- नगीन बारकिया

सबसे भरोसेमंद बनकर उभरे यूपी के सीएम आदित्यनाथ
कुछ दिनों पहले तक जिन मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की कुर्सी हिलती दिखाई दे रही थी और जिनके नेतृत्व पर संकट खड़ा होता हुआ नजर आ रहा था वही योगीजी प्रदेश के जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में अप्रत्याशित नतीजे लाने के कारण सबसे भरोसेमंद सीएम बनकर उभरे हैं। स्वयं पीएम मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और अमित शाह खुले मन से योगी की तारीफ करने से नहीं हिचक रहे हैं। कल ही घोषित हुए इन नतीजों में कुल 75 में से 67 सीटें जीतकर सीए योगी ने अपने विरोधियों को उन्हीं की तर्ज का जवाब दिया है। यह नतीजे सपा द्वारा बनाए गए 63 सीटों के रिकार्ड को तोड़ने वाले भी साबित हुए। जाहिर है कि इन नतीजों के राजनीतिक गलियारों में मायने तलाशे जाएंगे। कारण साफ है कि राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए एक तरह से शंखनाद हो चुका है। वैसे भी इन चुनावों को सेमीफाइनल माना जा रहा था। सपा के हाथ केवल छह सीटें ही लगी और उसका तथा कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया। यहां तक कि मैनपुरी जिले में भी सपा को खाली हाथ रहना पड़ा और रायबरेली में कांग्रेस को कुछ न मिला। हां बागपत में अवश्य रालोद ने अपनी सीट बचाए रखी। राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार इस जीत के बड़े संदेश के साथ भाजपा की ग्रामीण क्षेत्र में सक्रियता और बढ़ेगी। इस जीत को पीएम ने योगी तथा समर्पित कार्यकतार्ओं की जीत बताया जबकि सीएम योगी ने इसे पीएम मोदी की नीतियों तथा नेतृत्व की जीत कहा।
जारी है लोजपा पर हक जमाने की लड़ाई और मची है पासवान नाम की लूट
बिहार में इन दिनों अलग ही सियासी धूम मची है। वहां के प्रसिद्ध नेता रामविलास पासवान की कल 5 जुलाई को जयंती मनाई जाना है और उसे कौन आधिकारिक रूप से मनाए इसे लेकर घमासान मचा हुआ है। हर कोई रामविलास नाम की माला जपने को तैयार बैठा हुआ है। जैसे जैसे जयंती का समय नजदीक आ रहा है वैसे वैसे चिराग गुट और पशुपति पारस गुट में तो जुबानी जंग तेज होती जा ही रही है, लालू यादव का राजद भी इस जयंती को मनाने के लिए तैयार बैठा है। राजद नेताओं का कहना है पासवान सबके नेता थे। उधर शनिवार को पशुपति कुमार पारस ने कहा कि पार्टी और पार्टी कार्यालय को लेकर कोई विवाद नहीं है। वर्ष 1990 में जब मैं मंत्री था तब से पार्टी कार्यालय का आवंटन किया गया है। उल्लेखनीय है कि बिहार में लोजपा के टूट के बाद से ही चिराग पासवान और पशुपति पारस के बीच तकरार जारी है। पशुपति पारस ने पांच लोकसभा सांसद के समर्थन से पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी थी। इसके बाद चिराग पासवान को लोजपा संसदीय दल के नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। दूसरी तरफ चिराग गुट की ओर से प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने पांच जुलाई को चिराग पासवान की यात्रा को लेकर बैठक की। बैठक में हुलास पांडेय, विनोद सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।
तीसरी लहर के संदर्भ में अगस्त का महीना अहम
देश में कोरोना की दूसरी लहर ढलान पर है लेकिन अभी से तीसरी लहर को लेकर आशंकाएं गहरा रही हैं। इस बीच आईआईटी कानपुर की एक स्टडी में बताया गया है कि अगर कोरोना वायरस का बहुत तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट नहीं बना तो तीसरी लहर पहली लहर के मुकाबले भी कमजोर होगी। इसका पूवार्नुमान ‘सूत्र’ मॉडल के आधार पर लगाया गया है। सूत्र विश्लेषण के मुताबिक अगर तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट नदारद रहता है तो तीसरी लहर पहली के जैसी ही होगी। सूत्र एनालिसिस करने वाले वैज्ञानिकों की टीम में शामिल आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने बताया कि तीसरी लहर छोटी हो सकती है। यह कमजोर हो सकती है। अगर कोई तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट नहीं रहा तो यह एक कमजोर लहर होगी। लेकिन अगर वायरस का कोई तेजी से फैलने वाला म्यूटेंट रहता है तो तीसरी लहर पहली वाली लहर के जैसे ही होगी। उन्होंने कहा कि जो सबसे आशावादी अनुमान है, उसके मुताबिक अगस्त तक जीवन सामान्य ढर्रे पर आ जाएगा बशर्ते कि कोई नया म्यूटेंट न आए। दूसरा अनुमान यह है कि टीकाकरण 20 प्रतिशत कम प्रभावी होगा। इसलिए अगस्त का महीना अत्यंत अहम है।
अब फ्रांस में भी हो रही है राफेल डील की जांच
राफेल लड़ाकू विमान सौदे में धांधली की जांच की आंच फ्रांस के बड़े नेताओं पर भी पड़ सकती है। फ्रांस के स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की जांच कर रहे जज फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद समेत कई नेताओं से पूछताछ कर सकते हैं। यहीं नहीं वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से भी सवाल-जवाब किए जा सकते हैं। मैक्रॉन सौदे के वक्त वित्त मंत्री थे और ओलांद राष्ट्रपति थे। दरअसल फ्रेंच एनजीओ शेरपा ने वर्ष 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन तब फ्रांस की पब्लिक प्रॉसिक्यूशन सर्विस पीएनएफ ने इसे खारिज कर दिया था। वहीं, दसॉल्ट एविएशन की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इससे पहले कंपनी की तरफ से इस बात को लेकर इनकार किया गया था कि भारत और फ्रांस के बीच हुए राफेल सौदे में कोई धांधली हुई है।