बिच्छू राउंडअप/सुनीता विलियम्स की वापसी का प्लान फाइनल, लेकिन खतरे कम नहीं, चलना भूलीं

सुनीता विलियम्स
  • रवि खरे

सुनीता विलियम्स की वापसी का प्लान फाइनल, लेकिन खतरे कम नहीं, चलना भूलीं
नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों की तय समय से पहले ही धरती पर वापसी हो सकती है। अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, स्पेसएक्स आगामी अंतरिक्ष यात्री उड़ानों के लिए कैप्सूल बदला जाएगा। इस बदलाव को इसलिए किया जा रहा है ताकि, बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को मार्च के अंत या अप्रैल के बजाय मार्च महीने के बीच में घर लाया वापसी कराई जा सके। इससे फैसले के बाद अब दोनों ही अंतरिक्ष यात्रियों के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रुकने के समय में दो सप्ताह की कमी आएगी। उनके अंतरिक्ष में गए हुए पिछले हफ्ते आठ महीने पूरे हो गए। सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को नासा के एक मिशन पर गई हुई थीं। नासा के वाणिज्यिक चालक दल प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने बताया कि मानव अंतरिक्ष उड़ान अप्रत्याशित चुनौतियों से भरी हुई होती है। पायलटों को एक सप्ताह के उड़ान डेमो के बाद जून में बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर वापस लौटना चाहिए था। लेकिन, कैप्सूल को अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने में इतनी परेशानी हुई कि नासा ने इसे खाली वापस लाने का फैसला किया। इस वजह से इस जोड़ी को स्पेसएक्स को सौंप दिया। फिर स्पेसएक्स ने एक नए कैप्सूल पर उनके प्रतिस्थापन के प्रक्षेपण में देरी की। ऐसा इसलिए हुए क्योंकि इसके लिए ज्यादा तैयारी की जरूरत थी।

74 त्न लोग हर किसी पर करते हैं भरोसा, डेनमार्क सबसे ईमानदार देश?
डेनमार्क के लगभग 74 फीसदी लोग मानते हैं कि दुनिया में तकरीबन सारे लोग भरोसेमंद हैं। वे अनजान लोगों पर भी शक नहीं करते। ऐसा आपसी भरोसा किसी और देश में नहीं। यही वजह है कि इस यूरोपियन मुल्क को दुनिया का सबसे कम भ्रष्ट हिस्सा माना जा रहा है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की हालिया रिपोर्ट में लगातार सातवें साल इसे सबसे कम करप्ट माना गया।  करप्शन पर काम करने वाले इंटरनेशनल एनजीओ ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने अपना सालाना करप्शन परसेप्शन इंडेक्स जारी किया। इसमें 180 देशों को 0 से 100 तक नंबर दिए गए। शून्य का मतलब बेहद या सबसे ज्यादा भ्रष्ट, और 100 या इसके करीब स्कोर करना मतलब साफ-सुथरा होना। इसमें 90 अंक लाते हुए डेनमार्क लगातार सातवें साल टॉप पर रहा। दुनिया की लगभग 6.8 बिलियन आबादी ऐसे देशों में रहती है, जिन्हें 50 से कम नंबर मिले। यहां तक कि अमेरिका और ईमानदार कहलाने वाले कई यूरोपियन देशों की रैंकिंग भी नीचे आ चुकी। लोग जब-तब भ्रष्टाचार की शिकायत भी करते हैं, लेकिन दिलचस्प है कि करप्शन कोई सरकारी मर्ज नहीं, बल्कि खुद लोगों के बीच पनपी हुई आदत है।

ब्रिटेन में भारतीय मूल की महिला के साथ दुर्व्यवहार, अंग्रेज ने की नस्लीय टिप्पणी
ब्रिटेन में एक भारतवंशी महिला को एक शख्स ने नस्लीय टिप्पणी की और दुर्व्यवहार किया। इसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में महिला खुद को भारतीय मूल की बता रही है। वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति ट्रेन में महिला पर चिल्ला रहा है। नशे में धुत शख्स महिला को कह रहा है कि हमने भारत में राज किया। हमने भारत को जीता था। भारत इंग्लैंड का था, हालांकि हमने भारत के लोगों को उनका देश वापस कर दिया।  वीडियो में यूके का एक व्यक्ति अप्रवासियों और देश में आव्रजन नीतियों के बारे में बात करते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो में शख्स महिला पर चिल्लाता देखा जा सकता है और महिला अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करती हुई दिखाई दे रही है। महिला का आरोप है कि वीडियो पोस्ट करने के बाद उसे नस्लवादी गालियां दी गईं, जिसके कारण उन्हें बाद में इसे डिलीट करना पड़ा। वीडियो में दिख रहे लडक़े की पहचान हो गई है और मैं पुलिस के पास जा रही हूं। अगर हर कोई नौकरी से निकाल दे तो यह बहुत बुरा होगा।

जामिया यूनिवर्सिटी के 14 छात्र हिरासत में लिए गए, कैंटीन बंद कराकर किया था प्रदर्शन
दिल्ली पुलिस ने सुबह तडक़े छह बजे जामिया यूनिवर्सिटी के 14 छात्रों को यूनिवर्सिटी प्रशासन की शिकायत पर हिरासत में लिया है। इन छात्रों पर आरोप है कि इन्होंने अपने प्रदर्शन के दौरान यूनिवर्सिटी की कैंटीन बंद कर दी थी और उसके बाहर बैठकर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे और कल कैंटीन के बाहर तोड़ फोड़ भी की थी। 2019 में हुई जामिया में पुलिस फायरिंग के विरोध में पीएचडी के दो छात्र उसकी बरसी बनाना चाहते थे, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उसकी इजाजत नहीं दी थी। इसके बावजूद ये छात्र अपने अन्य साथियों के साथ कार्यक्रम कर रहे थे, जिसके बाद यूनिवर्सिटी की तरफ से इन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया था। इस नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद यूनिवर्सिटी इन छात्रों के खिलाफ एक्शन लेने के मूड में थी, जिसके बाद इन छात्रों ने वहां हिंसक प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान छात्रों यूनिवर्सिटी के ही मेवाती छात्र संगठन के छात्रों से दो दिन पहले मारपीट भी हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी।

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