ऑफ द रिकॉर्ड/विदेश यात्रा के लिए वैक्सीन हो सकता है अनिवार्य

  • नगीन बारकिया
वैक्सीन

विदेश यात्रा के लिए वैक्सीन हो सकता है अनिवार्य
कोरोना संक्रमण ने दुनिया की रफ्तार ही बदलकर रख डाली है। संभव है कि भविष्य में अब आपको विदेश जाने के पहले अपने पासपोर्ट में यह भी देखना पड़े कि उसमें वैक्सीन की एंट्री है या नहीं। जी हां, अब पासपोर्ट में वैक्सीन की प्रविष्ठि अनिवार्य की जा सकती है। वैक्सीन पासपोर्ट को लेकर चर्चाएं भी तेज हो गई हैं। इसके मद्देनजर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस दिशा में सक्रिय हो गया है। संभावना है कि आने वाले दिनों में सभी देशों के साथ चर्चा के बाद संगठन एक विस्तृत गाइडलाइन इस बारे में जारी कर सकता है। सूत्रों का कहना है कि ऐसी खबरें हैं कि कुछ देश अपनी गाइडलाइन बना रहे हैं, जिनमें सभी मौजूदा टीके शामिल नहीं किए जा रहे हैं।  इसके बाद भारत समेत कई देशों ने इस मुद्दे को डब्ल्यूएचओ के समक्ष रखा है। हालांकि डब्ल्यूएचओ वीजा के लिए टीके की अनिवार्यता की शर्त जोड़ने के पक्ष में नहीं है फिर भी यह संभावना है कि एक व्यापक दिशा-निर्देश उसकी तरफ से जारी किए जाएंगे ताकि इस मुद्दे पर भ्रम की स्थिति न हो। वैसे ज्यादातर देश चाहते हैं कि टीकाकरण में सभी मौजूदा टीकों को शामिल किया जाना चाहिए।

कांग्रेस में असंतोष की सुगबुगाहट तेज
देश में हाल ही में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली करारी हार से कांग्रेस नेतृत्व काफी विचलित है तथा एक दूसरे के ऊपर हार का ठीकरा फोड़े जाने के बहाने ढूंढे जा रहे हैं। हार के कारणों की समीक्षा के लिए गठित कांग्रेस की समिति जवाबदेही तय करने की सिफारिश कर सकती है। इसके लिए प्रदेश कांग्रेस संगठन और प्रदेश प्रभारी को जवाबदेह बनाया जा सकता है ताकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी और प्रदेश प्रभारी को हटाकर उनकी जगह नए लोगों को जिम्मेदारी दी जा सके। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अभी हो यह रहा है कि हार के बाद प्रदेश कांग्रेस पर किसी तरह की कोई जिम्मेदारी तय नहीं की जाती है। प्रदेश अध्यक्ष खुद त्यागपत्र की पेशकश करते हैं, पर कई बार वर्षों तक इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाता है। इस बारे में नेताओं की राय यह है कि हारने वाले प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और प्रभारी को एक तय वक्त तक संगठन में कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी जानी चाहिए। अभी तक यह होता रहा है कि हार के बाद प्रभारी से राज्य की जिम्मेदारी छीन कर किसी दूसरे राज्य का प्रभार सौंप दिया जाता है। प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों में भी कोई बदलाव नहीं होता है। इसी कारण कोई बदलाव महसूस ही नहीं होता। इसी जवाबदेही को लागू करने को लेकर नेतृत्व में सुगबुगाहट काफी तेज है।

टीएमसी में वापसी पर क्या बोले तथागत राय
बंगाल विधानसभा के चुनाव परिणाम भाजपा के लिए अनपेक्षित रहने के कारण पार्टी में भारी बेचैनी महसूस की जा रही है। विशेषकर टीएमसी नेताओं की घरवापसी की गतिविधियों ने तो भाजपा नेताओं की आपसी लड़ाई को चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है। पूर्व राज्यपाल तथा भाजपा नेता तथागत राय ने तो बयान जारी कर टीएमसी के दलबदलुओं पर निर्भरता रखने को भाजपा की बहुत बड़ी गलती बताया। उन्होंने सोमवार को कहा कि पुराने लोगों को नजरअंदाज कर तृणमूल कांग्रेस के जिन दलबदलुओं का भाजपा में स्वागत किया गया था, वे अब अपने ”असली रंग” दिखाने लगे हैं। रॉय ने कहा कि ऐसे सभी लोग एक के बाद एक अपनी पुरानी पार्टी में शामिल हो जाएंगे। अपने विवादास्पद बयानों के लिए पहचाने जाने वाले सांसद तथागत रॉय ने कहा, ”मेरी बात सही साबित हुई है। 20-30 साल पुराने लोगों को नजरअंदाज कर, जिन नए आने वालों का भाजपा में बाहें फैलाकर स्वागत किया गया, वे अब एक के बाद एक वापस तृणमूल कांग्रेस में जाने की तैयारी में हैं।’ वरिष्ठ नेता ने कहा कि बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी के अवांछनीय तत्व विधानसभा चुनाव से पहले भगवा दल में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि उनके विचार से चुनाव से पहले पाला बदलने वाले ऐसे नेताओं को अगले छह महीने तक तृणमूल कांग्रेस में भी शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

केवल एक ओटीपी और आपका मोबाइल नंबर चेंज
दूरसंचार विभाग ने मोबाइल फोन उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत दी है। यदि आप प्रीपेड कनेक्शन के उपभोक्ता है और पोस्टपेड में कन्वर्ट करना चाहते हैं तो ये महज एक वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के जरिए आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए न तो आपको सिम कार्ड बदलने की जरूरत होगी और न ही किसी तरह के केवाईसी की। सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया ने दूरसंचार विभाग से इस संबंध में मंजूरी मांगी थी। बताया गया है कि दूरसंचार विभाग के एडीजी सुरेश कुमार ने कहा था कि, “प्रीपेड से पोस्टपेड और पोस्टपेड से प्रीपेड में कन्वर्ट करने की प्रक्रिया को कंपनियों द्वारा बताए जाने वाले नियमों के अनुसार लागू किया जा सकता है। इसके लिए महज मूल्यांकन की जरूरत है, जिसके बाद इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।” इस तरह यह माना जा सकता है कि यह कार्य जल्द ही पूर्णता पा लेगा।

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