- प्रणव बजाज
क्या प्रदेश की मुख्यधारा में वापस आना चाहती हैं उमा भारती
प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री साध्वी उमा भारती को लेकर सियासत से लेकर संगठन तक में चर्चा है। दरअसल चर्चा का कारण उनका हाल ही में दिया गया बयान है। करीब 16 साल के लंबे अंतराल के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में आने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने खुलकर कहा कि वे लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं और इससे पहले संगठन में काम करना चाहते हैं। ज्ञात रहे फिलहाल उमा के पास कोई दायित्व नहीं है। वे 2019 में लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ीं लेकिन तीन साल से प्रदेश में ही सक्रिय हैं। उमा कुछ समय से भाजपा के केंद्रीय एवं प्रदेश नेतृत्व की जमकर तारीफ कर रही हैं। जितनी तारीफ वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की करती हैं उतनी ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की। उमा को लगता है कि उनका कोई बयान नुकसान पहुंचा सकता है तो वे उसे संशोधित करने में देर नहीं करती। उन्होंने ट्वीट के जरिए अपनी बात पार्टी नेतृत्व तक पहुंचा पहुंचाना पड़ रही है। इसलिए जब उन्होंने चुनाव लड़ने एवं संगठन में सक्रिय रहने की बात कही तो लगातार लगभग 30 ट्वीट किए इससे उनकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
फिर चर्चा में हैं भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर
भोपाल की लोकसभा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर यदा-कदा सुर्खियों में बनी ही रहती हैं। इस बार वे आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजन को कांग्रेस की टूल किट का हिस्सा बताए जाने को लेकर फिर चर्चा में हैं। दरअसल डॉ. राजन ने पिछले दिनों साध्वी प्रज्ञा के गोमूत्र का सेवन करने के बावजूद कोरोना पीड़ित होने की बात शेयर की थी। जिसके बाद सांसद प्रज्ञा ने यह प्रतिक्रिया दी है। साध्वी प्रज्ञा सिंह का कहना है कि 1928 में अंग्रेजों द्वारा स्थापित एनजीओ आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजन द्वारा मेरे स्वास्थ्य के लिए असत्य कथन कहा गया। मैं स्वस्थ हूं और अपने भोपाल जिले में कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगी हूं। डॉक्टर राजन ने महर्षि पतंजलि के योग भगवान धनवंतरी के आयुर्वेद, गौ माता, भारतीय वेशभूषा, साधू-सन्यासियों और भारतीय सनातन संस्कृति का अपमान किया है। साध्वी ने कहा कि मैं गोमूत्र अर्क लेती हूं और मुझे कोरोना नहीं है। मुझे अस्वस्थ बताकर देशभक्तों का अपमान किया गया है।
मंत्री भूपेंद्र सिंह की राहुल गांधी को खरी-खोटी
प्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को जमकर खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक हैं। राहुल कोरोना का वह वेरिएंट हैं जिनके लिए वैक्सीन बनाने में वैज्ञानिकों को कई साल लग जाएंगे। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर राहुल गांधी को कोसा। दरअसल इसके पीछे की वजह राहुल गांधी का वह बयान है जिसमें उन्होंने कोविड को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ मोड़ते हुए मोविड बताया है। मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि राहुल गांधी उखड़ती सांसों पर भी राजनीति कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोरोना के खिलाफ सफल प्रयासों को भी नौटंकी बता रहे हैं। यह उनके दिमाग की कमजोरी को उजागर करता है। भूपेंद्र ने अपने ट्वीट में लिखा कि कांग्रेस के नाम पर देश की सबसे ट्रैजिक नौटंकी के सरगना राहुल गांधी कोरोना से भी अधिक खतरनाक हैं। उनके घातक विषाणु से देश के सम्मान की रक्षा जरूरी हो गई है।
अब सरकारी स्कूल के बच्चे भी वाट्सएप पर पढ़ेंगे
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में भी अब निजी स्कूलों की तरह ही पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी व्हाट्सएप के जरिए पढ़ाई करेंगे। राज्य शिक्षा केंद्र ने इस संबंध में सभी स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि दस जून से पहले व्हाट्सएप पर कक्षावार समूह बनाकर पढ़ाई शुरू कराना सुनिश्चित करें। पढ़ाई की व्यवस्था पूरे प्रदेश में एक जैसी रखने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि निगरानी में दिक्कत ना आए। राज्य शिक्षा केंद्र का कहना है कि आठवीं कक्षा का व्हाट्सएप समूह तब डिलीट होगा जब बच्चे नौवीं कक्षा में पहुंच जाएंगे, जबकि पहली कक्षा में हर बार नया समूह बनेगा। राज्य शिक्षा केंद्र में विद्यार्थी के आसपास रहने वाले ऐसे व्यक्ति को मेंटर बनाने को कहा है जो पढ़ाई में बच्चे की मदद कर कर सके। एक मेंटर तीन से चार बच्चों को पढ़ा सकता है। बता दें कि प्रदेश के अधिकांश निजी स्कूल पहले ही अपने बच्चों को समूह बनाकर व्हाट्सएप के जरिए पढ़ाई करा रहे हैं।