे जीवन का सबसे लो फेज था।

जिन हाथों ने पाला, उन्हीं से शोषण किया, एक्ट्रेस का छलका दर्द, बताई चुप रहने की वजह
जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में हलचल पैदा कर दी है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। कई अभिनेत्रियां इस रिपोर्ट के जारी किए जाने के बाद सामने आईं और अपने साथ हुए दुव्र्यवहार का खुलासा किया। अब एक्ट्रेस रहीं बीजेपी नेता खुशबू सुंदर ने भी मलयालम इंडस्ट्री में व्याप्त यौन उत्पीड़न पर खुलकर बात की है और कुछ ऐसे खुलासे किए हैं जो किसी को भी चौंका देंगे। अभिनेत्री ने एक लंबा-चौड़ा पोस्ट शेयर करते हुए अपने साथ हुए यौन उत्पीडऩ का खुलासा किया, लेकिन उनके आरोपों से भी ज्यादा चौंकाने वाला इस घिनौने काम को अंजाम देने वाला आरोपी नाम था। खुशबू सुंदर ने अपने पोस्ट में बताया कि जब वह छोटी थीं, अपने पिता के हाथों दुव्र्यवहार का शिकार हुई थीं। खुशबू सुंदर ने लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखते हुए उन महिलाओं के हक में आवाज उठाई है जो सालों से इस तरह का उत्पीडऩ सह रही हैं और इसके खिलाफ लड़ाई लडऩे की हिम्मत जुटाई है। अभिनेत्री का ये पोस्ट अब काफी सुर्खियों में हैं। खुशबू सुंदर ने अपने पोस्ट में लिखा- हमारी इंडस्ट्री में मी टू मूवमेंट ने हमें तोड़ दिया है। उन महिलाओं को बधाई जो अपनी बातों पर डटी रहीं और विजयी रहीं। इस तरह के अब्यूज को रोकने के लिए हेमा कमेटी  रिपोर्ट की बहुत जरूरत थी। एक महिला से अकेले ही यह अपेक्षा क्यों की जाती है कि वह इस कष्ट से गुजरे? हालांकि पुरुषों को भी इसका सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका खामियाजा मामूली रूप से महिलाओं को भुगतना पड़ता है।

Related Articles