बिच्छू राउंडअप/नीतीश बोले- 2017 में हमसे गलती हुई, मूर्खतापूर्ण था भाजपा के साथ जाने का फैसला

नीतीश कुमार

नीतीश बोले- 2017 में हमसे गलती हुई, मूर्खतापूर्ण था भाजपा के साथ जाने का फैसला
भाजपा से अलग होने के बाद से ही नीतीश कुमार भाजपा पर बेहद आक्रामक हैं और भाजपा पर कई गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं। इसके साथ ही वो ये दावा भी कर रहे हैं कि भाजपा को 2024 में जोरदार झटका लगेगा, जिससे वो संभल नहीं पाएगी। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ भविष्य में साथ आने से भी साफ-साफ इंकार कर दिया है। दरअसल पटना में जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के समापन के दौरान नेताओं को सम्बोधित कर रहे थे। नीतीश कुमार ने बिहार में भाजपा से अलग होने की वजह बताते हुए भाजपा पर जमकर हमला बोला लेकिन उसके बाद उन्होंने भाजपा को लेकर बड़ी भविष्यवाणी भी कर दी। नीतीश कुमार ने बैठक में शामिल जेडीयू के नेताओं के सामने खुलकर स्वीकार किया कि 2017 में हमसे गलती हुई थी। यहां तक कि नीतीश ने एनडीए में शामिल होने के निर्णय को बेहद मूर्खतापूर्ण तक बता दिया। नीतीश कुमार यहीं नहीं रुके, उन्होंने ये भी माना कि 2013 में हम लोग एनडीए से अलग हो गए थे वो भी एक गलती हुई। 2017 में फिर से एनडीए में वापस चले गए जिसकी वजह से कुछ राज्यों के कई लोग हम लोग से अलग हो गए।

उद्धव खेमे को एक और झटका, गवर्नर ने रद्द की एमएलसी नामांकन के लिए 12 नामों की सूची
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पत्र के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्रित्व काल में भेजे गए उन 12 नामों की लिस्ट को रद्द कर दिया है, जिन्हें विधान परिषद में मनोनीत करना था। कुछ दिनों पहले ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर उस लिस्ट को रद्द करने का निवेदन किया था। इतना ही नहीं, उनकी सरकार की तरफ से विधान परिषद में मनोनयन के लिए नए नामों की सूची भेजने की बात इस पत्र में कही गई थी। राज्य सरकार की बागडोर संभालने के 1 साल बाद, नवंबर 2020 में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद में मनोनयन के लिए 20 प्रतिष्ठित व्यक्तियों की एक लिस्ट राज्यपाल कोश्यारी को सौंपी थी, जिसके बाद प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी थी और राज्यपाल कोश्यारी से 12 उम्मीदवारों के विधान परिषद सदस्य मानोनीत होने की घोषणा करने की उम्मीद थी। हालांकि, गवर्नर कोश्यारी और तत्कालीन महाविकास अघाड़ी सरकार आमने-सामने थे, ऐसे में एमएलसी नियुक्तियों पर निर्णय में देरी हुई।

मुझे उस शख्स से जलन होगी जो 2047 में फॉरेन मिनिस्टर होगा: एस. जयशंकर
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की विदेश नीति को पूरी तहत बदल दिया है और आज देश अपने हितों के हिसाब से एक आजाद विदेश नीति अपना चुका है। विदेश नीति में पीएम मोदी की पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे उस शख्स से जलन होगी जो 2047 में विदेश मंत्री होगा, लेकिन मैं आपको एक बात बताऊं, नरेंद्र मोदी सरकार का विदेश मंत्री होना भी एक बड़ी ताकत है। यहां भी मूल विश्वास, आत्मविश्वास और नजरिया है और दुनिया इसे पहचान रही है। गुजरात में एक कार्यक्रम में अपनी किताब द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड के गुजराती अनुवाद के लॉन्च के मौके पर विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने कहा कि कुछ राजनीतिक कारणों से हमें इजरायल के साथ संबंध बढ़ाने से रोक कर रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री थे जो इजरायल गए थे वह समय चला गया है जब हम वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय हित को एक तरफ रख देते थे।

यूपी के स्कूल की थाली की हो रही चर्चा, पूरे देश को स्मार्ट पढ़ाई का रास्ता भी दिखा रही
उत्तर प्रदेश के एक सरकारी स्कूल की मिड डे मील की थाली की देशभर में खूब चर्चा है। मटर पनीर की सब्जी, पूड़ी, फल में सेब, सलाद, मिल्क सेक और आइसक्रीम थाली की शोभा बढ़ा रहे हैं। दरअसल, ये थाली यूपी के जालौन के मलकपुरा गांव में 31 अगस्त को तिथि भोजन यानी एड आॅन मिड डे मील के तहत परोसी गई। मलकपुरा के सरकारी स्कूल की यह खास थाली सिर्फ एक पक्ष है, यहां शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए तमाम ऐसे कदम उठाए गए हैं, जो इसे किसी अच्छे प्राइवेट स्कूल की श्रेणी में खड़ा करते हैं। मलकपुरा गांव में स्कूल के बच्चों के लिए कंप्यूटर लैब, स्मार्ट क्लास, फ्री ट्यूशन जैसी व्यवस्थाएं गांव में ही की गई हैं।  मलकपुरा में शिक्षा की दिशा में हुए इन क्रांतिकारी बदलावों के पीछे यहां के ग्राम प्रधान अमित की सोच है। अमित ने बताया कि कैसे उनके लिए एक सरकारी स्कूल में सीमित संसाधनों के साथ ये कदम उठाना संभव हो पाया। साथ ही उन्होंने बच्चे के हाथ में दिख रही खूबसूरत मिड डे मील की थाली का भी राज खोला।  अमित बताते हैं कि उन्हें बच्चों के लिए अच्छे खाने का आईडिया पिछले साल 31 दिसंबर को आया था।

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