पाकिस्तान ने पहली बार लश्कर के आतंकी को अपना माना, भारतीय सेना ने सौंपा शव
भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों ने समय-समय पर पाकिस्तान को आतंकवादियों का पनाहगार देश बताया है। हालांकि, पड़ोसी मुल्क इस बात से लगातार इनकार करता आ रहा है। इस बीच पहली बार उसने एक आतंकवादी को अपना माना और उसका शव भी स्वीकार किया। यह आतंकवादी घुसपैठ कर लाइन आॅफ कंट्रोल के रास्ते भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था , हालांकि भारतीय जवानों ने उसे पकड़ लिया। सेना की हिरासत में उसने कई राज उगले, जो कि पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए काफी हैं। आपको बता दें कि दो दशकों से अधिक समय में पहली बार पाक ने बीते रोज लश्कर-के एक प्रशिक्षित आतंकवादी के शव को स्वीकार किया है। वह 21 अगस्त को राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के रास्ते घुसपैठ किया, जहां उसे मुठभेड़ के बाद घायलवास्था में पकड़ा था। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। पाक के कब्जे वाले कश्मीर के सबजाकोट निवासी तबारक हुसैन (32) का शव भारतीय सेना ने पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर चाकन दा बाग क्रॉसिंग प्वाइंट पर पुलिस और सिविल अधिकारियों की मौजूदगी में पाक को सौंपा।
आबकारी घोटाले को लेकर एक्शन में ईडी, दिल्ली-हरियाणा सहित 30 जगहों पर मारे छापे
केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की टीम एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग से जुड़े मामले को टेकओवर करने के बाद मंगलवार सुबह कई जगह छापेमारी की। ईडी के सूत्रों के मुताबिक यह सर्च कार्रवाई आबकारी विभाग में फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालों और बिचौलियों के यहां की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलावा हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, महाराष्ट्र के मुम्बई, पंजाब, उत्तर प्रदेश (सहित कई अन्य राज्यों के 30 से ज्यादा लोकेशन पर सर्च आॅपरेशन को अंजाम दिया गया। इस मामले की अगर बात करें तो केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा 17 अगस्त को ये मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद इस मामले में सीबीआई ने 30 से ज्यादा लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन चलाया था। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया को सबसे पहला और मुख्य आरोपी बनाया गया था।
विपक्षी एकता के लिए आज अरविंद केजरीवाल से मिलेंगे नीतीश कुमार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में हैं। वह यहां विपक्ष के नेताओं के साथ मिलकर 2024 के लिए रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद आज लेफ्ट के कुछ नेताओं और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात प्रस्तावित है। सबसे अधिक निगाहें नीतीश और केजरीवाल की मुलाकात पर टिकी हैं। राजनीतिक जानकार इसे नीतीश कुमार की असली परीक्षा बता रहे हैं। इसकी असली वजह यह है कि आम आदमी पार्टी (आप) ने पहले ही दिल्ली के सीएम अरविंद केरीवाल को 2024 में पीएम पद के लिए दावेदार घोषित कर दिया है। पार्टी का मानना है कि मौजूदा समय पर केजरीवाल ही पीएम मोदी को सबसे कड़ी चुनौती दे सकते हैं। 7 सितंबर से ही केजरीवाल 2024 के लिए अपने कैंपेन ‘मेक इंडिया नंबर वन’ कैंपेन की शुरुआत करने जा रहे हैं। सियासी जानकारों का मानना है अगले लोकसभा चुनाव में ‘आप’ अपनी ‘राष्ट्रीय ताकत’ को आजमाने का पूरा मन बना चुकी है। ऐसे में नीतीश कुमार को बहुत ज्यादा उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए। माना जा रहा है कि केजरीवाल के साथ बैठक के दौरान नीतीश कुमार उनसे कांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन के साथ आने की अपील करेंगे।
समान नागरिक संहिता पर रुख स्पष्ट करे केंद्र, सुप्रीम कोर्ट ने दिया 3 सप्ताह का समय
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की व्यवहार्यता पर तीन सप्ताह के भीतर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कहा। भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस रविंद्र भट की एक पीठ शादी की उम्र, तलाक के आधार, उत्तराधिकार और गोद लेने के लिए कानूनों में एकरूपता की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा, “ये याचिकाएं शादी, तलाक, गोद लेने, उत्तराधिकार और मेंटेनेंस कानूनों की मांग कर रही हैं। इन बातों में क्या अंतर है? ये सभी समान नागरिक संहिता के पहलू हैं।” याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। वकील और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय और एक अन्य याचिकाकर्ता लुबना कुरैशी द्वारा दायर याचिकाओं के एक समूह ने विभिन्न धर्मों के लिए प्रचलित तलाक, विवाह, उत्तराधिकार, गोद लेने और मेंटेनेंस पर विभिन्न कानूनों में कमियों की तरफ इशारा किया है।