बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/भाजपा जिला उपाध्यक्ष सहित 6 लोगों को 4-4 साल का कारावास

भाजपा जिला उपाध्यक्ष सहित 6 लोगों को 4-4 साल का कारावास
मारपीट और तोडफ़ोड़ के मामले कोर्ट ने टीकमगढ़ में भाजपा जिला उपाध्यक्ष रितेश भदौरा समेत 6 लोगों को चार-चार साल के कारावास की सजा सुनाई है। 11 साल पुराने मारपीट और तोडफ़ोड़ के मामले में  जिला जज हितेंद्र सिंह सिसोदिया ने फैसला सुनाया। सभी को जेल भेज दिया गया है। जिला लोक अभियोजक श्रवण कुमार खरे ने बताया कि 18 अक्टूबर 2012 को जैन तीर्थ क्षेत्र पपौरा में विवाद हुआ था। उसी रात करीब 8 बजे विजय तेंवरैया घर पर थे, तभी आरोपी रितेश भदौरा, प्रदीप भदौरा, गजेंद्र उर्फ लुइस चौधरी, अखिलेश सतभैया, शहजाद खान और तरुण सोनी साथियों के साथ हथियार लेकर पहुंचे। सभी ने घर में घुसकर विजय तेवरैया, उनकी मां गेंदाबाई, पत्नी ज्योति, संगीता, अंगूरी जैन, अभय जैन, विपुल तेवरैया, लवलेश टडईया के साथ जमकर मारपीट की थी। रितेश ने विपुल के सिर में लाठी मार दी थी। आरोपियों ने घर में रखे फर्नीचर और कार में तोडफ़ोड़ भी की थी।

नाथ-दिग्विजय का अहंकार कांग्रेस को ले डूबा: गुड्डू
मप्र में विधानसभा चुनाव में हुई करारी हार के कारणों पर कांग्रेस में मंथन शुरू हो गया है। उधर, अब कांग्रेस के से जुड़े रहे कई नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लडऩे वाले पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है। गुड्डू का कहना है कि दोनों नेताओं के अहंकार की वजह से कांग्रेस को मध्य प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा है। प्रेमचंद गुड्डू ने कांग्रेस की हार का ठीकरा कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर फोड़ते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी। उन्होंने अपनी मर्जी से टिकट बांटे। यदि कांग्रेस थोड़ा चिंतन मनन करती तो शायद कुछ और सीट मिल सकती थी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने भाई- भतीजे और सिपहसालारों को टिकट दिलवा दिए, जिनमें से ज्यादार चुनाव हार गए। उनके भाई-भतीजे सहित सात रिश्तेदार चुनाव हार चुके हैं। परिवारवाद के कारण भी कांग्रेस को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू के चुनाव लडऩे की वजह से आलोट में कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई।

हाईकोर्ट ने कहा, रिश्तेदार होने से गवाह का प्रभाव नहीं होता कम
रिश्तेदार के गवाही के आधार पर सजा से दंडित किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। हाईकोर्ट जस्टिस हृदयेश ने अपील को खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा कि न्यायालय ने कानूनी बिंदू तथा तथ्यों के आधार पर सजा से दंडित किया है। गवाहों के रिश्तेदार होने के कारण उनका प्रभाव कम नहीं होता है। बता दें कि अपीलकर्ता सुकलू की तरफ से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि सोमती बाई (40) पर कुल्हाड़ी से प्राणघातक हमला करने के आरोप में न्यायालय ने उसे पांच साल के कारावास की सजा से दंडित किया है। न्यायालय ने सजा सुनाने में स्वतंत्र गवाह के बयान को नजर अंदाज किया है। घटना का चश्मदीद गवाह नहीं होने के बावजूद रिश्तेदारों के गवाह के आधार पर सजा से दंडित किया गया। अपीलकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि रिश्तेदारों ने अभियोजन की कहानी के अनुसार अपने बयान दिए हैं।

लक्ष्मण बोले – वर्षों से कांग्रेस की हार का मुख्य कारण भीतरघात
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद सियासत जारी है। कांग्रेस नेता प्रदेश से लेकर दिल्ली तक हार के कारणों की समीक्षा कर रहे हैं। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह हार को लेकर ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं। अब उनके भाई लक्ष्मण सिंह ने फिर दोहराया है कि कांग्रेस के सर्वे में मध्य प्रदेश में कांग्रेस जीत रही थी। सही भी था, दुर्भाग्यवश सर्वे में भीतरघात कहां-कहां होगा यह आंकलन नहीं हो सकता। उन्होंने आगे लिखा कि वर्षों से कांग्रेस की हार का मुख्य कारण यही है। बता दें कि चाचौड़ा से पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह भाजपा की युवा प्रत्याशी प्रियंका मीणा से 60 हजार से ज्यादा मतों से चुनाव हार गए हैं। ज्ञात हो कि लक्ष्मण सिंह ने इससे पहले भी पोस्ट किया था कि हम ईवीएम को लेकर सोशल मीडिया और मीडिया में सवाल कर रहे हैं। लेकिन अब तक कानून का सहारा क्यों नहीं लिया?

Related Articles