बुद्धू बक्से से/खतरों के खिलाड़ी से बाहर हो गयीं एरिका…..

रवि खरे/बिच्छू डॉट कॉम। 

एरिका पैकर्ड

खतरों के खिलाड़ी से बाहर हो गयीं एरिका…..
खतरों के खिलाड़ी’ सीजन 12 में 14 कंटेस्टेंट हिस्सा ले रहे हैं। शनिवार को पहले दिन के स्टंट में 7 खिलाड़ी सुरक्षित हुए। बाकी बचे 7 कटेंस्टेंट सृति झा, तुषार कालिया, जन्नत जुबैर, मोहित मलिक, अनेरी वजानी, चेतना पांडे और एरिका पैकर्ड को फियर फंदा मिला था। जिन कंटेस्टेंट को फियर फंदा मिला उनके बीच रविवार को अलग-अलग स्टंट हुए। शो के होस्ट रोहित शेट्टी ने बताया कि एलिमिनेशन राउंड के बाद एक कंटेस्टेंट को बाहर कर दिया जाएगा और उसे यहीं से घर जाना पड़ेगा सबसे पहले मगरमच्छ का स्टंट हुआ। जन्नत जुबैर और चेतना पांडे बीच यह मुकाबला हुआ। जन्नत शुरुआत में अच्छा कर रही थीं लेकिन चेतना उनसे आगे निकल गईं। मगरमच्छ का यह स्टंट चेतना ने जीत लिया और वह फियर फंदे से सुरक्षित हो गईं। मगरमच्छ का यही स्टंट अनेरी और सृति ने किया। इस स्टंट को सृति ने जीता। शो का अगला स्टंट तुषार कालिया, मोहित मलिक और एरिका पैकर्ड के बीच हुआ। एरिका स्टंट को पूरा नहीं कर पाईं। वहीं तुषार और मोहित के बीच कड़ा मुकाबला हुआ। रोहित शेट्टी ने दोनों का फियर फंदा निकाल लिया जबकि एरिका एलिमिनेशन राउंड में पहुंच गईं। एलिमिनेशन राउंड में जन्नत जुबैर, एरिका पैकर्ड और सृति झा के बीच मुकाबला हुआ। एलिमिनेशन स्टंट में एरिका टास्क में पीछे रह गईं और वह क्विट कर देती हैं। इस तरह वह शो से एविक्ट हो गईं। एरिका ‘खतरों के खिलाड़ी 12’ से बाहर होने वालीं पहली कंटेस्टेंट हैं।

हैप्पी बर्थडे भारती सिंह….
लाफ्टर क्वीन भारती सिंह  आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। अपनी दमदार कॉमेडी से उन्होंने लोगों के दिल में खास जगह बनाई है। आज यानी 3 जुलाई को भारती सिंह अपना 38 वां जन्मदिन मना रही हैं। भारती ने ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चौलेंज’ शो से छोटे पर्दे पर कॉमेडी का सफर शुरु किया था। इस शो में भारती ‘लल्ली’ के किरदार की वजह से काफी फेमस हुई थीं। इस शो में हिट होने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने ‘कॉमेडी सर्कस 3 का तड़का’ और ‘कॉमेडी का महासंग्राम’ में जैसे शोज से लोगों को खूब हंसाया। भारती को सफलता इतनी आसानी से नहीं मिली। एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद इस बात का खुलासा किया था कि बचपन से ही उनको बढ़े हुए वजन के कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उनके मोटापे का अक्सर मजाक बनाया जाता था। लेकिन भारती ने इसे अपनी कमजोरी नहीं बल्कि ताकत बनाई। भारती कभी निराश नहीं हुईं बल्कि उन्होंने इसे अपनी ताकत बनाई और खुद के वजन पर जोक मारकर लोगों को हंसाने के साथ-साथ आलोचकों कड़ा संदेश भी दिया। इसके अलावा भारती को सोशल मीडिया पर कई बार उनके लुक की वजह से ट्रोल करने की कोशिश भी की गई है लेकिन हर बार मुंहतोड़ जवाब देकर उनकी बोलती बंद की है। भारती सिंह केवल एक स्टैंड-अप कॉमेडियन ही नहीं बल्कि एक अच्छी एंकर भी हैं। वह कई रियलिटी शो और अवॉर्ड फंक्शन में अपनी एंकरिंग का जलवा दिखा चुकी हैं। होस्टिंग के दौरान उनकी शानदार कॉमिक टाइमिंग ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। इसी प्रतिभा के दम पर वह लोगों को हंसने पर मजबूर कर देती हैं। भारती सिंह की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने स्क्रिप्ट राइटर हर्ष लिंबाचिया से शादी रचाई। हाल ही में यह कपल एक बेटे के पेरेंट्स बने हैं। भारती अक्सर अपनी पिक्चर्स और वीडियो सोशल मीडिया पर फैन्स के साथ शेयर करती हैं।

घरेलू हिंसा का शिकार हो रही है दिया और बाती फेम सुरभि तिवारी……. 
टीवी की दुनिया से खुद को दूर कर चुकीं एक्ट्रेस सुरभि तिवारी शादी के बाद से एक बदतर लाइफ जी रही हैं और इसका खुलासा उन्होंने खुद अपने इंटरव्यू में किया है। साल 2000 के दशक में टेलीविजन पर्दे पर सुरभि तिवारी अच्छी पॉप्युलर रहीं। उन्होंने कहानी घर घर की, शगुन, कुमकुम एक प्यारा सा बंधन, दिया और बाती हम जैसे कई टीवी सीरियलों से घर-घर में अपनी पहचान बना ली। साल 2017 के बाद से वह गायब हो गईं और वजह थी शादी। शादी के बाद से अब तक सुरभि ने काफी कुछ झेला है, जिसमें धोखा-धड़ी, घरेलू हिंसा, अननैचुरल सेक्स जैसी कई और चीजें हैं। सुरभि ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ अब जाकर मुंह खोला है और पायलट, बिजनेसमैन प्रवीण कुमार सिन्हा, उनके माता-पिता और दोनों बहनों के खिलाफ अंधेरी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई है। सुरभि ने इस फैमिली पर जो भी सनसनीखेज आरोप लगाए हैं, वो हैरान करने वाले हैं। आइए, बताते हैं वो 10 बातें, जो हसबैंड प्रवीण और उनके परिवार पर आरोप लगाते हुए सुरभि ने कही हैं।
1. मेरे सगे मामा की डेथ हो गई थी, मैं एयरपोर्ट जा रही थी। मैंने कहा कि प्रवीण मैं तुम्हारा क्रेडिट कार्ड यूज कर लूं? तो उसने पूछा- क्यों। मैंने उनसे कहा कि- दो घंटे पहले पहुंचना पड़ता है, मुझे भूख लग जाएगी एयरपोर्ट पर। उसने कहा- नहीं, नहीं एयरपोर्ट पर कुछ खाने की जरूरत नहीं है तुम्हें। मैंने कहा- 150 रुपये का आएगा प्रवीण। उसने कहा- 150 रुपया बहुत महंगा है, तुम घर से खाना बनाकर लेकर जाओ। एयरपोर्ट पर 150 रुपये का खाना मत खाना। शादी में मैं इस तरह के कंडीशन से गुजर रही थी।
2. लॉकडाउन चल रहा था और बाहर से कुछ खाना नहीं था। पहला लॉकडाउन, जो काफी स्ट्रिक्ट था। राशन लाती थी तो उसका फोटो खींचकर प्रवीण को देना पड़ता था। सारे बिल का फोट खींचकर देना पड़ता था और फिर वो मिलाता था कि क्या सामान आया है क्या नहीं। इसमें उसने पानी पुरी का पैकेट देखा। उसने कहा- तुमने पानी पुरी का पैकेट क्यों मंगाया। मैंने कहा- प्रवीण बाहर का कुछ खा नहीं सकते, घर में तो मैं बना सकती हूं। उसने कहा- मत खाओ पानी-पुरी, ये क्यों खाने की जरूरत है। बेसिक खाना खाओ।
3. इन लोगों ने बुली करना शुरू कर दिया। मुझे बॉडी शेम किया करते थे कि तुम मोटी हो, तुम अच्छी नहीं दिख रही हो। तुम्हारी ऐज आ जा रही है। जो मन में आता था वो बोलते थे मुझे ये लोग। प्रवीण ने तो मुझे यहां तक बोल दिया था कि तुम मोटी हो इसलिए मैं तुम्हें पैसे नहीं दूंगा।
4. प्रवीण पटना, आरा के हैं, लेकिन दिल्ली में रहते हैं। शादी के पहले जब हमारी पहली बात हुई तो प्रवीण ने कहा कि वह दिल्ली से मुंबई शिफ्ट होने के लिए तैयार है। उसने कहा था कि मैं घरजमाई बनकर थोड़े न रहूंगा, मेरी इतनी हैंडसम सैलरी है, मैं यहां अपना खुद का घर लूंगा। जब मैं पहली होली पर मुंबई आने लगी तो उसने साफ कह दिया कि मेरे पास पैसे नहीं हैं, मैं नहीं आ सकता। उसने ये भी कहा कि- मुंबई में मैं घर-वर नहीं ले पाऊंगा। मेरा घर बिना लिख-पढ़ी के मेरे से ही किराए पर ले लिया। उसने कहा जिस महीने तुम मेरे साथ ट्रैवल नहीं करोगी 20 हजार रुपये दूंगा और जिस महीने मेरे साथ ट्रैवल करोगी यानी क्लियर है कि उस महीने काम नहीं ले रही हो उस महीने 10 हजार दूंगा। घर ईएमआई पर था तो वो कैसे पे होगा। मैं अपनी मां को 5 हजार रुपये भी नहीं दे पाती थी।
5. प्रवीण के डैड एडमिट थे और उनकी मॉम का मैं रोज गर्म पानी और टॉवल से पैर सेंकती थी। और फिर एक बार मां का कॉल आया तो मैंने कहा कि घर काफी दिन से बंद है तो आप सफाई करवा लेना। फिर प्रवीण की मां ने पूछा कि तुम्हारे घर की चाभी तुम्हारी मां के पास कैसे है? एक बात बताइए कि मैं अपनी चाभी अपने घर वालों को नहीं दूंगी तो किसको दूंगी, जिन्होंने मुझे जन्म दिया है। उसी वक्त उसकी मां ने पूछा कि तुम्हारी मां के पास जेवर कितने हैं, वो कैलकुलेट कर रही थीं कि मेरी मां मरेगी तो मेरे हिस्से कितने जेवर आएंगे। बता दूं कि उसकी मां ने जितने जेवर दिए थे वो 18 कैरेट के थे जबकि शादी के जेवर 22 कैरेट के बनते हैं। बात-बात पर इन्होंने धोखा दिया है, हर चीज झूठ।
6. पहली ऐनिवर्सरी थी, उसने कहा दिल्ली में करना है। ऐनिवर्सरी की इस पार्टी में मेरे जितने दोस्त हैं उनका नाम था, लेकिन मेरी फैमिली का नाम नहीं था। मैंने कहा तो उसने बोला कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं सबको बुलाने को। मुझे लग रहा था ये लोग मेरा इस्तेमाल कर रहे हैं।
7. मैं दिल्ली जाती थी तो स्मॉग की वजह से मेरी तबीयत खराब हो जाती थी। मुझे फीवर था और मैं कमरे में सो रही थी। इन्होंने मुझे उठाने के लिए पहले मेड को भेजा और फिर नौकर को जो मुझे हिलाकर जगाने लगा कि नाश्ता लगा हुआ है। एक बहू के कमरे में किसी लड़के को कैसे कोई भेज सकता है। मेरी तबीयत खराब थी, एकत मसाज वाली को बुलाया, वो मुस्लिम थी, उसपर भी प्रवीण की दोनों बहनों ने बवाल काट दिया कि कोई मुस्लिम हमारे किचन में कैसे घुस सकती है, उसने कैसे चूल्हे को हाथ लगाया। उस मेड को भी टॉर्चर करना शुरू कर दिया। दोनों बहनों ने मुझे घर से निकलने को कह दिया। वहीं ससुर भी खड़े थे किसी ने कुछ नहीं कहा। इससे पहले प्रवीण ने भी कई बार लोगों के सामने एयरपोर्ट पर मुझपर चिल्लाया है। जितना मैं घर संभालना चाहती थी उतना ही ये टॉर्चर कर रहे थे।
8. वो इंडस्ट्री के मेरे बड़े-बड़े दोस्तों के बदौलत अपना बिजनस शुरू करना चाहता था, उनके नाम का इस्तेमाल करना चाहता थी, जिसके लिए मैंने साफ-साफ ना कर दिया था।
9. उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं किसी तकलीफ में हूं। मुझे दांत की फिलिंग करानी है उसे इससे कोई मतलब नहीं। आखिरकार मैंने तलाक मांगा उसके लिए भी वो तैयार नहीं हुआ। आखिर में मुझे पुलिस में एफआईआर करानी पड़ी। मैं तो शांति से तलाक चाहती थी।
10. प्रवीण की मां चाहती थीं कि बहू इलेक्शन में खड़ी हो। मुझे फोर्स किया जाता था मिनिस्टर्स लोगों से मिलने के लिए कि आपको इनसे मिलना है उनसे मिलना है। जबकि मैं क्लियर बोल चुकी थी कि मुझे पॉलिटिक्स में कोई इंटरेस्ट नहीं। मुझे संजय जोशी, जो आरएसएस के हेड हैं उनसे मिलने कहा जाता था, कैबिनेट मिनिस्टर आर के सिंह से मिलने के लिए बोला जाता था। उसकी मां जिद पर थी जबकि सबको पता था कि मैं इन लोगों से मिलने में कम्फर्टेबल नहीं। उसकी मां का एक ही अजेंडा था- वजन कम करो और मिनिस्टर लोगों से मिलो। मेंटली और इमोशनली उन्होंने मुझे इतना तोड़ दिया था कि मुझे आत्महत्या के खयाल आने लगे थे। इनकी बातें मुझे इतना डराता थी कि मैं साइकायट्रिस्ट के पास जाने लगी, मुझे रातों क नींद नहीं आती थी। लगता था कि मैं जिंदा ही क्यों हूं मुझे मर जाना चाहिए। मैं अपनी ही फैमिली में कॉर्नर कर दी गई थी।

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