- रवि खरे
दूसरी बड़ी उपलब्धि: विदेश में भी वंदेभारत का जलवा, कई देशों में भारी मांग
वो दिन दूर नहीं, जब विदेशी धरती पर भी वंदे भारत ट्रेनें दौड़ेंगी क्योंकि विदेशों में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। कनाडा, चिली, मलयेशिया जैसे देशों ने भारत से वंदे भारत ट्रेनों के आयात में रुचि दिखाई है। सूत्रों के मुताबिक, वंदे भारत में यूं तो बहुत सारी खूबियां हैं मगर इसकी कम लागत आकर्षण का सबसे बड़ा कारण है। दूसरे देशों में निर्मित ऐसी ट्रेनों की कीमत 160-180 करोड़ रुपये के आसपास है, जबकि वंदे भारत ट्रेन हमारे यहां 120-130 करोड़ रुपये तक में आ जाती है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की गति भी इसे बेहद आकर्षक बनाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया नीति की तेजस फाइटर जेट के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी सफलता है। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का डिजाइन भी काफी आकर्षक है। इसकी खासियत यह है कि विमान की तुलना में इसमें 100 गुना कम शोर का अनुभव होता है और इसकी ऊर्जा खपत बहुत कम है। वंदे भारत ट्रेन रफ्तार पकडऩे के मामले में जापान के बुलेट ट्रेन से भी कम समय लेती है। सूत्रों के मुताबिक, वंदे भारत को 0 से 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने में सिर्फ 52 सेकेंड लगते हैं।
लता दीदी के जीवटता उनकी आवाज में देती है सुनाई : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि स्वर कोकिला भारत रत्न स्व. लता मंगेशकर का नाम एक अद्वितीय गायिका के रूप में देदीप्यमान है। उनके नाम से प्रदान किये जाने वाले सम्मान समारोह में पांच पीढ़ी बैठी नजर आ रही है। उन्होंने अपने जीवन में अनेक उतार-चढ़ाव और संघर्ष के बावजूद संगीत के क्षेत्र में ऐसी अद्वितीय पहचान बनाई जो पीढिय़ों तक अविस्मरणीय रहेगी। उनके जीवन के विविध पक्ष और जीवटता उनकी आवाज में सुनाई देती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव इंदौर में राष्ट्रीय लता मंगेशकर सम्मान समारोह एवं संगीत संध्या को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लता दीदी ने कई पीढ़ी के गायकों के साथ सुमधुर गीत गाये। माँ सरस्वती को हमने न देखा और न सुना है, लेकिन लता दीदी की सुमधुर आवाज को सुन कर हमें साक्षात वीणा वादिनी का अहसास और स्पंदन होता है। उनकी जीवटता और उनके जीवन की यात्रा से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने स्वर साधना कर अनुपम ख्याति प्राप्त की। उनके गीतों ने आजादी के पहले और उसके बाद के कालखंड में अपनी विशिष्ट छाप जनमानस पर छोड़ी है।
मांझी रेल पुल के पास रेलवे ट्रैक पर बदमाशों ने रखा बड़ा पत्थर, बाल-बाल बची ट्रेन
बलिया-छपरा रेलखंड पर मांझी और बकुल्हा स्टेशन के बीच मांझी रेल पुल के पास बदमाशों ने ट्रेन हादसे की बड़ी साजिश रची है। बदमाशों ने रेलवे ट्रैक पर बड़ा सा पत्थर रख दिया। बताया जा रहा है कि बदमाशों ने पत्थर को ट्रैक पर रखकर लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस को हादसे का शिकार बनाने की कोशिश की। लेकिन, लोकोपायलट ने कंट्रोल रूम को सूचना दिया और ट्रेन रोक दी। घटना के बाद रेलवे की टीम जांच में जुट गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि शनिवार की सुबह लखनऊ छपरा एक्सप्रेस ट्रेन अपने सही समय से बलिया की ओर से सुरेमनपुर और छपरा के लिए चली थी। मांझी रेलवे पुल के पूरब लगभग 10.30 बजे 18-10 पर ट्रैक पर बड़ा पत्थर रखा हुआ था। 18/27 से 18/25 के बीच अचानक ट्रैक पर बड़ा पत्थर देख चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दी।
हाशेम सफीदीन हो सकता है हिजबुल्ला का अगला नया मुखिया
हिजबुल्ला के सूत्रों ने बताया है कि नसरल्ला के चचेरे भाई हाशेम सफीदीन को संगठन की कमान मिल सकती है। सफीदीन अभी हिजबुल्ला के राजनीतिक मामलों की देखरेख करता है। उसके संभावित उत्तराधिकारी होने की पूरी संभावना है। उधर, अमेरिका ने हवाई हमलों पर चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने लेबनान पर हवाई हमलों को लेकर अपनी चिंताओं को दोहराते हुए कहा कि कूटनीति का रास्ता कठिन लग सकता है लेकिन आगे बढऩे का यही सबसे अच्छा रास्ता है। उन्होंने कहा, मध्य पूर्व और विश्व अभी एक अनिश्चित क्षण का सामना कर रहे हैं। आने वाले दिनों में सभी पक्ष जो चुनाव करेंगे, उससे यह तय होगा कि यह क्षेत्र किस रास्ते पर जाएगा। इस्राइली सेना ने कहा है कि वह लेबनान से तनाव के चलते अतिरिक्त रिजर्व सैनिक तैनात कर रही है। उसने रिजर्व सैनिकों की तीन बटालियनों को सक्रिय कर दिया है।