भाजपा विधायक बोले, सरकारी विभागों में 2 लाख रु. लेकर हो रही आउटसोर्स भर्ती
भाजपा के लांजी विधायक राजकुमार सिंह ने अपनी ही सरकार के तंत्र पर सवाल उठाए हैं। बुधवार को बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने आउटसोर्स भर्ती में दो-दो लाख रुपए मांगे जाने का आरोप लगाते हुए कहा, सरकारी विभागों में आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया के नाम पर प्राइवेट कंपनियों द्वारा आवेदकों से अवैध वसूली की जा रही है। उन्होंने यह मामला विधानसभा में उठाने तथा इस तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित कराने की बात कहते हुए आरोप लगाया कि सरकारी विभागों में गुजरात और राजस्थान की कंपनियों के प्रतिनिधि युवा बेरोजगारों से 2-2 लाख रुपए लेकर आउटसोर्स के जरिए विभागों में भर्ती करा रहे हैं। इसके अलावा उनकी वेतन में से अलग राशि काटकर भुगतान कर रहे हैं।
दिग्विजय सिंह का सवाल उठाना भारी पड़ा कांग्रेस नेता को
पीसीसी के सामने ब्लैक कलर की दो स्कॉर्पियो से आए दो युवक हाथों में राइफल लिए दिखाई दिए। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस पर सवाल उठाए। पुलिस की जांच में स्कॉर्पियो कांग्रेस नेताओं की निकली। दरअसल, रविवार को पीसीसी में एनएसयूआई की बैठक में भाग लेने भिंड से एनएसयूआई और कांग्रेस के कार्यकर्ता आए थे। उस दिन पीसीसी दफ्तर के बाहर ब्लैक कलर की दो स्कॉर्पियो खड़ी थी। इससे आए 2 युवक के हाथों में राइफल थी। बुधवार को सिंह ने एक ट्वीट कर एक्स पर लिखा कि गंभीर घटना है। ये लोग कौन हैं? क्या आप इस प्रकार की दहशतगर्दी या इसे गुंडागर्दी कहें भोपाल में खुलेआम होने देंगे? मामले में भोपाल पुलिस ने जांच की तो वह वाहन कांग्रेस नेता के ही निकले और हथियार भी इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए न केवल उनमें लगे हूटरों को हटवाया बल्कि उसमें चढ़ी काली फिल्म निकलवाई और बड़ी रकम की चालानी कार्रवाई भी की।
आईएफएस एसोािसएशन कोर्ट जाने की तैयारी में
भारतीय वन सेवा के अधिकारियों की वार्षिक अप्रेजल रिपोर्ट लिखने की व्यवस्था में हुए बदलाव को लेकर आईएफएस एसोसिएशन ने कोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना का मुद्दा लेकर इसी सप्ताह जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने जा रहा है। याचिका दायर करने से पहले एसोसिएशन ने एक बार फिर 18 जुलाई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल से मुलाकात के लिए वक्त मांगा है। ताकि आईएफएस अफसर अपनी बात सीएम के सामने रख सकें। गौरतलब है कि प्रदेश में आईएफएस अफसरों के 180 पद हैं। राज्य शासन ने 29 जून को एक आदेश जारी कर अप्रेजल रिपोर्ट लिखने की व्यवस्था बदलकर बन बल प्रमुख के एपीआर स्वीकृत करने के अधिकार छीनकर एसीएस को सौंप दिए थे।
सपा की मप्र कार्यकारिणी से मीरा व दीपनारायण का नाम गायब
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मनोज यादव ने बुधवार को मप्र की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित कर दी। हालांकि इसमें खजुराहो से लोकसभा प्रत्याशी रहीं मीरा यादव और प्रदेश अध्यक्ष रहे उनके पति दीपनारायण यादव को जगह नहीं दी गई है। विधानसभा में बुरा प्रदर्शन करने के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तत्कालीन प्रदेश के मुखिया रामायण सिंह पटेल को हटाकर पार्टी की कई इकाइयों को भंग कर दिया था। बाद में डॉ. मनोज यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। डॉ. यादव पहले खजुराहो में उम्मीदवार थे, बाद में टिकट काट दिया था। मीरा का नामांकन रद्द होने के बाद खजुराहो में इंडिया ब्लॉक का कोई प्रत्याशी नहीं बचा था।