बिच्छू राउंडअप/एपल पर 815 करोड़ का जुर्माना, गुप्त रूप से कॉल रिकॉर्ड करने के मामला

  • रवि खरे

एपल पर 815 करोड़ का जुर्माना, गुप्त रूप से कॉल रिकॉर्ड करने के मामला

दुनिया की दिग्गज तकनीकी कंपनी एपल ने सीरी जासूसी मामले को लेकर 9.5 करोड़ डॉलर (करीब 815 करोड़ रुपये) के भुगतान पर सहमति जताई है। एपल उस मुकदमे का निपटारा करना चाहती है जिसमें आईफोन और अन्य ट्रेंडी डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले लोगों की जासूसी करने के लिए अपने वर्चुअल असिस्टेंट सीरी को तैनात करने का आरोप लगा। कैलिफोर्निया व ओकलैंड की संघीय अदालत में दायर प्रस्तावित समझौता 5 वर्ष पुराने मुकदमे का समाधान करेगा। आरोप है कि एपल ने एक दशक से अधिक समय तक आईफोन और वर्चुअल असिस्टेंट से लैस अन्य डिवाइस के माध्यम से बातचीत रिकॉर्ड करने के लिए गुप्त तौर पर सीरी को सक्रिय किया। मुकदमे में दावा किया गया कि रिकॉर्ड की गई कुछ बातचीत को विज्ञापनदाताओं के साथ साझा किया गया ताकि वे अपने उत्पादों को उन उपभोक्ताओं को बेच सकें, जिनकी वस्तुओं और सेवाओं में अधिक रुचि होने की संभावना है।

हश मनी केस: डोनाल्ड ट्रंप पर बड़ा संकट शपथ से पहले होगी कोर्ट में पेशी

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (78 साल) पर शपथ से पहले बड़ा संकट आ गया है। ट्रंप को एक पोर्न स्टार को पैसे देकर चुप रहने के मामले में अदालत में सुनवाई के लिए उपस्थित होना होगा। कोर्ट 10 जनवरी को सजा सुनाएगा। इस दौरान ट्रप को खुद कोर्ट में पेश होना पड़ेगा। हालांकि, जज ने जेल ना जाने के संकेत दिए हैं। कोर्ट यह आदेश राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने से दो सप्ताह से भी कम समय पहले आया है। ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। इससे पहले ट्रंप ने पोर्न स्टार को पैसे देने के आरोपों को खारिज किया था और इसे राजनीतिक साजिश बताया था। न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चेन ने संकेत दिया कि वो ट्रंप को जेल की सजा या जुर्माना नहीं देंगे, बल्कि उन्हें सशर्त रिहाई देंगे। साथ ही उन्होंने अपने आदेश में लिखा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से या वर्चुअल रूप से उपस्थित हो सकते हैं। जस्टिस जुआन मर्चन के फैसले का मतलब है कि ट्रंप को 20 जनवरी को अपने शपथ से ठीक 10 दिन पहले अदालत की सुनवाई में उपस्थित होना होगा, जो अमेरिकी इतिहास में एक अभूतपूर्व घटनाक्रम है।

बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य

केंद्र सरकार ने बहुप्रतीक्षित डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण (डीपीडीपी)-2025 का मसौदा जारी कर दिया है। इसमें नाबालिग बच्चों और दिव्यांगों के व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा पर जोर दिया गया है, हालांकि इसके उल्लंघन के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं है। मसौदे के अनुसार, बच्चों के डाटा का किसी भी रूप में इस्तेमाल करने के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य होगी। यानी, माता-पिता की सहमति के बिना कोई भी डाटा फिड्यूशरीज (व्यक्तिगत डाटा एकत्र करने व इसका इस्तेमाल करने वाली संस्थाएं) बच्चों का डाटा इस्तेमाल नहीं कर सकेंगी। करीब 14 महीने पहले संसद की ओर से डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण अधिनियम-2023 को मंजूरी देने के बाद मसौदा नियम सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किए गए हैं। मसौदा माईजीओवी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।

रुपये में आएगी दो साल की बड़ी गिरावट जल्द पहुंच सकता है 86 से नीचे

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद से डॉलर सूचकांक दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में लगातार मजबूत हो रहा है और यह 24 महीने से अधिक समय के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। डॉलर सूचकांक में मजबूती से रुपये में गिरावट का सिलसिला जारी है, जिसके थमने के आसार फिलहाल नहीं दिख रहे हैं। अनुमान है कि रुपया मार्च तिमाही, 2025 तक और टूटकर 86 से नीचे पहुंच सकता है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकनॉमी (सीएमआईई) का दावा है कि डॉलर की तुलना में भारतीय मुद्रा का मूल्य मार्च तिमाही, 2025 में घटकर औसतन 86.1 रुपये रह जाएगा। यह दिसंबर तिमाही, 2024 के 84.5 रुपये के औसत मूल्य के मुकाबले 1.9 फीसदी गिरावट को दर्शाता है, जो दो साल में सबसे ज्यादा है। पिछले दो साल में रुपये में किसी भी तिमाही में एक फीसदी से अधिक गिरावट नहीं देखी गई है। चालू वित्त वर्ष में भी हर तिमाही में भारतीय मुद्रा कमजोर हुई है और 2024 में इसमें 2.7 फीसदी गिरावट आ चुकी है।

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