- प्रणव बजाज
दिग्विजय सिंह के बयान पर श्रीमंत का पलटवार
केन्द्रीय मंत्री श्रीमंत ने अब पूर्व मुख्यमंत्री और अपने धुर विरोधी दिग्विजय सिंह पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि मंै जब कांग्रेस में था तब भी कुछ लोगों को मेरी वजह से खुजली होती थी और अब पार्टी छोड़ चुका हूं, तो भी खुजली होती है। यह प्रतिक्रिया उन्होंने दिग्विजय सिंह के ग्वालियर- चंबल अंचल में लगातार सक्रिय रहने और साफतौर पर आपको निशाने पर लेने के प्रश्न के उत्तर में दी है। दरअसल सिंह ने दो दिन पहले ग्वालियर में कहा था की बीते चुनाव में कांग्रेस जीती थी , लेकिन यह पता ही नहीं चला की कब श्रीमंत बिक गए हैं। श्रीमंत यहां अपने नए शासकीय आवास के गृह प्रवेश के अवसर पर पत्रकारों से बात कर रहे थे।
प्रद्युम्न के निशाने पर आयी कांग्रेस
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली संकट पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर दो दिवसीय सत्र बुलाने की मांग पर अब पलटवार किया है। उनका कहना है की अन्य राज्यों की तुलना में मप्र में बिजली की स्थिति अच्छी है। चर्चा करनी है तो दिग्विजय सिंह के कार्यकाल के समय के बिजली संकट पर होना चाहिए। उस समय बिजली संकट की वजह से छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा था और अस्पतालों में भी मरीज दम तोड़ दिया करते थे। उधर, एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले में कहा है की बिजली के अभाव में फसलें और सब्जियां सूख गई हैं और शहरों में भी अब अघोषित बिजली कटौती हो रही है। मैने तो इन हालातों को देखते हुए ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
सरकार का गुस्सा अब भी पुरुषोत्तम पर
जिस तरह से रिटायर्ड होने के अंतिम साल में प्रदेश की भाजपा सरकार के निशाने पर पूर्व एसीएस राधेश्याम जुलानिया रहे हैं, उसी तरह से पुरुषोत्तम शर्मा भी बने हुए हैं। भ्रष्टाचार के बड़े मामलों में भी अफसरों पर कार्रवाई नहीं करने वाली सरकार ने घरेलू हिंसा के मामले में पहले पुरुषोत्तम शर्मा को निलंबित किया और अब बहाल करने को तैयार नही है। बार-बार निलंबन बढ़ाने के बाद अब कैट ने उनकी बहाली के आदेश दिए हैं , लेकिन सरकार है कि मानने को तैयार नही है। हालत यह है की शर्मा ने आदेश मिलने के बाद अपनी आमद पुलिस मुख्यालय को दी तो उसे शासन ने निरस्त कर दिया है और अब उनके मामले में हाईकोर्ट जाने की तैयारी में लग गई है। इसकी वजह से अब माना जाने लगा है की जुलानिया की तरह ही शर्मा को भी नौकरी से विदाई लेनी पड़ सकती है।
जुलानिया की मुश्किलें नही हो रही कम
अपने अच्छे समय में अक्खड़ स्वभाव और कर्मचारियों के साथ अभद्रता करने के लिए चर्चित रहे पूर्व आला ब्यूरोक्रेट राधेश्याम जुलानिया की मुश्किलें कम होने का नाम नही ले रही हैं। पहले बगैर काम नौकरी करने पर मजबूर हुए और सेवानिवृत्त हुए तो भी परेशानियां बरकरार बनी हुई हैं। अब उनकी परेशानी की वजह है उनका निजी मकान । यह मकान उनके द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर राजधानी के उसे इलाके में बनाया गया है, जहां पर वन्य जीवों का आश्रय स्थल है। दूसरों को नियमों का पाठ बढ़ाते रहे जुलानिया ने अपने निजि मकान के लिए कानून की खुलकर धज्जियां उड़ाई। यही धज्जियां उड़ाना अब उन्हें भारी पड़ रहा है। दरअसल उनके द्वारा टाइगर मूबमेंट वाले इलाके में छह सौ वर्गफीट के निर्माण की अनुमति लेकर छह हजार वर्गफुट से अधिक में निर्माण कर लिया गया। यह मामला कोर्ट में जाने पर अब उनकी पत्नी को नोटिस जारी कर पक्ष रखने को कहा गया है। माना जा रहा है की इस मामले में कार्रवाई होना तय है।