
- प्रणव बजाज
प्रदेश के ढाई गुना अधिक नगरीय निकाय हुए खुले शौच से मुक्त
प्रदेश के 248 नगरीय निकाय खुले में शौच की समस्या से मुक्ति प्राप्त करते हुए ओडीएफ आए हैं। पिछले साल 378 निकायों में से 108 निकाय ओडीएफ आए थे। आंकड़ों की बात की जाए तो साल में लगभग ढाई गुना निकायों ने ओडीएफ की कड़ी परीक्षा पास की है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के मुताबिक सभी निकायों के परिणाम आने पर तीन सौ से अधिक नगरीय निकाय ओडीएफ प्रमाणीकरण प्राप्त करने में सफल होंगे। ओडीएफ आने के लिए निकाय में कुल उपलब्ध सार्वजनिक, सामुदायिक शौचालय के 25 प्रतिशत शौचालय उत्कृष्ट मानदंडों के होना चाहिए। इसमें मुख्य रूप से पानी की निरंतरता, प्रकाश व्यवस्था सेनेटरी नैपकिन एवं इंसीनरेटर की व्यवस्था आदि होना अनिवार्य है।
विधायक शैलेन्द्र जैन खबर पढ़कर तुरंत हुए मदद के लिए तैयार
सागर के बाघराज वार्ड निवासी ऑटो चालक की बेटी वैष्णवी सोनी पायलोनेफ्राइटिस नामक किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं। शहर के लोगों ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी डाली, जिसे पढ़कर सागर विधायक शैलेंद्र जैन तुरंत मदद के लिए एक्शन में आ गए। उन्होंने पहले तो वैष्णवी के भाई को फोन करके हाल जाना। संपूर्ण स्वास्थ्य की जानकारी ली। उसके बाद डॉक्टर की सलाह पर बीमारी से संबंधित जांचें कराने का निर्णय लिया। ये जांचें विधायक अपने खर्चे से करा रहे हैं। विधायक शैलेंद्र जैन बाघराज वार्ड स्थित छत्रसाल नगर कॉलोनी पहुंचे और वैष्णवी सोनी के स्वास्थ्य का हाल जाना। उन्होंने वैष्णवी की बीमारी से संबंधित सभी कागजात इकट्ठा कराकर उचित इलाज के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। विधायक जैन के मुताबिक जांच के बाद भी यदि वैष्णवी को आगे इलाज की जरूरत पड़ी तो शासन स्तर पर या अपने स्तर पर इलाज के पूरे प्रयास करेंगे।
डेटाबेस के विश्लेषण से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने पुलिस की सराहना
छह राज्यों में शुरू हुए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मध्यप्रदेश ने इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। एडीजी पीटीआरआई डीसी सागर के मुताबिक प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की रियल टाइम डेटाबेस एंट्री के लिए इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस ऐप प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सबसे पहले प्रारंभ किया गया था। जिसमें 11 लाइट हाउस जिलों को जोड़ा गया था। इस ऐप के जरिए सड़क दुर्घटनाओं के डेटाबेस के विश्लेषण से भविष्य में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने की रणनीति बनाने एवं क्रियान्वित करने में सहयोग मिला है। फिलहाल यह प्रदेश के 47 जिलों में क्रियाशील है। इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस ऐप को शुरुआत में छह पायलट राज्य उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान तथा मध्य प्रदेश में शुरू किया गया था। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश पुलिस को इस उपलब्धि और प्रदर्शन की सराहना की है।
मप्र पुलिस महिलाओं की मदद करने वालों को कर रही प्रोत्साहित
मप्र पुलिस महिलाओं के सम्मान की खातिर आवाज उठाने वालों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है। ऐसे कई केस सामने हैं जिनमें पीड़ित महिलाओं की लोगों ने आगे होकर मदद की है। इंदौर में दो मूकबधिर बच्चियां एक मनचले से परेशान थीं। एक व्यक्ति वीडियो कॉल कर अश्लील हरकत करता था। दोनों उसका नंबर ब्लॉक करतीं तो वह दूसरे नंबर से कॉल करता था। ऐसे में मोनिका पुरोहित ने उनकी मदद की। मोनिका के प्रयासों से आरोपी को सजा भी हुई। बुरहानपुर में कोचिंग में आने वाली छात्राओं से कुछ मनचले छेड़छाड़ करते थे। प्रियांशु ठाकुर ने हिम्मत दिखाई और कलेक्टर को ज्ञापन देकर समस्या की ओर ध्यान दिलाया। दूसरे दिन ही डायल 100 की वहां तैनाती कर दी गई और छेड़छाड़ बंद हो गई। पुलिस द्वारा प्रचार माध्यमों से ऐसे मददगारों की प्रशंसा की जा रही है उनके संस्मरण समाज के सामने रखे जा रहे हैं। महिला अपराध शाखा की पुलिस महानिरीक्षक दीपिका सूरी के अनुसार ऐसा करने से महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में कमी आएगी।