बिच्छू डॉट कॉम: टोटल रिकॉल/मुख्यमंत्री आज करेंगे स्मार्ट सिटी के नवनिर्मित आवासों का लोकार्पण

मुख्यमंत्री आज करेंगे स्मार्ट सिटी के नवनिर्मित आवासों का लोकार्पण
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज मंगलवार को शाम 5 बजे भोपाल स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन के नवनिर्मित शासकीय आवासों का लोकार्पण करेंगे। लोकार्पण समारोह टीटी नगर में होटल पलाश के सामने आयोजित होगा। भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड ने 364 जी टाइप आवास का निर्माण किया है। इन आवासों के निर्माण की लागत 116.26 करोड़ रुपए है। इन आवासों का निर्माण 3 टॉवरों में किया गया है। प्रत्येक टॉवर 13 मंजिल के हैं। जिन आवासों का लोकार्पण होगा, वे प्रथम चरण में बनाए गए हैं। परिसर में कुल 700 शासकीय आवासों का निर्माण किया जाना है।
रीवा का नाम समदडिय़ा शहर कर देना चाहिए : मिश्रा
विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान विधायक अभय मिश्रा ने सतना शहर के बीचों-बीच पॉलिटेक्निक की करीब 8.91 लाख वर्गफीट जमीन समदडिय़ा बिल्डर को मात्र 121.93 करोड़ में देने का मामला उठाया। कहा, जमीन मात्र 1368 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से दी दी गई। निविदा शर्तों के अनुसार हाईपावर कमेटी को भी ऐसा करने का अधिकार नहीं है। कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने कहा, अब रीवा का नाम समदडिय़ा शहर कर देना चाहिए। री-डायवर्सिफिकेशन में कोई दिक्कत नहीं है।
बीजेपी विधायक मालवीय बोले, कब्रों का कोई औचित्य नहीं, इन्हें हटाएं
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर स्थित औरंगजेब की कब्र को हटाने का मुद्दा मध्य प्रदेश में भी सियासी असर दिखा रहा है। विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा के दौरान आलोट के बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय ने कहा कि कई राजा और बादशाह आए और चले गए, उनकी कब्रों का कोई औचित्य नहीं है। चूंकि मुसलमान उन्हें नहीं मानते और हिंदुओं के लिए वे स्वीकार्य नहीं हैं, इसलिए इन्हें हटा देना चाहिए। मालवीय ने कहा कि कब्र इस्लामिक मूल सिद्धांत नहीं है। जितने शाहाबाद है, मुहम्मद साहब के साथ वाले जो लोग थे, उनमें किसी की भी कब्र नहीं है। यहां पक्की कब्रें करने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि जमीनों पर ज्यादा से ज्यादा कब्जे हों, तो ये नहीं होना चाहिए। उसकी आवश्यकता नहीं हैं।
मप्र में वक्फ के पास 52,752 एकड़ जमीन : कृष्णा गौर
अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने सोमवार को विधानसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि पूरे प्रदेश में वक्फ बोर्ड के अधिपत्य में 52 हजार 752 एकड़ जमीन है। उन्होंने बताया कि शाजापुर जिले में वर्ष 1990 की स्थिति में 4,503 एकड़ और वर्तमान की स्थिति में 4,507 एकड़ भूमि है। जो आठ संपत्तियां बढ़ी हैं, वह शाजापुर जिले में प्रचलित वक्फ एक्ट के प्रविधान के अंतर्गत वर्ष 1994 में पंजीकृत हुई थीं। इनमें पांच निजी भूमि और तीन संपत्तियां शासकीय भूमि पर हैं। मंत्री गौर ने बताया कि वक्फ बोर्ड की भूमि के संबंध में वक्फ अधिकरण न्यायालय, भोपाल में 2017 से 2024 तक के 11 प्रकरण पंजीकृत हुए हैं। अतिक्रमण के पांच प्रकरण वर्ष 2021 से लंबित हैं।

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