बिच्छू राउंडअप/मैं चेतावनी देता हूं, हम एक इंच वक्फ संपत्ति नहीं छोड़ेंगे: असदुद्दीन ओवैसी

असदुद्दीन ओवैसी
  • रवि खरे

मैं चेतावनी देता हूं, हम एक इंच वक्फ संपत्ति नहीं छोड़ेंगे: असदुद्दीन ओवैसी
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में संयुक्त संसदीय समिति की बैठक के दौरान वक्फ विधेयक का कड़ा विरोध किया। ओवैसी ने मोदी सरकार को मौजूदा स्वरूप में विधेयक पेश करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी। असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा, मैं इस सरकार को सावधान कर रहा हूं और चेतावनी दे रहा हूं- यदि आप वर्तमान स्वरूप में वक्फ विधेयक संसद में लाते हैं और इसे कानून बनाते हैं, तो इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी। इसे पूरे मुस्लिम समुदाय ने खारिज कर दिया है। वक्फ विधेयक का मौजूदा ड्राफ्ट अगर कानून बनता है, तो यह अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन होगा। हम कोई वक्फ संपत्ति नहीं छोड़ेंगे, कुछ भी नहीं छोड़ा जाएगा। यह कहते हुए कि यह विधेयक देश की प्रगति में बाधा बनेगा, ओवैसी ने कहा, आप विकसित भारत बनाना चाहते हैं, हम भी विकसित भारत चाहते हैं। आप इस देश को 80 और 90 के दशक में वापस ले जाना चाहते हैं। अगर ऐसा कुछ हुआ तो यह आपकी जिम्मेदारी होगी। क्योंकि, एक गौरवान्वित भारतीय मुसलमान के रूप में, मैं अपनी मस्जिद का एक इंच भी नहीं खोऊंगा। मैं अपनी दरगाह का एक इंच भी नहीं खोऊंगा। मैं इसकी इजाजत नहीं दूंगा। हम अब यहां आकर कूटनीतिक बातचीत नहीं करेंगे।

चैटजीपीटी और डीपसीक का इस्तेमाल ना करें कर्मचारी…, केंद्र सरकार ने दी चेतावनी
भारत सरकार की तरफ से एक आदेश जारी किया है, जिसमें सरकारी कर्मचारियों को एआई  ऐप्स  और प्लेटफॉर्म को लेकर जरूरी सर्कुलर जारी किया है। फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से जारी आदेश में सरकारी कर्मचारियों से कहा कि कई कर्मचारी ऑफिस के कंप्यूटर और लैपटॉप में एआई  ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वजह से भारत सरकार के कॉन्फिडेंशियल डॉक्यूमेंट और डेटा पर बड़ा खतरा बन सकता है। एआई ऐप्स को लेकर जारी सर्कुलर में कहा कि एआई ऐप्स और टूल्स को सरकारी कंप्यूटर, लैपटॉप और डिवाइस में इस्तेमाल करने को नजर अंदाज करना चाहिए।  हालांकि कर्मचारी चाहें तो अपने पर्सनल डिवाइस में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। यह फैसला डेटा और प्राइवेसी को प्राथमिकता देते हुए दिया गया है। भारत में ढेरों विदेशी एआई  ऐप्स  मौजूद हैं, जिनमें चैटजीपीटी और डीपसीक और गूगल जेमिनी आदि मौजूद हैं। भारत में कई लोग इनका इस्तेमाल अपना काम आसान बनाने के इरादे से करते हैं, इस दौरान उन्हें एआई  ऐप्स डिवाइस में मौजूद कुछ जरूरी परमिशन को एक्सेस करता है।

यूनिफॉर्म सिविल कोड को टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया देश की जरूरत!
तृणमूल कांग्रेस सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने एक बयान से जनता को चौंकाया है। उन्होंने समान नागरिक संहिता की पैरवी की है और कहा है कि इसे देश भर में लागू किया जाना चाहिए। शत्रुघ्न सिन्हा ने उत्तराखंड में लागू हुए समान नागरिक संहिता की भी तारीफ की है। शत्रुघ्न सिन्हा का ये बयान तब आया है जब गुजरात में भी समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुजरात में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए एक कमेटी बनाई गई हैं। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत जज रंजना देसाई करेंगीं। रंजना देसाई ने ही उत्तराखंड में लागू यूसीसी का मसौदा तैयार किया है। टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने संसद के बाहर एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, उत्तराखंड में जो हुआ है, प्रथम दृष्टतया हम सब कहें तो सराहनीय है।।। यूनिफॉर्म सिविल कोड तो होना ही चाहिए, किसी भी देश में होना चाहिए और तमाम देशवासी इस बात को मानेंगे। हालांकि टीएमसी सांसद ने कहा कि यूसीसी के अंदर बहुत सारे पेंच हैं जिन्हें दूर किये जाने की जरूरत है।

गाजा पट्टी को कब्जे में लेगा अमेरिका, नेतन्याहू से मुलाकात के बाद बोले ट्रंप
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई। इसी साल 20 जनवरी को कार्यालय में लौटने के बाद ट्रंप की यह किसी विदेशी नेता के साथ पहली बैठक थी। इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम चाहते हैं कि अमेरिका गाजा पट्टी का स्वामित्व ले और इसका विकास करे। उन्होंने कहा कि अमेरिका देश युद्धग्रस्त फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा और इसका विकास करेगा। साथ ही इसका मालिकाना हक रखेगा।  वहीं ट्रंप के साथ बोलते हुए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि रिपब्लिकन नेता का विचार ऐसा है जो इतिहास बदल सकता है और ट्रंप गाजा के लिए एक अलग भविष्य की कल्पना करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, हम गाजा पर अपना अधिकार जताएंगे और साइट पर मौजूद सभी खतरनाक बमों और अन्य हथियारों को नष्ट करने की जिम्मेदारी लेंगे।

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