कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता योगेश गुप्ता भाजपा में शामिल
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा के समक्ष कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता योगेश गुप्ता ने बीते रोज प्रदेश मीडिया सेंटर में भारतीय जनता पार्टी की रीति-नीति से प्रभावित होकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता एवं प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने पार्टी का अंगवस्त्र पहनाकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी, नरेन्द्र सलूजा, उपस्थित थे।
आखिर परशुराम कल्याण बोर्ड बनाया गया, राजोरिया बने अध्यक्ष
राज्य शासन ने चुनावी आचार संहिता लागू होने के बाद परशुराम कल्याण बोर्ड का गठन कर दिया है। इसका अध्यक्ष भोपाल के ज्योतिषाचार्य पं. विष्णु राजोरिया को बनाया गया है। बोर्ड में चार सदस्य बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस बोर्ड के गठन की परशुराम जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में घोषणा की थी। यह बात अलग है कि इसका गठन ऐसे समय किया गया है जबकि राजोरिया को चुनाव के चलते करने के लिए कुछ नहीं रह गया है। सरकार के इस दांव को महज चुनावी दांव के रुप में ही देखा जा रहा है।
भाजपा प्रत्याशी वोट के साथ मांग रहे नोट
भाजपा ने नागदा-खाचरौद से नए चेहरे डॉ. तेजबहादुर सिंह चौहान मैदान में उतारा है। यहां एक अनूठा चुनावी स्टंट किया जा रहा है। ऐसा पहली बार है कि भाजपा प्रत्याशी एक वोट, एक नोट के बूते जंग में आगे बढ़ रहे हैं। प्रत्याशी की आर्थिक स्थिति कमजोर बताकर पार्टी धनराशि एकत्रित कर रही है। 6 से 8 अक्टूबर को नेताओं ने पेटी लेकर तीन वार्डों में घूमकर चुनाव लड़ाने के लिए धन राशि जुटाई। बताया जा रहा है कि इन पेटियों में अब तक करीब 36 हजार रुपए निकले हैं।
अरुणोदय चौबे की घर वापसी
पूर्व विधायक व दिग्गज नेता अरुणोदय चौबे की एक साल बाद फिर कांग्रेस में वापसी हो गई है। चौबे ने बीते रोज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से उनके निवास पर मुलाकात की। पीसीसी चीफ ने उन्हें गमछा पहनाकर पार्टी में वापसी कराई। दरअसल, एक साल पहले चौबे ने प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष, टीकमगढ़ जिला प्रभारी और कांग्रेस सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के बाद बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन उन्होंने सभी अटकलों को खारिज करते हुए फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया। इन्हें कमलनाथ का बेहद करीबी माना जाता है। सूत्रों की मानें तो पार्टी चौबे को खुरई से भाजपा प्रत्याशी और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ मैदान में उतार सकती है। इसके पहले भी तीन बार दोनों विधानसभा चुनाव में आमने- सामने आ चुके हैं। चौबे 2008 में जीते थे। हालांकि 2013 और 2018 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।