बिच्छू डॉट कॉम:टोटल रिकॉल/श्रीमंत को जमीन मामले में लगा कोर्ट से बड़ा झटका

श्रीमंत

श्रीमंत को जमीन मामले में लगा कोर्ट से बड़ा झटका
ग्वालियर के जिला न्यायाधीश अजय सिंह ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार महल गांव के सर्वे नंबर 1211/1, 1211/2 एवं 1211/3 की कुल जमीन 6 बीघा 4 विश्वा जमीन पर स्वामित्व यशवंत राव राणे का घोषित किया है। यह जमीन कृष्णाराव राणे के स्वामित्व की थी। उनके देहांत के बाद यह जमीन 1970- 71 में फर्जी तरीके से श्रीमंत मातेश्वरी गजराज चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम से दर्ज कर दी गई थी। मृतक का लडक़ा सेना में था। सेवा से जब वह रिटायर्ड होकर वापस आया। तब उसे इस गड़बड़ी का पता लगा। इस जमीन को श्रीमंत, उनकी पत्नी , माधवी राजे तथा चित्र गंदा सिंह द्वारा नारायण बिल्डर एवं डेवलपर को 2006 में बेच दिया गया था। जमीन विवाद एवं स्वामित्व का प्रकरण न्यायालय में चल रहा था। इस मामले में कोर्ट ने भूमि पर यशवंत राव राणे का स्वामित्व माना है। न्यायालय ने डिग्री जारी कर दी है। तथा भविष्य में सिंधिया और उनके परिवारजनों को जमीन बेचने और उसे पर किसी भी निर्माण करने पर रोक लगा दी है।

शिव के राम -राम पर वीडी ने दिया स्पष्टीकरण
प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस अभी ना हुआ है।  इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर सभी को राम-राम… की पोस्ट की। इससे प्रदेश में सियासी अटकलें तेज हो गई। हालांकि इसको लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि हमारी संस्कृति में सबसे पहले हम शुरुआत ही राम -राम से करते हैं। यह राम का देश है। हम सभी सुबह राम- राम करते हैं। पूरा देश ही राम  राम कर रहा है। दरअसल प्रदेश में विधानसभा के परिणाम आने के 6 दिन बाद भी मुख्यमंत्री के नाम का एलान नहीं हो सका है। भाजपा ने इस पर बिना मुख्यमंत्री के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। साथ ही कई दिग्गजों को चुनाव मैदान में उतारा था। ऐसे में चर्चा है कि  शिवराज ही अगले मुख्यमंत्री होंगे या फिर कोई और। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सोशल मीडिया पर सभी को राम-राम… लिखने से कई तरह के कयास लगाए जा रहे है।

भार्गव हो सकते हैं प्रोटेम स्पीकर
प्रदेश में चुनाव संपन्न होने के साथ ही 16वीं विधानसभा का गठन हो गया है और अब प्रोटेम स्पीकर (सामयिक अध्यक्ष) की तलाश की जा रही है। इस बीच 16वीं विधानसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य गोपाल भार्गव का नाम सामने आया है। जानकारों की मानें तो भार्गव की वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें सामयिक अध्यक्ष बनाया जा सकता है। वे लगातार नौवीं बार एक ही विधानसभा क्षेत्र रहली से चुनकर आए हैं। नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री द्वारा राज्यपाल को सामयिक अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। सदन में शपथ दिलाने वाले सामयिक अध्यक्षों की बात की जाए तो पहले भी वरिष्ठता को प्राथमिकता दी गई है। वर्ष 1998 के चुनाव के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता स्व. श्रीनिवास तिवारी और उनके बाद कृष्णपाल सिंह को सामयिक अध्यक्ष बनाया गया था। वर्ष 2003 और वर्ष 2009 में जमुना देवी को सामयिक अध्यक्ष बनाया गया था।

अजय सिंह का घर बना प्रदेश के कांग्रेसियों का नया ठिकाना
पूर्व नेता प्रतिपक्ष और चुरहट विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए अजय सिंह को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। राजधानी स्थित उनके निवास पर प्रदेशभर से नेता और कार्यकर्ता बधाई देने पहुंच रहे हैं। बीते रोज महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल और अन्य नेत्रियों ने सिंह को उनके घर पहुंचकर बधाई दी। इसके साथ ही अन्य नेता भी उन्हें बधाई देने पहुंचे। उल्लेखनीय है कि 2018 में सिंह चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार वे फिर विंध्य क्षेत्र की आवाज विधानसभा में उठाएंगे। नेता प्रतिपक्ष के लिए भी अजय सिंह की प्रबल दावेदारी है। अब उनका घर कांग्रेस नेताओं का नया ठिकाना बन गया है।

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