बिच्छू राउंड-अप/बढ़ने लगा है डिजिटल भुगतान का चलन, इस साल 30.2 फीसदी की वृद्धि

डिजिटल भुगतान

बढ़ने लगा है डिजिटल भुगतान का चलन, इस साल 30.2 फीसदी की वृद्धि
नोटबंदी के बाद एक वीडियो में देखा गया था कि सड़क पर भीख मांगने वाले एक शख्स को जब कार में बैठी महिला ने कहा कि छुट्टा नहीं है तो उसने तुरंत कार्ड स्वैप मशीन निकाल कर दिखा दिया। देश में डिजिटल भुगतान का यह नया स्वरूप था। शहरों में तो चाय वाले भी पेटीएम या अन्य डिजिटल माध्यम से पैसा लेने के लिए बोर्ड लगाए हुए हैं। लॉकडाउन के बाद तो देश में डिजिटल भुगतान का चलन और बढ़ गया है। ज्यादातर शहर के लोग अब डिजिटल रूप से ही पैसे का लेन-देन करने लगे हैं। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह बात कही गई है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में डिजिटल भुगतान में 30.19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी जिससे देश में बढ़ते डिजिटल लेनदेन का पता चलता है। नवगठित डिजिटल भुगतान सूचकांक (आरबीआई-डीपीआई) के अनुसार, मार्च 2021 के अंत में सूचकांक बढ़कर 270.59 हो गया, जो एक साल पहले 207.84 था। रिजर्व बैंक ने कहा, आरबीआई-डीपीआई सूचकांक ने हाल के वर्षों में देश भर में डिजिटल भुगतान में हुई बढ़ोतरी का प्रतिनिधित्व करने वाले सूचकांक में महत्वपूर्ण वृद्धि का प्रदर्शन किया है।

दिसंबर तक पांच करोड़ कोरोना डोज का उत्पादन, स्प्रिंग युक्त डिवाइस से लगेगा टीका
देश को कोरोना का एक और टीका मिल सकता है। अहमदाबाद की फार्मा कंपनी जायडस कैडिला ने सेंट्रल ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) से जायकोव-डी टीके को इमरजेंसी में इस्तेमाल की अनुमति के लिए आवेदन किया है। सीडीएससीओ टीके को अनुमति देता है तो ये दुनिया का पहला डीएनए आधारित कोरोना टीका होगा। टीके को तैयार करने के लिए केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और आईसीएमआर ने जायडस कैडिला का सहयोग किया है। जायकोव-डी टीके की डोज शरीर में जैसे ही जाएगी। टीका शरीर की कोशिकाओं को कोड देगा जिसके बाद शरीर में वायरस के बाहरी हिस्से जैसा दिखने वाला स्पाइक बनने लगेगा, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे खतरा मानकर एंटीबॉडी बनाना शुरू कर देगी और शरीर कोरोना से बचने को तैयार हो जाएगा। जायकोव-डी प्लाज्मिड डीएनए वैक्सीन है जिसे वायरस के जेनेटिक के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें इस्तेमाल किया गया जेनेटिक डीएनए का अणु फैल नहीं सकता है जिसे प्लाज्मिड कहते हैं। वैक्सीन को बनाने में इस्तेमाल हुए प्लाज्मिड में कोडिंग है जो शरीर में कोरोना के जैसा स्पाइक प्रोटीन बनाने के लिए निर्देशित करेगा।

नड्डा ने यूपी के सांसदों को पिछले चुनाव से भी बड़ी जीत का दिया लक्ष्य 
मिशन 2022 की तैयारियों में जुटी भाजपा ने उत्तर प्रदेश में बीते विधानसभा चुनाव से भी बड़ी जीत हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी के सभी सांसदों को आशीर्वाद यात्रा निकालने और इसके तहत अपने संसदीय क्षेत्र के एक-एक गांव तक पहुंचने का निर्देश दिया है। राज्य के ब्रज, पश्चिम और कानपुर क्षेत्र के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों को संबोधित करते हुए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर 2017 में मिली जीत से भी बड़ी लकीर खींचनी है। बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रभारी राधामोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन मंत्री सुनील बंसल भी मौजूद थे। सांसदों को संबोधित करते हुए नड्डा ने यूपी विधानसभा चुनाव को बेहद अहम बताया। इस दौरान उन्होंने सांसदों को विपक्ष के दुष्प्रचार से सचेत रहने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में राज्य में दशकों से जारी माफिया राज को खत्म किया है। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार पर गहरी चोट की है। उन्होंने कहा कि मुद्दाविहीन विपक्ष अब साजिश पर उतर आया है। संसद में चर्चा से भाग रहा है। 

अब भी स्कूल नहीं खोलेंगे तो देश दशकों पीछे चला जाएगा
कोविड-19 कहीं जाने वाला नहीं, ऐसे में वो वक्त शायद कभी ना आ पाए जब जीरो केस हों। 50 से ज्यादा शिक्षाविदों ने महाराष्ट्र, दिल्ली और कर्नाटक के मुख्यमंत्रियों को ‘ओपन लेटर’ में यही लिखा है। चिट्ठी लिखने वालों में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली और दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स के अलावा डॉक्टर्स, वकील और पेरेंट्स शामिल हैं। ‘ओपन लेटर’ में इन्होंने कहा है कि स्कूल बंद रहने से पढ़ाई का नुकसान तो हो ही रहा है, बच्चे मानसिक तनाव झेल रहे हैं। उनकी सोशल स्किल्स कम हो गई हैं और उनका आत्मविश्वास कम होने लगा है। अपने चिट्ठी में शिक्षाविदों ने कहा है कि देशभर के ज्यादातर स्कूल पिछले 16 महीनों से बंद चल रहे हैं। जबकि स्कूल फिर से खोलने के पक्ष में वैज्ञानिकों की राय भी आ चुकी है। आईआईटी बॉम्बे के कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में प्रोफेसर भाष्करन रमन ने कहा कि अधिकतर स्टूडेंट्स का पूरा-पूरा साल बर्बाद हो चुका है और अगर यह एक साल और चला तो आने वाली पीढ़ियों के साथ बड़ा अन्याय होगा।

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