– प्रणव बजाज
चर्चा में है केंद्रीय मंत्री सिंधिया और गुना सांसद केपी यादव की मुलाकात
राजनीति में समीकरण बिगड़ते-बनते रहते हैं। यहां स्थाई कुछ नहीं होता। ऐसा ही एक वाकया केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गुना सांसद केपी यादव की मुलाकात का है। जो हाल ही में सियासी जगत की सुर्खियों में है। दरअसल लोकसभा चुनाव में गुना सीट से श्रीमंत को भाजपा की ओर से उनके ही समर्थक रहे केपी यादव ने पटखनी दी थी। समीकरण बदले तो अब सिंधिया भी भाजपा में हैं और केंद्र में मंत्री हैं। सांसद यादव ने दोनों की मुलाकात की फोटो शेयर की है, जो चर्चा का विषय बनी है। यादव ने दो फोटो शेयर किए हैं, एक में वे सिंधिया को बधाई दे रहे हैं और दूसरे में गुना संसदीय क्षेत्र में नियमित हवाई सेवा शुरू करने के लिए पत्र सौंप रहे हैं। बता दें कि सांसद केपी यादव सिंधिया परिवार के करीबी माने जाते थे। वर्ष 2018 में मुंगावली सीट पर टिकट ना मिलने की वजह से सिंधिया और यादव के बीच में मनमुटाव शुरू हो गया था। बाद में यादव ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और 2019 के चुनाव में भाजपा ने उन्हें गुना से मैदान में उतारा था।
मंत्री विजय शाह का फिर सामने आया अटपटा बयान
सतना जिले के प्रभारी मंत्री विजय शाह की जुबान एक बार फिर फिसल गई और अब वे एक महिला अधिकारी के बारे में अटपटा बयान देकर सुर्खियों में हैं। दरअसल वे शिव सरकार के ऐसे मंत्री हैं, जो हमेशा ही अपने कारनामों और अजीबोगरीब बयानों की वजह से चर्चा में बने रहते हैं। हाल ही में वे सतना जिले के दौरे पर पहुंचे थे। जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे। तभी एक महिला मरीज को परिजन कंधे पर लादकर भर्ती कराने जा रहे थे। यह देखकर मंत्री भड़क गए और मरीज के परिजनों को रोककर पूछा कि स्ट्रेचर, व्हीलचेयर क्यों नहीं लाए। जब परिजनों ने बताया कि ओपीडी में स्ट्रेचर और व्हील चेयर नहीं है। महिला की हालत बिगड़ रही थी इसलिए कंधे पर ले जाना पड़ रहा है। इस दौरान मंत्री शाह की जुबान फिसल गई और उन्होंने कह दिया कि इसे मैडम (स्वास्थ्य अधिकारी) के ऊपर डाल दो।
जब पूर्व मंत्री रामपाल सिंह पर भड़क उठी महिला
सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है जिसमें पूर्व मंत्री और रायसेन जिले के विधायक रामपाल सिंह पर एक महिला भड़क रही है। दरअसल याचना करने वाली महिला इस वीडियो में कह रही है कि आप हम मतदाताओं की बात नहीं सुनते हैं। हमें हर बार ..तिया बना कर चले जाते हैं। वीडियो देखकर ऐसा लग रहा है कि महिला अपनी समस्या लेकर विधायक के पास आई थी, लेकिन विधायक ने उसे अनसुना कर दिया और गाड़ी में बैठ कर जाने लगे। इस पर महिला भड़क गई और उसने माननीय को कुछ ऐसे शब्द कह दिए जो सहज और सम्मानित तो कतई नहीं कहे जा सकते है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि जिन मतदाताओं ने चुनाव में उन्हें भरपूर सहयोग देकर जिताया है, क्या वे वाकई जनता की बात को नहीं सुनते, यदि जनता परेशान है तो इसकी शिकायत लेकर कहां जाएं।
ऊर्जा मंत्री के बंगले पर हो रही लाखों की फिजूलखर्ची
प्रदेश में जहां एक तरफ तीनों बिजली कंपनियां हजारों करोड़ रुपए के घाटे में हैं और बिजली महंगी कर आम जनता को झटका देने की तैयारी में हैं। वहीं दूसरी ओर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के बंगले को संवारने के लिए लाखों रुपए की फिजूलखर्ची की जा रही है। बता दें कि हाल ही में पावर मैनेजमेंट कंपनी ने दो हजार छह सौ उन्तीस रुपए का घाटा दिखाकर इसकी भरपाई के लिए बिजली दरों में वृद्धि की मांग विद्युत नियामक आयोग से की थी। दिलचस्प है कि घाटा कम करने के लिए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ही खर्चों में कटौती करने और फिजूलखर्ची पर रोक लगाने की सलाह बिजली कंपनियों को दी है। वहीं दूसरी ओर शहर में ऊर्जा मंत्री के सरकारी बंगले पर ही बिजली विभाग द्वारा लाखों रुपए फिजूल खर्च किए जा रहे हैं। सूत्रों की माने तो बिजली विभाग ने साठ लाख रुपए से अधिक कमरों के निर्माण और साज-सज्जा पर खर्च कर दिए हैं। ऐसे में मंत्री की दोहरी मानसिकता उजागर हो गई है।