बिहाइंड द कर्टन/फिर अटक गई डीएफओ की तबादला सूची

  • प्रणव बजाज
तबादला सूची

फिर अटक गई डीएफओ की तबादला सूची
वैसे तो प्रदेश में तबादलों पर प्रतिबंध है, लेकिन फिर भी कई विभागों में आला अफसरों के तबादलों को देखकर लगता है कि तबादलों का सीजन चल रहा है। अब वन विभाग ने आईएफएस अफसरों की एक सूची जारी की है। इसमें नौ अफसरों की नए सिरे से पदस्थापना की गई है। इसके बाद भी डीएफओ की पदस्थापना वाली सूची अटक गई है। जिस सूची का सबसे अधिक इंतजार था, वहीं हर बार अटक जाती है। जो सूची जारी हुई है उसमें एपीसीसीएफ और सीसीएफ की पदस्थापना नए सिरे से की गई है। इसमें 1990 बैच के आईएफएस अधिकारी विभाष कुमार ठाकुर 9 महीने के भीतर ही अपनी पसंदीदा पदस्थापना कराने में कामयाब हो गए। उन्हें लघु वनोपज संघ में पदस्थ किया गया है।  एपीसीसीएफ शशि मलिक की कार्यशैली से नाराज विभाग ने पदेन सीसीएफ ग्वालियर सर्किल से हटाकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक मुख्यालय भोपाल पदस्थ किया है। बताया जा रहा है कि डीएफओ के दो दर्जन नामों वाली सूची में शामिल कुछ नामों को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है, जिसकी वजह से उसे जारी नहीं किया जा सका है।

दो आईएएस सहित नौ अफसर भी संदेह के घेरे में
सीहोर जिला अस्पताल के कथित स्टोर कीपर कृष्ण बल्लभ वर्मा पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की गई कार्रवाई की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है उसमें कई चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। प्रारंभिक जांच में जो जानकारी सामने आयी है उसके मुताबिक वर्मा की मददगार के रुप में दो आईएएस , चार सीएमओ व तीन सिविल सर्जन के नाम आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि वर्मा एंड कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए हर साल टेंडर निरस्त करा दिए जाते थे। स्टोरकीपर का रुतबा ऐसा है कि जिला अस्पताल में उसके कार्यकाल में जो भी आला अफसर पदस्थ रहा वह उसके हिसाब से की काम करने लगता था। इनमें चार सीएमएचओ और तीन सिविल सर्जन के नाम उसके मददगार के रुप में सामने आ रहे हैं। यही वजह रही है कि वर्मा की इच्छा के विपरीत बीते चार सालों में सीहोर जिला अस्पताल में कोई भी टेंडर नहीं हो सका। अगर धोखे से कोई टेंडर हो भी जाता था, उसके प्रभाव में वह निरस्त कर दिए जाते थे। अब देखना तो यह है कि वर्मा के इन मददगार अफसरों पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो अपना शिकंजा कस पाता है या नहीं।

बड़ सकती हैं लोनिवि ईएनसी की मुश्किलें
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता नरेंद्र कुमार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसकी वजह है उनके खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई शिकायत । इस शिकायत में कहा गया है कि उनकी पत्नी और बेटे के नाम से विभाग में एनबीएएल कंपनी रजिस्टर्ड है, जो कि सिविल टेस्ट लैब के नाम पर ठेकेदारों के लिए काम करती है। इस शिकायत के बाद सीएम सचिवालय ने विभाग को जांच के आदेश दे दिए हैं। दरअसल उनके द्वारा नियमों को ताक पर रखकर पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर इन चीफ नरेंद्र कुमार ने अपनी पत्नी और बेटे के नाम पर विभाग में मैटेरियल टेस्टिंग लैबोरेट्री पंजीकृत करा रखी है। उनके बेटे का नाम राकेश वर्मा और पत्नी का गीता वर्मा है। यह कंपनी पीडब्ल्यूडी में कार्यरत ठेकेदारों, डीपीआर कंसल्टेंट, ब्रिज कॉन्टैक्टर के पास डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप में कार्यरत है। नरेंद्र कुमार पीडब्ल्यूडी में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं और वर्तमान में  शीर्ष पद यानी प्रमुख अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। ऐसे में वे पद का प्रयोग कर अपनी कंपनी को काम दिलाने के लिए ठेकेदारों को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप में प्रभावित कर रहे हैं।

बोले दिग्विजय श्रीमंत के जाने से कांग्रेस में हुई एका
पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह चंबल अंचल के दौरे पर गए तो प्रदेश में पार्टी की सरकार गिराने से लेकर पार्टी की फूट का पूरा ठकीरा श्रीमंत पर फोड़ने से पीछे नहीं रहे। उन्होंने यहां तक कह दिया की श्रीमंत के जाने के बाद कांग्रेस में एका हो गई है। उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि श्रीमंत के पिताजी और दादा जी से मेरे अच्छे संबंध थे। उन्होंने खुलासा किया की श्रीमंत के पिता स्वर्गीय माधवराव सिंधिया को कांग्रेस में लाने के लिए संजय गांधी के नेतृत्व में मैं और अर्जुन सिंह जी आगे आए थे। जब वे कांग्रेस में थे तब में ग्वालियर-चंबल अंचल में दौरा करने के लिए नहीं आता था, इससे बड़ी सम्मान की और क्या बात हो सकती है। इस दौरान उनके द्वारा मोदी सरकार पर हमला बोलते कहा गया कि इस समय पूरे देश भर में सभी बड़ी-बड़ी प्रोजेक्ट बेचे जा रहे हैं। मोदी जी कह रहे हैं कि 70 साल में कुछ विकास नहीं हुआ तो फिर वह हर संपत्ति को क्यों बेच रहे हैं। महंगाई के साथ ही पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। मुरैना में शक्कर कारखाना है, उसको भी सरकार ने  नीलामी करने के लिए कार्रवाई कर दी है। यही वजह है कि आज पूरे मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी उनके खिलाफ खड़ी हुई है।   

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