बिहाइंड द कर्टन/रापुसे के दो अफसर नहीं बन सकेंगे आईपीएस

  • प्रणव बजाज
रापुसे

रापुसे के दो अफसर नहीं बन सकेंगे आईपीएस
संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष प्रदीप जोशी की अध्यक्षता में बीते रोज हुई पदोन्नति समिति की बैठक में राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस अफसर के रूप में  पदोन्नत करने के लिए हुई बैठक में 11 अफसरों के नामों को हरी झंडी दी गई। खास बात यह है कि इस दौरान जिन नामों को चर्चा के लिए रखा गया था, उनमें से दो नामों को अयोग्य पाया गया है। यह हैं अनिल मिश्रा और देवेंद्र सिरोलिया। अनिल मिश्रा के खिलाफ एक महिला द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों की सीआईडी जांच चल रही है , जबकि सिरोलिया के खिलाफ भी एक पुराना मामला है। इन दोनों अफसरों के नाम बीते साल की डीपीसी की बैठक में भी रखे गए थे , लेकिन उनके लिफाफा तक नहीं खोले गए थे। यह अफसर रापुसे के 1995 बैच के हैं। बीते साल इस सेवा के आठ अफसरों को आईपीएस बनने का मौका मिला था।

सरकार ने भी माना दोगुने दर पर खरीदा प्याज की बीज
प्याज के बीज खरीदी के मामले में अब तो सरकार भी स्वीकार कर चुकी है कि इसके लिए दोगुनी से अधिक कीमत चुकाई गई है। विधानसभा में खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाह कांग्रेस विधायक राकेश मावई के लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया कि उद्यानिकी विभाग द्वारा 23 सौ रुपए प्रति किलो की दर से 7960 किलो बीज की खरीदी की गई है। उन्होंने माना है कि अधिक दामों पर बीज की खरीदी के मामले में शासन स्तर के अलावा ईओडब्ल्यू द्वारा भी जांच की जा रही है। खास बात यह है कि इसके बाद भी इस मामले में अब तक सरकार द्वारा संबंधित अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके उलट सरकार ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू और प्रकरण को सरकार के पास भेजने वाली प्रमुख सचिव को ही विभाग से रुखसत कर दिया है।

और तीन साल में करनी पड़ी 5 परीक्षाएं निरस्त
मप्र के प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीइबी) की कार्यशैली प्रदेश के बरोजगार युवाओं पर बीते कई सालों से भारी पड़ रही है। इसके बाद भी इस संस्थान के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। हाल यह हैं कि बीते तीन सालों में कुल पांच परीक्षाएं निरस्त की जा चुकी हैं। इसे सरकार ने खुद विधानसभा में स्वीकार किया है। इसके पीछे की वजह सरकार प्रश्न पत्र की त्रुटि और तकनीकी कारणों को बता रही है। विधानसभा में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने सज्जन सिंह वर्मा के प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि अगले साल 2022 में दस भर्ती परीक्षा आयोजित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 के नर्स संवर्ग की परीक्षा निरस्त की गई। इसी तरह से वर्ष 2019 में उच्च शिक्षा माध्यमिक पात्रता परीक्षा के अंतर्गत अंग्रेजी का प्रश्न पत्र निरस्त करना पड़ा था। वर्ष 2018 में नायब तहसीलदार विभागीय सीमित भर्ती परीक्षा को प्रश्न पत्र से जुड़े तकनीकी कारण से निरस्त किया गया था।

समरथ को नही दोष गुसाईं
भाजपा विधायक राकेश गिरी के मामले में समरथ को नहीं दोष गुसाईं वाली कहावत पूरी तरह से फिट बैठती है। दरअसल मामला उनकी पत्नी लक्ष्मी गिरी का है। उन पर धोखाधड़ी का एक मामला चल रहा है। इस मामले में न्यायालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए जा चुके हैं , लेकिन उनके सामने आ जाने पर या तो सभी पूरी तरह से लगभग अंधतत्व को प्राप्त हो जाते हैं या फिर स्मृति विश्राम की बीमारी का शिकार बन जाते हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि वे खुलेआम न केवल घूमती है , बल्कि पुलिस सहित जिले के आला अफसरों के साथ भी सार्वजनिक रुप से कार्यक्रमों में भी शामिल होती हैं , लेकिन मजाल है कि उनकी गिरफ्तारी की कोई हिम्मत दिखा पा रहा हो। हद तो यह हो गई कि फरारी के बाद वे सूबे के मुखिया से लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष तक से मिलकर फोटो भी खिचवाती हैं और फिर इन फोटो को फेसबुक पर भी नुमाया करने में पीछे नहीं रहती हैं। अगर यही मामला किसी आम आदमी का होता तो वह अब तक ने केवल जेल में होता बल्कि, उसके परिजन तक अघोषित रुप से थाने की हवा खा चुका होता।  

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