- रवि खरे

देश के 284 अरबपतियों के पास जीडीपी की एक-तिहाई संपत्ति, चीन को पीछे छोड़ा…
देश के 284 अरबपतियों की संपत्ति 2024 में 10 फीसदी बढक़र 98 लाख करोड़ रुपये या घरेलू जीडीपी का एक-तिहाई हो गई है। खास बात है कि भारत ने हर अरबपति की औसत संपत्ति के मामले में जारी हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट के मुताबिक, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी की संपत्ति दुनिया में सबसे ज्यादा एक लाख करोड़ बढ़ी है। इसके साथ ही, उनकी दौलत 8.4 लाख करोड़ रुपये हो गई है। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रमुख मुकेश अंबानी की संपत्ति 13 फीसदी घटकर 8.6 लाख करोड़ रह गई। हालांकि, उन्होंने फिर सबसे अमीर एशियाई का खिताब हासिल कर लिया है। भारतीय अरबपतियों की औसत आयु 68 वर्ष है, जो वैश्विक अमीरों की औसत आयु से दो वर्ष अधिक है।
दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान ने भारत के नाम पर रखा बेटी का नाम ‘हिंद’
दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद ने हाल ही में दुनिया को बताया है कि उनके घर चौथे बच्चे ने जन्म लिया है। शेख के इस बार बेटी हुई है और इससे पहले उनके दो जुड़वा बच्चे राशिद और शाइखा हैं जिनका जन्म मई 2021 में हुआ था। इसके बाद शेख को फरवरी 2023 में बेटा हुआ था। शेख ने अपने चौथे बच्चे को जो नाम दिया है, वह खूब सुर्खियां बटोर रहा है। क्राउन प्रिंस ने अपनी बेबी गर्ल को हिंद नाम दिया है। उसका पूरा नाम हिंद बिन्त हमदान बिन मोहम्मद अल मकतूम है। अब सवाल उठता है कि हिंद का मतलब क्या होता है? इस्लामिक इतिहास के मुताबिक, यह नाम पैगंबर मुहम्मद के साथियों में से एक का भी था। अरबी भाषा में ‘हिंद शब्द का एक अर्थ ऊंटों का समूह भी होता है। ‘हिंद का मतलब मादा हिरण भी होता है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि अरबी भाषा में ‘हिंद भारत को भी कहा जाता है। यानी यह नाम भारत से भी जुड़ा हुआ है! तो ये एक बहुत पुराना, ऐतिहासिक और गहरा मायने रखने वाला नाम है। अगर आप दुबई को जानते हैं, तो शेख हमदान के बारे में भी जरूर जानते होंगे। उन्हें लोग प्यार से फज्जा भी कहते हैं, जो उनके सोशल मीडिया हैंडल्स पर भी देखने को मिलता है। शेख हमदान 2008 से दुबई के क्राउन प्रिंस हैं।
घुसपैठियों को गृहमंत्री अमित शाह की दो टूक…भारत कोई धर्मशाला नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार की प्रवासन नीति को कठोरता और करुणा का मिश्रण करार देते हुए बृहस्पतिवार को लोकसभा में दो टूक कहा कि भारत कोई धर्मशाला नहीं है कि कोई भी जब चाहे यहां आकर रह जाए। उन्होंने सदन में ‘आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक, 2025 पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि भारत में व्यापार, शिक्षा और शोध के लिए आने वालों का स्वागत होगा, लेकिन गलत उद्देश्य से और अशांति फैलाने के मंसूबे के साथ भारत में दाखिल होने वालों से कठोरता से निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए कि पांच हजार साल से प्रवासियों के बारे में भारत का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग रहा है और किसी शरणार्थी नीति की हमें जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत भू सांस्कृतिक देश है, भू राजनीतिक देश नहीं है। भारत का शरणार्थियों के प्रति एक इतिहास रहा है। पारसी भारत में आए। इजराइल से यहूदी भागे तो भारत में आ रहे हैं। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में छह पड़ोसी देशों के प्रताड़ित लोगों को भारत ने सीएए के माध्यम से शरण दी है। उन्होंने कहा, ‘‘घुसपैठ करने वालों को रोकेंगे, नागरिकता उन्हें ही मिलेगी जिन्होंने पड़ोसी देशों में विभाजन की विभीषिका झेली है और अत्याचारों का सामना किया है। उन्होंने कहा कि जो कानून तोड़ेंगे उन पर सरकार की कड़ी नजर होगी। शाह ने कहा कि जहां भारत प्रवासियों का स्वागत करता है, वहीं भारत से गए प्रवासियों ने दुनिया भर में भारत की समृद्ध विरासत को पहुंचाने का काम किया है।
अगस्त तक रेपो दर में तीन बार हो सकती है कटौती, घटेगी कर्ज की मासिक किस्त
कर्ज के ऊंचे ब्याज से परेशान लोगों को राहत मिलेगी। अगस्त तक आरबीआई रेपो दरों में तीन बार में 0.75 फीसदी कटौती कर सकता है। इससे पहले फरवरी में 0.25 फीसदी की कमी की थी। 60 में से 54 अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि आरबीआई 7-9 अप्रैल की बैठक में रेपो दर को 0.25 फीसदी घटाकर 6 फीसदी कर देगा। एएनजेड के अर्थशास्त्री धीरज निम ने कहा, वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि के लिए बहुत अधिक मजबूत कारक नहीं हैं। आरबीआई को वृद्धि के लिए समर्थन बनाए रखने की जरूरत है। महंगाई ने भी उनके लिए राहत की बहुत गुंजाइश बनाई है। आरबीआई ने मुद्रा आपूर्ति बढ़ाने के लिए कुछ महीनों में बैंकिंग प्रणाली में लगभग 64 अरब डॉलर डाले हैं। अब दरों में गिरावट की जरूरत है, क्योंकि खर्च व निवेश में मंदी है व वास्तविक दरों को उस परिप्रेक्ष्य से समायोजित करने की जरूरत है।