बिच्छू राउंडअप/चानू ने रचा इतिहास, वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल

मीराबाई चानू

चानू ने रचा इतिहास, वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल
ओलंपिक सिल्वर मेडल विजेता मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया। उन्होंने भारोत्तोलन विश्व चैंपियनशिप में 200 किग्रा कुल वजन उठाकर रजत पदक हासिल किया। इस दौरान चीन की वेटलिफ्टर जियांग हुइहुआ ने 206 किग्रा भार उठाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। वहीं चीन की एक अन्य वेटलिफ्टर होऊ झिहुई ने 198 किग्रा भारत उठाकर पोडियम पर जगह बनाई।  झिहुई 49 किग्रा भारवर्ग में ओलंपिक चैंपियन हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में 49 किग्रा कैटेगरी में स्वर्ण पदक जीता था।  कोलंबिया के बोगोटा में आयोजित वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में मीरा का सफर आसान नहीं रहा. वह चोट से जूझ रही थीं। लेकिन अपने जज्बे में कोई कमी नहीं आने दी। उन्होंने क्लीन एंड जर्क में 113 किग्रा भार उठाकर रजत पदक अपने नाम किया। हालांकि स्नैच प्रयास के दौरान उन्होंने शानदार बचाव किया जब वह भार उठा रही थीं तो उनका संतुलन गलत हो गया था।

नागपुर मेट्रो का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में हुआ दर्ज
नागपुर शहर का नाम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया है। नागपुर में बनाए गए हाईवे फ्लाईओवर और मेट्रो रेल के साथ सिंगल कॉलम पर सबसे लंबे डबल डेकर वायाडक्ट को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। इसका निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और महा मेट्रो की टीम ने मिलकर किया। केंद्रीय सडक परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस उपलब्धि हासिल करने पर एनएचएआई और मेट्रो की टीम को बधाई दी।  बता दें कि नागपुर में वर्धा रोड पर डबल डेकर वायाडक्ट पर कुल तीन मेट्रो स्टेशन हैं। 3.14 किलोमीटर लंबे वायाडक्ट छत्रपति नगर, उज्जवल नगर और जयप्रकाश नगर के नाम से मेट्रो स्टेशन हैं। इन स्टेशनों की डिजाइन और क्रियान्वयन किसी चुनौती से कम नहीं था। डबल डेकर वायाडक्ट पर पहले लेवल पर हाईवे का फ्लाईओवर होता है, जिस पर से वाहन गुजरते हैं। फ्लाईओवर के पिलर के सहारे मेट्रो की लाइन होती है, जिससे मेट्रो गुजरती है। सबसे नीचे हाईवे होता है। त्रिस्तरीय प्रणाली शहर में ट्रैफिक की समस्या को कम करने में मदद करती है।

भारत की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण से पहले चीन हुआ बेचैन
बंगाल की खाड़ी में भारत द्वारा लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण से पहले चीन बेचैनी साफ दिखने लगी है। चीन का का जासूसी जहाज युआन वांग 5 हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हो चुका है। यह जहाज विभिन्न निगरानी और खुफिया उपकरणों से लैस है। सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि बैलिस्टिक मिसाइल और सेटेलाइट निगरानी में सक्षम चीनी जहाज की आवाजाही पर भारतीय नौसेना नजर रखे हुए है। आॅस्ट्रेलिया मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का पोत पहले मलयेशिया की तरफ बढ़ रहा था, पर जैसे ही मिसाइल परीक्षण के लिए नोटम जारी हुआ, यह मुडकर हिंद महासागर में पहुंच गया। मिसाइल परीक्षण से पहले संभावित अवरोध को रोकने के लिए नोटम जारी किया जाता है।  भारत ने जो नोटम जारी किया है, उसमें 15-16 दिसंबर को 5400 किमी की रेंज का जिक्र है। इस सैन्य जासूसी पोत को लेकर चीन की सफाई है कि यह समुद्री शोध जहाज है। नौसेना कर रही  निगरानी : भारतीय नौसेना ने बताया कि सैटेलाइट और टोही विमानों से चीनी जहाज पर नजर रखी जा रही है। भारतीय नौसेना ने कहा था, चीनी घुसपैठ नई बात नहीं है। लेकिन, नौसेना अपने रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।  

कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का खाका तैयार, फिर जम्मू लौटने लगे कर्मचारी  
कश्मीर घाटी में आतंकी घटनाओं में हो रही लगातार गिरावट के बावजूद कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा केंद्र के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। मंगलवार को इस बाबत नई दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इससे निपटने की रणनीति बनाई गई। साथ ही कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा का खाका तैयार किया गया। इस बीच दो दिन पहले आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की ओर से जिन 56 कर्मचारियों की हिट लिस्ट जारी की गई थी उनमें से छह-सात परिवार मंगलवार को जम्मू लौट आए। उधर कश्मीर में रह रहे पीएम पैकेज कर्मचारियों में दहशत है। उनका कहना है कि माहौल घाटी में काम करने योग्य नहीं है। सूत्रोंं के मुताबिक केंद्रीय गृहसचिव अजय भल्ला की अगुवाई में हुई इस बैठक में दो दिन पहले आतंकी संगठन द्वारा कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के नाम की सूची सार्वजनिक करने की घटना को काफी गंभीरता से देखा गया। इससे साथ ही सीमा पार से मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल की बढ़ती घटनाओं पर भी लंबी चर्चा हुई। बैठक में कश्मीरी पंडितों, अल्पसंख्यकों तथा बाहरी मजदूरों की टारगेट किलिंग की घटनाओं पर चिंता जताते हुए इस पर प्रभावी नियंत्रण की हिदायत दी गई।

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