भाजपा में सीएम का टिकट कटे तो भी काम करते हैं : जितेंद्र सिंह
कांग्रेस के इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा है कि भाजपा में देखिए वहां सीएम का टिकट भी काट दें तो भी वे पार्टी के प्रति निष्ठावान बने रहते हैं, पार्टी के लिए समर्पण से काम करते हैं। हमारे यहां विधायक का टिकट काट दो तो वह निर्दलीय चुनाव लड़ लेता है और हमें ही नुकसान पहुंचाता है। सिंह यहां पीसीसी कार्यालय में महू में 27 जनवरी को होने वाली रैली के लिए समन्वय के लिए आयोजित प्रदेश भर से आए कांग्रेस नेताओं की बैठक को संबोधित कर रहे थे। सिंह ने कहा कि भाजपा के कोर ग्रुप में कहां धरने प्रदर्शन करते हैं, घर-घर जाकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करते हैं। प्रदेश कांग्रेस में संगठन को मजबूत करने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को ग्राउंड जीरो तहसील, ब्लाक, मोहल्ला और वार्ड में जाकर लोगों से घर-घर जाकर संपर्क करना होगा। पार्टी के प्रति समर्पण भाव से काम करना होगा पद की चाहत को छोडऩा होगा तब जाकर हम मजबूत होंगे ।
लाड़ली बहनों को योजना से बाहर करने पर नाथ ने खड़े किए सवाल
मध्यप्रदेश में लाड़ली बहना योजना से 1 लाख 63 हजार लाड़ली बहनों के नाम पात्र सूची से बाहर किया जा रहा है। इसको लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा कि भाजपा लाड़ली बहना योजना को धीरे-धीरे समाप्त करना चाहती है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा मध्य प्रदेश में लाड़ली बहनों से मोहन सरकार की धोखाधड़ी जारी है। चुनाव से पहले जो भाजपा लाड़ली बहनों को 3 हजार रुपया प्रतिमाह देने का वादा कर रही थी, वही भाजपा अब सम्मान राशि बढ़ाने की जगह लगातार लाड़ली बहनों की संख्या घटाने में लगी है। प्रदेश में 1.63 लाख लाड़ली बहनें इस योजना से बाहर कर दी गई है। दावा यह किया जा रहा है कि जिन महिलाओं की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो गई है, उन्हें योजना से बाहर किया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि जिन महिलाओं की उम्र योजना में शामिल होने के लिए पात्र बन गई है, उनका नया पंजीकरण क्यों नहीं किया जा रहा है।
धरना-प्रदर्शन कम करने की दी दिग्विजय सिंह ने नसीहत
राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा, राजनीति में संपर्क, संवाद, स्वभाव, समावेश और समान आवश्यक हैं। पहले अजा-अजजा वर्ग के लिए अलग बजट होता था। अब उसका पैसा सीएम, पीएम के समेलनों में खर्च किया जा रहा है। सिंह ने पार्टी नेताओंं को सुझाव दिया है कि धरना-प्रदर्शन कम करने का विचार कर फोकस संगठन को मजबूत करने पर होना चाहिए। हमारे पास अभी चार साल हैं। 2025 में सालभर बूथ पर काम किया जाए। आंदोलनों के लिए कार्यकर्ताओं की ऊर्जा बचाकर रखना चाहिए। चुनावी वर्ष या उसके पहले आंदोलन तेज किए जाने चाहिए।
नए प्रभारी बनाए जाने से अजय सिंह ने जाहिर की नाखुशी
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि जिले में प्रभारी के ऊपर प्रभारी आ रहे हैं। एक की नियुक्ति के बाद दूसरे प्रभारी आ गए। एक जिला अध्यक्ष को खड़ा कर पूछा कि बताओ भैया अध्यक्ष प्रभारी पर प्रभारी आ रहे हैं या नहीं। इसको लेकर कुछ देर तक तो बैठक में हतप्रभ की स्थिति बन गई। इस पर जीतू पटवारी ने कहा कि जिले का प्रभारी तो एक ही रहेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व में जिला प्रभारी और सह प्रभारी बनाए गए थे। बाद में विधानसभा प्रभारी बनाए। ऐसा इसलिए किया गया जिससे पंचायत एवं गांव तक बेहतर काम हो सके। इस अवसर पर पदाधिकारियों से संगठन की मजबूती के लिए सुझाव भी लिए गए।