भाजपा उपाध्यक्ष ने पार्टी नेता पर दर्ज कराया प्रकरण
राघौगढ़ सीट से भाजपा के पराजित उम्मीदवार हीरेंद्र सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ बलवा, धमकी, गाली-गलौज के आरोप में कोतवाली पुलिस ने केस दर्ज किया है। घटना 17 दिन पुरानी है। फरियादी भी भाजपा के ही जिला उपाध्यक्ष हैं। मामले को शांत कराने के लिए नेताओं ने पूरा जोर लगाया, लेकिन फरियादी भाजपा नेता आरएन यादव ने इसे जातिगत अपमान का मुद्दा बनाकर सुलह करने से इनकार कर दिया था। जिला उपाध्यक्ष और यादव महासभा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष यादव के यहां 29 दिसंबर की रात पथराव की घटना हुई थी। आरोप है कि हमला करने वालों में हीरेंद्र सिंह बंटी बना और उनके साथी शामिल हैं। शिकायत में कहा था कि हीरेंद्र ने जातिसूचक शब्दों का उपयोग कर पूरे समाज को अपमानित किया।
सीएम भूल गए कि वे गृहमंत्री भी हैं:पटवारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को बदहाल बताते हुए सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भूल गए कि गृहमंत्री भी वही हैं। पटवारी ने कहा कि प्रदेश में लगातार कानून व्यवस्था बदहाल होती जा रही है, लेकिन यदि मुख्यमंत्री का गृह विभाग बदहाल, बेहाल व बेलगाम है, तो बाकी मंत्रियों की सक्रियता को भी समझा जा सकता है। पटवारी ने आरोप लगाया कि भोपाल में कार में एक बेटी के साथ दुष्कर्म की घटना होती है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी की कानून व्यवस्था की स्थिति क्या है। अगर यह हाल भोपाल का है, तो बाकी प्रदेश में महिलाओं के साथ क्या होता होगा। मध्यप्रदेश में लगातार सभी उम्र की महिलाओं, युवतियों एवं बच्चियों से बलात्कार की घटनाएं लगातार हो रही हैं। पटवारी ने कहा कि रतलाम में टीआई की कार को यदि चोर चुरा ले गए, तो गृहमंत्री यानी मुख्यमंत्री को यह बताना चाहिए कि आम जनता कितनी सुरक्षित महसूस करती होगी।
बहनोई पर टिप्पणी से नाराज केन्द्रीय मंत्री कुलस्ते ने सीएम से की अफसर की शिकायत
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने बहनोई व पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में सीजीएम अशोक धुर्वे के साथ कंपनी के सीएमडी अनय द्विवेदी द्वारा कथित तौर पर किए गए दुर्व्यवहार की शिकायत मुख्यमंत्री से की है। कुलस्ते ने कहा कि सीएमडी को कुछ भी बोलने से पहले समझना चाहिए। यह ठीक नहीं है। वे तंज कस रहे हैं। खुद को क्या समझते हैं? उधर, बहनोई धुर्वे का कहना है कि सीएमडी द्वारा यह कहा गया था कि उनको ऊपर से कहा गया है कि कुलस्ते जी हार चुके हैं तो तुम्हें भी फील्ड पर भेज दें क्या, परंतु द्विवेदी सर ने ही मना किया कि फील्ड में नहीं भेजेंगे। ऐसी बात हुई थी। धुर्वे ने कहा कि उनके वर्जन को तोड़- मरोड़ कर पेश किया गया है। कुलस्ते ने कहा कि बहनोई को सीएमडी ने ऐसा क्यों बोला, ज्यादा समझ नहीं आ रहा। बहनोई ने पोस्टिंग के लिए कहा होगा? लेकिन जो बात उन तक पहुंची है, उसमें रिश्तेदार का अपमान नहीं करना चाहिए। यह अधिकार उन्हें नहीं है।
एडीजीपी को हाई कोर्ट की फटकार, कहा- क्या कानून से ऊपर हो
हाई कोर्ट ने हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, हेलमेट व सीट बेल्ट की अनिवार्यता के मामले में प्रदेश के परिवहन आयुक्त और एडीजीपी को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने जो अंडरटेकिंग दी थी, उसका पालन नहीं किया। चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने बहुत समय दिया, लेकिन आपने किया क्या। ओपन कोर्ट में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या आप कानून से ऊपर हैं। चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह स्पष्टीकरण पेश करने के निर्देश दिए कि आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। कोर्ट के निर्देश पर दोनों अधिकारी उपस्थित हुए थे। अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।