बिच्छू इंटरटेंमेंट/हॉरर कॉमेडी फिल्म मुंजया में चुड़ैल से भिड़ंत करती दिखेंगी शरवरी वाघ

  • रवि खरे

हॉरर कॉमेडी फिल्म मुंजया में चुड़ैल से भिड़ंत करती दिखेंगी शरवरी वाघ
कथाओं व मिथक पर बनी कहानियां फिल्मकारों के साथ ही कलाकारों को भी लुभाती हैं। हॉरर कॉमेडी फिल्म मुंजया भी ऐसे ही मिथक पर आधारित है। निर्माता दिनेश विजन की इस फिल्म में केंद्रीय भूमिका निभा रहीं शरवरी वाघ कहती हैं कि मैं मुंबई की हूं, लेकिन अपने गांव अक्सर जाती हूं। वहां पर बचपन में हमें कहानी सुनाई जाती थी कि खाना खा लो वरना मुंजया आ जाएगा। वो तुम्हारा खाना खा जाएगा। यह बच्चों को डरा-धमकाकर काम कराने के लिए बोला जाता था। जब मैंने सुना कि इसी कांसेप्ट पर फिल्म बन रही हैं, तो वे यादें ताजा हो गईं। (हंसती हैं) मेरा इस विषय से थोड़ा निजी जुड़ाव है। बचपन से आप कुछ सुनते आ रहे हो और प्रोफेशन में वैसा करने का मौका मिले तो उससे बेहतर क्या होगा। शरवरी आगे कहती हैं कि मुझे हॉरर फिल्मों से बहुत डर लगता है, पर इसमें हॉरर के साथ कॉमेडी है तो हमने एंजाय किया। फिल्म में मुंजया का पात्र सीजीआई (कंप्यूटर जनरेटेड इमेजरी) से बनाया गया है। पहली बार ऐसे कलाकार के साथ काम किया, जो सेट पर ही नहीं आया। उससे कोई मुलाकात नहीं हुई। (हंसती है) तो काम करने में कठिनाई होना स्वाभाविक था। उन्होंने कहा कि जब ट्रेलर आया तभी हमने भी मुंजया को देखा। वह फिल्म का अहम पात्र है।

अयोध्या में भाजपा की हार के बाद विवेक अग्निहोत्री ने नेताओं को दी बड़ी नसीहत
विवेक रंजन अग्निहोत्री अपनी बेबाकी से लोगों को हैरान कर देते हैं। वो हर विषय पर मुखरता से बोलने के लिए जाने जाते हैं। विवेक रंजन अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया पर लोकसभा चुनाव को लेकर अपने विचार जाहिर किए हैं। उन्होंने पूराने हिंदुत्ववादी मुद्दों से यू-टर्न ले लिया है और हिंदूत्वाद पर अपने विचार जाहिर करते हुए नेताओं को नसीहत भी दे दी है। लोग उनके इस पोस्ट अयोध्या में भाजपा की हार से जोडक़र देख रहे हैं। विवेक ने अपने लंबे सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, हजारों सालों से विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों विशेष रूप से एकेश्वरवादी धर्मों ने हिंदू धर्म की समृद्ध और विविध परंपराओं का सामना किया है। आक्रमणों, धर्मांतरण, सामाजिक विघटन, नरसंहार और यहां तक कि राष्ट्र के खूनी विभाजन सहित कई खतरों के बावजूद, हिंदू धर्म की उदार, विविध, बहुलतावादी और समावेशी प्रकृति बची हुई है, बरकरार है। हिंदू धर्म ने हमेशा दार्शनिक जांच और स्वतंत्र सोच को महत्व दिया है। विवेक रंजन अग्निहोत्री आगे लिखते हैं, मेरा मानना है कि हिंदू धर्म ऐसी परिस्थितियों में पनपता है, जहाँ जब इसके समावेशी डीएनए को बदलने या एकरूप राजनीतिक विचारधाराओं को थोपने का कोई प्रयास नहीं किया जाता। अंत में, यदि राजनीतिक नेता सच्ची सफलता चाहते हैं, तो उन्हें हिंदू धर्म की स्वायत्तता का सम्मान करना चाहिए। हिंदू अपनी आध्यात्मिक यात्रा का मार्गदर्शन करने में सक्षम हैं। 2024 एक संदेश है कि राजनीति को अपने निहित स्वार्थों के लिए हिंदू धर्म का शोषण करने से दूर रहना चाहिए। यह एक ऐसी विजय है जिसे आप कभी नहीं जीत सकते। यह किसी की भी ताकत से परे है।

विवाह’ की पूनम ने छोड़ी एक्टिंग, हिट फिल्में देने वाली अमृता राव ने अपनाया नया पेशा
एक्ट्रेस अमृता राव आज अपना 43वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं। एक्ट्रेस ने बॉलीवुड चंद फिल्में कर के ही अपनी जगह पक्की कर ली थी। करियर की शुरुआत में ही उन्होंने हिट फिल्मों की झड़ी लगा दी थी, लेकिन अब एक्ट्रेस ने फिल्मी दुनिया से किनारा कर लिया है। उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी है और पूरी तरह से एक नया करियर अपना लिया है। विवाह में पूनम, मैं हूं न में संजना, जॉली एलएलबी में संध्या, द लेजेंड ऑफ भगत सिंह में मन्नेवाली जैसे सुपरहिट किरदार निभाने वाली अमृता राव को लोग उनकी मासूमियत के लिए जानते हैं। शादी के बाद एक्ट्रेस ने यूट्यूब की ओर रुख किया और फुल टाइम व्लॉगर बन गईं। अपने आरजे पति अनमोल सूद के साथ मिलकर वो पॉडकास्ट भी करती हैं। उनके यूट्यूब वीडियो खूब देखे जाते हैं और सोशल मीडिया पर भी वो काफी एक्टिव हैं, जहां अपनी लाइफ अपडेट साझा करती रहती हैं। अमृता राव ने साल 2016 में शादी की और इसके बाद से उनके करियर की रफ्तार धीमी पड़ गई।

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