बिच्छू राउंडप/ये हैं दुनिया के अनोखे देश.. एक की तो आबादी 30, तानाशाह चलाता है शासन

  • नगीन बारकिया
तानाशाह

ये हैं दुनिया के अनोखे देश.. एक की तो आबादी 30, तानाशाह चलाता है शासन
दुनिया में कई ऐसी चीजें हैं जो आपको चौंका सकती हैं। वैसे तो दुनिया में कुल 195 देश हैं, जिनमें 193 यूएन यानी संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देश हैं और दो देश आॅबजर्वर। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में कई ऐसे ‘देश’ भी हैं जो दावा तो देश होने का करते हैं लेकिन उन्हें न तो संयुक्त राष्ट्र से मान्यता है और न ही किसी और देश से। ऐसे स्वघोषित राष्ट्रों को माइक्रोनेशन कहा जाता है। इनके पास अपना बॉर्डर है, अपना कानून है, अपनी बैंकिंग व्यवस्था है और अपने सैनिक भी हैं, लेकिन उन्हें देश के रूप में न तो यूएन मानता है और न ही पड़ोसी देश। इनमें एक की आबादी तो केवल 30 लोगों की है और उनकी सीमा में 4 कुत्ते भी रहते हैं। यानी कुल 34 जीव। इस देश में तानाशाह का शासन है और अपनी सेना भी, अपनी सीमा भी है और अपना कानून भी। एक इलाका तो ऐसा था जिसपर किसी पड़ोसी देश ने दावा नहीं किया तो अलग देश ही घोषित कर लिया वहां के लोगों ने।

देश की सबसे बड़ी कॉरपोरेट डील को आरबीआई की ह्यहांह्ण
फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर कंपनी एचडीएफसी लिमिटेडऔर उसकी बैंकिंग सब्सिडियरी एचडीएफसी बैंक के विलय की राह अब आसान हो गई है। देश के कॉरपोरेट जगत के इतिहास की इस सबसे बड़ी डील को अब रिजर्व बैंक ने भी ओके कर दिया है। दोनों प्रमुख शेयर बाजार बीएसई और एनएसई इस डील को पहले ही मंजूरी दे चुके हैं। अब रिजर्व बैंक ने नोटिफाई किया कि उसने डील को ‘नो ऑब्जेक्शन’ दे दिया है।एचडीएफसी बैंक ने सोमवार देर रात बीएसई को इसकी जानकारी दी। बैंक ने बीएसई से कहा, ‘इस संबंध में यह सूचित किया जाता है कि एचडीएफसी बैंक को रिजर्व बैंक से 04 जुलाई की तारीख वाला एक लेटर मिला है। लेटर के अनुसार, आरबीआई ने डील की स्कीम के लिए नो ऑब्जेक्शन दे दिया है। हालांकि यह लेटर में मेंशंड कुछ शर्तों के अधीन होगा।’ आगे देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक ने बताया कि अभी इस डील को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल और अन्य संबंधित प्राधिकरणों की मंजूरी प्राप्त करनी होगी।

भारत में 49% पुरुषों और 65% महिलाओं ने कभी यूज नहीं किया इंटरनेट
2 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जर्मनी की राजधानी बर्लिन में थे। यहां उन्होंने भारतीयों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जितना सस्ता डाटा भारत में है, वो बहुत से देशों के लिए अकल्पनीय है। ये पहली बार नहीं था जब पीएम मोदी ने भारत में सबसे सस्ता इंटरनेट होने की बात कही।  2014 से पहले तक भारत में एक जीबी डेटा की औसत कीमत 269 रुपये थी, लेकिन अब एक जीबी डेटा की औसत कीमत 54 रुपये के आसपास आ गई है। वहीं, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5 के आंकड़े बताते हैं कि भारत में 49% घरों में ही इंटरनेट कनेक्शन है। भारत में अभी भी 65 फीसदी से ज्यादा महिलाओं और लगभग 50 फीसदी पुरुषों ने कभी इंटरनेट का इस्तेमाल किया ही नहीं है। एनएफएचएस के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 33% महिलाएं और 51% पुरुष ही ऐसे हैं, जिन्होंने कभी न कभी इंटरनेट का इस्तेमाल किया है। ये सर्वे ये भी बताता है कि शादी करने वालों की तुलना में शादी नहीं करने वाले महिला और पुरुष इंटरनेट का इस्तेमाल करने में आगे है।

राम मंदिर के आंदोलन से निर्माण तक, 500 सालों के इतिहास पर बनेगी डॉक्यूमेंट्री फिल्म
राम मंदिर के लिए हुए संघर्ष और बलिदान को अब पर्दे पर दिखाया जाएगा। जी हां, राम मंदिर आंदोलन के संघर्ष को डॉक्यूमेंट्री फिल्म के जरिए पर्दे पर दिखाने की तैयारी की जा रही है। इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म में 1528 से लेकर राम मंदिर निर्माण की हर एक कड़ी को पेश किया जाएगा। फिल्म का उद्देश्य राम मंदिर आंदोलन के पिछले 500 सालों के संघर्ष को अगली पीढ़ी तक पहुंचाना है।  इस डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंदिर भूमि पूजन का दृश्य भी दिखाया जाएगा। फिल्म को लेकर हर बारीकी पर ध्यान दिया जा रहा है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मार्गदर्शन में इसको लेकर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई जा रही है। प्रसार भारती ने इस डॉक्यूमेंट्री पर काम भी शुरू कर दिया है। राम मंदिर संघर्ष और आंदोलन से लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद मंदिर निर्माण तक की एक-एक कड़ी को इस डॉक्यूमेंट्री में पिरोया जाएगा।

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