देशभर में विरोध तो नागालैंड में भाजपा के दोस्त बने एनसीपी-जेडीयू विधायक
नगालैंड में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राज्य में अलग ही सियासत का खेल देखने को मिला है। देशभर में भाजपा का विरोध करने वाली शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने नगालैंड में भाजपा गठबंधन को समर्थन दे दिया है। वहीं, जेडीयू के एकमात्र विधायक ने भी समर्थन देने का एलान किया जिसके बाद पार्टी ने अपनी राज्य इकाई भंग कर दी। जेडीयू ने कहा कि राज्य इकाई ने बिना राष्ट्रीय नेतृत्व से बात कर फैसला लिया था। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने नगालैंड में नेफ्यू रियो की सरकार को समर्थन देने को हरी झंडी दे दी है। एनसीपी महासचिव नरेंद्र वर्मा ने शरद पवार के साथ बैठक के बाद कहा कि पवार ने नगालैंड के विकास और नेफ्यू रियो के साथ अपने अच्छे संबंधों के चलते सरकार का हिस्सा बनने को फैसला किया है।
‘अपना घर ठीक करो… ‘यूएन में भारत ने पाकिस्तान को दिया कड़ा संदेश
भारत ने संयुक्त राष्ट्र के मंच से पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि भारत पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाने से पहले पड़ोसी देश को अपना घर ठीक करना चाहिए। मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के सत्र में बोलते हुए, विदेश मंत्रालय की अवर सचिव जगप्रीत कौर ने कहा कि पाकिस्तान का ध्यान दुनिया को उपदेश देने पर है कि क्या सही है और क्या गलत, जबकि उसकी अपनी आवाम लोकतंत्र से वंचित है। अनुसार जगप्रीत कौर ने इस्लामिक सहयोग संगठन के बयान को खारिज करते हुए कहा, ‘हम पाकिस्तान को सलाह देते हैं कि वह अपना घर ठीक करे और अपनी आबादी के मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के अपने निराशाजनक रिकॉर्ड को सुधारने पर ध्यान केंद्रित करे।
उपराष्ट्रपति के फैसले पर विवाद, संसदीय समितियों में निजी स्टाफ की नियुक्ति का आरोप
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के एक फैसले पर विवाद शुरू हो गया है। आरोप है कि धनखड़ ने संसदीय समितियों में अपने निजी स्टाफ की नियुक्ति की है। ये सभी समितियां राज्यसभा के तहत आती हैं। इन समितियों में 12 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। आरोप है कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 20 संसदीय समितियों में अपने 12 कर्मचारियों को नियुक्त किया है। चार कर्मचारी उपराष्ट्रपति सचिवालय के अधीन, जबकि चार कर्मचारी राज्यसभा के सभापति के अधीन हैं। इन संसदीय समितियों की कार्यवाही गुप्त होती हैं। लेकिन उपराष्ट्रपति के निजी स्टाफ को संसदीय समितियों को हिस्सा बनाना एक तरह से इनके कामकाज में सीधे दखल के तौर पर देखा जा रहा है।
कर्नाटक में कांग्रेस का 140 सीट जीतने का दावा 2 महीने पहले हुए सर्वे में मिली थी कम सीटें
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में बस कुछ महीनों का वक्त रह गया है। इसके पहले कांग्रेस ने एक इंटरनल सर्वे कराया है, जिसके नतीजे आ गए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने दावा किया कि सर्वे से पता चला है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 140 से अधिक सीटें मिल सकती हैं। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी बीजेपी के कई विधायक कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस नेता ने बीजेपी को लेकर भी बड़ा दावा किया और कहा कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 65 से भी कम सीटें मिलने वाली हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार के इस दावे में कितना दम है, इसे समझने के लिए दो महीने पहले हुए एक सर्वे पर नजर डालते हैं और दोनों सर्वे की तुलना करते हैं।