पहली बार लाइव स्ट्रीम हुई केरल हाई कोर्ट की सुनवाई, याचिकाकर्ताओं ने किया था अनुरोध
केरल उच्च न्यायालय ने शनिवार को पहली बार यूट्यूब पर अपनी कार्यवाही को लाइव-स्ट्रीम किया। सबरीमाला और मलिकप्पुरम मंदिरों में मुख्य पुजारी के पद के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए हाई कोर्ट शनिवार को विशेष तौर पर बैठा। केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक सिजिथ टीएल द्वारा किए गए अनुरोध के बाद अदालत ने यह कदम उठाया और विशेष सुनवाई के लिए बैठी। न्यायमूर्ति अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति पीजी अजित कुमार की खंडपीठ की विशेष बैठक को यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम किया गया। सिजिथ टीएल ने विजेश पीआर के साथ यह रिट याचिका दायर की, जो त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार योग्य पुजारी/अर्चक हैं, सिवाय इस शर्त के कि आवेदक केरल में पैदा हुए मलयाल ब्राह्मण का होना चाहिए। त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड द्वारा जारी अधिसूचना को याचिकाकर्ताओं ने इस आधार पर चुनौती दी है कि यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15(1) और 16(2) के तहत गारंटीकृत उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
एफबीआई ने भारत सरकार से किया संपर्क गोल्डी बराड़ के प्रत्यर्पण को लेकर हुई बात
हिंदुस्तान के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को जल्द ही अमेरिका से भारत लाया जा सकता है। पुलिस के बड़े अधिकारियों ने जानकारी दी कि अमेरिका के फेडरल ब्यूरो आॅफ इन्वेस्टिगेशन यानी एफबीआई ने राज्य पुलिस से इस संबंध में संपर्क किया है। गोल्डी बराड़ को लेकर एफबीआई ने विदेश मंत्रालय के जरिए पंजाब पुलिस से संपर्क साधा और सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता के बारे में जानकारियां मांगी हैं। गोल्डी बराड़ को कैलिफोर्निया की सैक्रामेंटो सिटी से पकड़ा गया था। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी पुष्टि करते हुए बताया था कि मोस्ट वांटेड गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को जल्द से जल्द भारत लाया जाएगा। गैंगस्टर से एफबीआई ने लंबी पूछताछ भी की है। पंजाब पुलिस और भारत की सेंट्रल एजेंसियां, अमेरिकी एजेंसी एफबीआई के इस कम्युनिकेशन को गोल्डी बराड़ के प्रत्यर्पण के संबंध में बड़ी कामयाबी मान रही हैं। वह 2017 से कनाडा में था और कानून प्रवर्तन और प्रतिद्वंद्वी गिरोहों के डर से हाल ही में अमेरिका चला गया था।
सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड की 24वीं किस्त को दी मंजूरी, इस तारीख से खरीद पाएंगे बॉन्ड
देशभर में राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने के लिए इलेक्टोरल या चुनावी बॉन्ड जारी किया जाता है। अगर आप भी इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा देना पसंद करते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। सरकार ने चुनावी या इलेक्टोरल बॉन्ड की 24वीं किस्त जारी करने की अनुमति दे दी है। इन बॉन्ड को 5 दिसंबर 2022 से खरीदा जा सकता है। इस मामले पर जानकारी देते हुए वित्त मंत्रालय मे बताया है कि इलेक्टोरल बॉन्ड की 24वीं किस्त की खरीदारी 5 दिसंबर 2022 से शुरू हो जाएगी। वहीं ग्राहक इसे 12 दिसंबर 2022 तक स्टेट बैंक की ब्रांच से खरीद पाएंगे। इससे पहले हाल ही इलेक्टोरल बॉन्ड की 23वीं किस्त 9 से 15 नवंबर 2022 को शुरू हुई थी। ऐसे में अगर आप 24वीं किस्त में पैसे निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए सुनहरा मौका है। आपको बता दें कि सरकार ने स्टेट बैंक को इलेक्टोरल बॉन्ड बेचने के लिए अधिकृत किया है। इस बॉन्ड को स्टेट बैंक की शिमला, देहरादून, कोलकाता, लखनऊ, नई दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, गांधीनगर, गुवाहाटी, गांधीनगर, भोपाल, रायपुर, मुंबई, चेन्नई, पटना समेत कुल 29 शहरों में एसबीआई ब्रांच से खरीदा जा सकता है।
संसद के शीतकालीन सत्र के लिए कांग्रेस ने तैयार की रणनीति, नेता विपक्ष बने रहेंगे खरगे
संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी के आवास पर पार्टी के संसदीय रणनीति समूह की बैठक में फैसला लिया गया कि सदन में तीन मुद्दों पर प्रमुख रूप से बहस की मांग करेगी। इसके साथ ही कांग्रेस ने इस सत्र के लिए लिस्टेड 17 विधेयकों में से 3 का विरोध करने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चीन से सटी नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव, अर्थव्यवस्था के खराब हालात और संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता पर सरकार के हस्तक्षेप के मुद्दे पर कांग्रेस सदन में बहस की मांग करेगी। जयराम ने कहा कि चीन से लगी सीमा पर 22 महीने से तनाव है लेकिन संसद में इस मुद्दे पर बहस नहीं हुई। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि संसद सत्र के लिए हुई कांग्रेस नेताओं की बैठक में मोरबी पुल हादसे से लेकर एम्स का सर्वर ठप पड़ने जैसे सायबर अपराध के मामलों, न्यायपालिका और सरकार के बीच तनाव, वायु प्रदूषण से लेकर कश्मीरी पंडितों की हत्या जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हुई।