बिच्छू राउंडअप/कनाडाई सिख नेता की आरएसएस-भारतीय राजनयिकों पर प्रतिबंध लगाने की मांग

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  • रवि खरे

कनाडाई सिख नेता की आरएसएस-भारतीय राजनयिकों पर प्रतिबंध लगाने की मांग
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा और भारत आमने-सामने हैं। दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के बाद रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने भी भारतीय राजनयिकों पर हत्या का बेशर्मी से आरोप लगाया है। इन सबके बीच, कनाडा के सिख नेता जगमीत सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय राजनयिकों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता सिंह पहले प्रधानमंत्री ट्रूडो की सत्तारूढ़ सरकार का समर्थन कर चुके हैं। गौरतलब है, लगातार बढ़ रहे तनाव के बीच कनाडा ने सोमवार को एक बार फिर आपत्तिजनक बयान दिया था। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि भारत कनाडा में मौलिक त्रुटि कर रहा है। साथ ही यहां कि पुलिस ने बेबुनियाद आरोप लगाया था कि भारतीय राजनयिक और वाणिज्य दूतावास के अधिकारी पद का लाभ उठाकर गुप्त जानकारियां जुटाने में शामिल रहे हैं। वहीं, इन सब आरोपों को भारत ने सिरे से नकार दिया। उसने कहा कि कनाडा आतंकवादी समूहों को शरण दे रहा है और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।

एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल पर कसेगा शिकंजा, सख्त होंगे नियम
एंटीबायोटिक दवाओं को लेकर केंद्र सरकार ने देश में और सख्त कानून लागू करने का फैसला लिया है। इसके लिए तीन समितियों का गठन किया है जो ऊपरी श्वसन तंत्र, बिगड़ैल बुखार और आबादी में फैले निमोनिया से लडऩे के लिए एंटीबायोटिक दवाओं को लेकर नियमों पर विचार करेंगी। समितियों में अलग अलग एम्स और देश के शीर्ष चिकित्सा संस्थानों के 19 डॉक्टरों को शामिल किया है। नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जानकारी दी है कि आगामी दिनों में एंटीबायोटिक दवाओं से जुड़े दिशानिर्देशों में संशोधन किया जा सकता है। यह तीनों समिति अलग अलग विषय पर वैज्ञानिक तथ्यों के साथ अपनी सिफारिश सौंपेंगी। ऊपरी श्वसन तंत्र को लेकर गठित समिति में कुल 11 डॉक्टर हैं जो दिल्ली, चैन्ने, पुणे, जयपुर, भोपाल, कल्याणी, गोरखपुर, राजकोट, चंडीगढ़ और गुवाहाटी के संस्थानों में कार्यरत हैं। वहीं बिगडैल बुखार को लेकर मणिपाल के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज और देवघर एम्स के दो विशेषज्ञों को जिम्मेदारी सौंपी है। इसी तरह आबादी में फैले निमोनिया को लेकर समिति में कुल आठ सदस्य हैं जो चेन्नई, पांडिचेरी, दिल्ली, एम्स मंगलागिरी, कोयंबटूर और एम्स देवघर में कार्यरत हैं। आईसीएमआर का कहना है कि देश के अधिकांश हिस्सों में एंटीबायोटिक दवाओं की प्रैक्टिस और स्वयं दवा लेने का रिवाज बना हुआ है।

तिमाही नतीजे आते ही फिसला मुकेश अंबानी का शेयर
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने अपने दूसरी तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है। इन पर नजर डालें तो कंपनी को सितंबर तिमाही में करीब 5 फीसदी का नुकसान हुआ है और ये घटकर 16,563 करोड़ रुपये रह गया है। हालांकि, कंपनी के रेवेन्यू में मामूली उछाल दर्ज किया गया है। दूसरी ओर जिओ प्लेटफॉम्र्स का चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही का नेट प्रॉफिट 23.4 फीसदी के इजाफे के साथ बढक़र 6,539 करोड़ रुपये हो गया है। सबसे पहले बात करते हैं रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के दूसरी तिमाही के नतीजों के बारे में, तो बता दें कि बीते कारोबारी दिन सोमवार को कंपनी की ओर से इनका ऐलान किया गया। मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस का सितंबर तिमाही में नेट प्रॉफिट 4.7 फीसदी गिरकर 16,563 करोड़ रुपये रहा है। सालभर पहले की समान अवधि में ये 17,394 करोड़ रुपये था।  दूसरी ओर रेवेन्यू की अगर बात करें, तो सालाना आधार इसमें मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है और ये 0.2 फीसदी बढक़र 2.35 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसके अलावा रिलायंस इंडस्ट्रीज की कुल इनकम 2.4 लाख करोड़ रुपये रही है, जो बीते साल की समान सितंबर तिमाही में 2.38 लाख करोड़ रुपये थी, यानी इसमें मामूली इजाफा हुआ है।  

बहराइच कांड का पाक से कनेक्शन! हिंसा की आड़ में माहौल बिगाडऩे की रची थी साजिश…
बहराइच में रविवार को सांप्रदायिक हिंसा भडक़ने के बाद प्रदेश का माहौल बिगाडऩे की साजिश के अहम सुराग हाथ लगे हैं। सोशल मीडिया पर कई अकाउंट्स के जरिये वीडियो और भडक़ाऊ बातें प्रचारित की जाने लगीं। इनमें जुलूस में शामिल लोगों को समुदाय विशेष के घरों में हमले का दोषी ठहराया गया। यह मामला देखते-ही-देखते देश भर में सुर्खियों में आ गया। इसकी वजह से कई अन्य शहरों में भी माहौल बिगडऩे से रोकने के लिए प्रशासन को इंटरनेट सेवाएं बंद करने का एहतियाती कदम उठाना पड़ा। पुलिस सांप्रदायिक हिंसा के अलावा वारदात से जुड़े हर पहलू की गहनता से जांच कर रही है, जिसमें सोशल मीडिया पर माहौल बिगाडऩे की साजिश भी शामिल है।

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