
संविदा कर्मियों को एनपीएस का लाभ के साथ ग्रेच्युटी भी मिलेगी : गौर
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि सरकार ने सुनिश्चित किया है कि प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रीय पेंशन योजना और उपादान (ग्रेच्युटी) भुगतान की कार्रवाई की जाएगी। संविदा पर कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों को नियमित शासकीय सेवकों की भांति उपादान भुगतान 1972 के प्रावधानों के अनुसार उपादान के भुगतान की कार्रवाई की जाएगी। उपादान भुगतान के लिए और पेंशन योजना का लाभ देने वित्त विभाग द्वारा नियम बनाए जा रहे हैं। ये नियम 3 से 4 महीने में बनकर तैयार हो जाएंगे। दरअसल यह जानकारी उनके द्वारा विधानसभा में संविदा कर्मचारियों और आउटसोर्स कर्मियों का मामला प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर द्वारा उठाने पर दी गई। राठौर ने ने संविदा कर्मियों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि क्या संविदा कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों की तरह सुविधा नहीं मिलना चाहिए, जबकि यह आधी-अधूरी तनख्वाह में काम करते हैं।
केंद्र सरकार का कृषि बजट अन्नदाता की समृद्धि का रोडमैप: वीडी
केन्द्रीय बजट में कृषि क्षेत्र के लिए जो बजट आवंटन किया गया है, वह अन्नदाता की समृद्धि का रोडमैप है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने लोकसभा में कृषि अनुदान मांगों पर अपने संबोधन में कही। शर्मा ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है। देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, रोजगार प्रदान करने तथा देश के समग्र आर्थिक विकास में कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि भारत के सामाजिक, आर्थिक ताने-बाने के लिए महत्वपूर्ण है। इन तथ्यों को पहचानते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र के लिए बजट प्रावधान में उल्लेखनीय वृद्धि की है। किसानों और कृषि क्षेत्र के विकास के लिए मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि 2008 में इस क्षेत्र के लिए जो बजट 11,915.22 करोड़ का था, वह वर्तमान बजट में 1,22,528.77 करोड़ हो गया है। एनडीए की सरकार ने फसलों की एमएसपी में 65 प्रतिशत की वृद्धि की है।
ओबीसी को उसका अधिकार दिलाने अब सडक़ पर संघर्ष करना पड़ेगा : कमलनाथ
पूर्व सीएम कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक्स पर ट्वीट कर कहा, मप्र सरकार का ओबीसी विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है। भाजपा के षड्यंत्र के कारण हाईकोर्ट को ओबीसी के लिए आरक्षित 27 प्रतिशत पदों में से 13 प्रतिशत पदों को होल्ड पर रखने का निर्णय करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि 4 दिसंबर, 2024 को हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से पूछा था कि 27 प्रतिशत ओबीसी कोटे के साथ सभी पद क्यों नहीं भरे जा रहे? 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का अपना कानून सरकार क्यों लागू नहीं कर रही है? यह वही कानून, था जो 2019 में मेरी सरकार ने बनाया था। भाजपा सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले पर तुरंत अमल करने की बजाय बहुत सी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट भेजने की चाल चली।
कांग्रेस विधायकों को भी मिलें विकास निधि के 15 करोड़ : पटवारी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर कांग्रेस विधायकों की विकास निधि में भेदभाव और कमीशन पर तत्काल संज्ञान लेने की मांग करते हुए कहा कि सभी दलों के विधायकों को समान रूप से 15 करोड़ रुपए की विकास निधि प्रदान की जाए। पत्र में उन्होंने कहा, मुझे यह पत्र लिखते हुए अत्यंत खेद और चिंता हो रही है कि विकास निधि के आवंटन को लेकर गंभीर भेदभाव किया जा रहा है। भाजपा विधायकों को 15 करोड़ रुपए की निधि प्रदान की जा रही है, जबकि कांग्रेस विधायकों के क्षेत्रों को इस विकास निधि से वंचित रखा जा रहा है। यह न केवल जनप्रतिनिधियों के साथ अन्याय है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादाओं का भी खुला उल्लंघन है।