बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/नरसिंहपुर विधायक पुत्र समेत दस आरोपी दोषमुक्त

नरसिंहपुर विधायक

नरसिंहपुर विधायक पुत्र समेत दस आरोपी दोषमुक्त
गोटेगांव मारपीट और दलित के साथ जातिगत अपमान से संबंधित नौ साल पुराने मामले में नरसिंहपुर विधायक जालम सिंह पटेल के पुत्र मणिनागेंद्र सिंह मोनू पटेल समेत सभी दस आरोपी दोषमुक्त कर दिए गए हैं। शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश अखिलेश शुक्ला ने ये फैसला दिया। इस मामले में एक सप्ताह पूर्व सभी आरोपियों ने कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण किया था, वे जेल में थे। गौरतलब है कि गोटेगांव थाने में वर्ष 2014 को दलित से मारपीट के मामला दर्ज किया गया था। न्यायालय में साक्ष्य के दौरान अभियोजन कथानक से भिन्न गवाही होने के कारण न्यायाधीश अखिलेश शुक्ला ने मणिनागेंद्र सिंह, राजू राजपूत, दीपक सोनी, अन्नू सिंह, सचिन पाठक, श्याम नायक, शुभम पटेल, वीरेंद्र तिवारी, अजरुन पटेल, राजेश राजपूत को सभी आरोपों से दोषमुक्त किया है।

अब जयवर्धन भी हुए हमलावर
दिग्विजय सिंह के बाद अब उनके विधायक बेटे जयवर्धन भी श्रीमंत पर हमलावर हो गए हैं। कांग्रेस में रहने के दौरान भी दिग्विजय सिंह व श्रीमंत के बीच अदावद तो रहती ही थी , लेकिन तब पार्टी के अनुशासन की वजह से दोनों नेता खुलकर सामने नहीं आते थे , लेकिन अब दल बदल चुके हैं, सो दोनों एक दूसरे पर व्यक्तिगत हमलावर बने हुए हैं। कमलनाथ ने भी इसी अदावद की वजह से दिग्विजय सिंह को ग्वालियर -चंबल अंचल सौंप रखा है। विधानसभा चुनावी तैयारियों के तहत बीते रोज जयवर्धन सिंह ग्वालियर पहुंचे तो उन्होंने मीडिया से चर्चा में श्रीमंत पर जमकर हमला बोला। उन्होंने इस दौरान तंज कसते हुए कहा कि ग्वालियर चंबल में श्रीमंत कांग्रेस के लिए चुनौती नहीं बल्कि भाजपा के लिए ही परेशानी है। हालात यह हो गए है कि भाजपा के मूल नेता अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उनके ऊपर ऐसे नेता को बैठा दिया है जो सौदे के तहत भाजपा में आए हैं।

विजयवर्गीय को मिली राहत  
इन दिनों भाजपा नेताओं के अच्छे दिन चल रहे हैं। उनके खिलाफ विभिन्न न्यायालयों में चल रहे मामलों में फैसला पक्ष में आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला है भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का। बीते रोज सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के एक बयान को महिला विरोधी बताते हुए उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। हालांकि युगलपीठ ने कहा कि याचिका खारिज की जाती है, लेकिन इसे यह नहीं समझा जाना चाहिए कि वह बयान को मंजूरी दे रही है। जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना ने कहा कि याचिकाकर्ता को इस मामले में निचली अदालत का रुख करना चाहिए। बता दें कि भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बीती 6 अप्रैल को महिलाओं के पहनावे को लेकर एक सामाजिक कार्यक्रम में विवादित बयान दिया था।

शंकराचार्य ने उठाए सवाल  
पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने फर्जी शंकराचार्य के सवाल पर कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस, भाजपा ने अपने-अपने शंकराचार्य बनाए। देश में नकली पीएम, सीएम, राज्यपाल नहीं हैं, लेकिन नकली शंकराचार्य हैं। शासन की सहमति नहीं होती तो कैसे नकली शंकराचार्य बनकर घूम सकते हैं। ऐसे लोगों को सजा क्यों नहीं मिलती। मुलायम सिंह ने अंगद नामक व्यक्ति को 4 पीठ का शंकराचार्य बनाकर घुमाया। लालू यादव ने रमेराम नामक व्यक्ति को शंकराचार्य बनाया, जिनको दंडी स्वामी बनाने का अधिकार नहीं उनको शृंगेरी वालों ने दंडी स्वामी बना दिया। उन्होंने राजनेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो राजनेता राजनीति की बात करते हैं पहले वे राजनीति की परिभाषा तो ठीक से बता दें। संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के हिन्दू राष्ट्र बनाए जाने की सवाल पर उन्होंने कहा कि जिनका नाम लिया है वे पहले गीता के पहले अध्याय का पहला पाठ तो बता दें। भागवत छत्तीसगढ़ में कहते है हिंदू राष्ट्र बनाएंगे, लेकिन दूसरे राज्यों में जहां पर लहर है, वे वहां कहते हैं देश हिंदू राष्ट्र है, ये भागवत की कूटनीति है।

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