बिहाइंड द कर्टन/कांग्रेस विधायक को परेशान कर रही महिला के मामले में पुलिस जांच शुरू

  • प्रणव बजाज
नीरज दीक्षित

कांग्रेस विधायक को परेशान कर रही महिला के मामले में पुलिस जांच शुरू
छतरपुर जिले की महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक नीरज दीक्षित को एक महिला द्वारा परेशान किए जाने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। विधायक ने कहा कि यह महिला मुझे बार-बार मैसेज करती थी। मुझे लगा कि कोई मदद मांगने वाला होगा लेकिन उसकी हरकतें बंद नहीं हुई बल्कि बाद में वह अश्लील मैसेज भी भेजने लगी। यही नहीं उसके बाद उस महिला ने वीडियो कॉलिंग करके अश्लील हरकतें भी करनी शुरू कर दी। उसकी इन  हरकतों और ब्लैकमेलिंग से तंग आकर विधायक दीक्षित ने विधानसभा क्षेत्र के गढ़ीमलहरा थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अपने आवेदन में लिखा कि इसके खिलाफ जांच कराई जाए। शिकायती आवेदन मिलने के बाद पुलिस ने मामले में तुरंत कार्यवाही शुरू कर दी है और उस अज्ञात महिला के मोबाइल को सर्विलांस में ले लिया है।

थप्पड़ कांड में आया नया मोड़ अब कमिश्नर से मांगा प्रतिवेदन
प्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा आम जनता को थप्पड़ मारना धीरे धीरे प्रचलन में आता जा रहा है। हाल ही में शाजापुर जिले की जिला दंडाधिकारी (एडीएम) मंजूषा विक्रांत राय ने कोरोना कर्फ्यू के दौरान दुकान खुली पाए जाने पर एक दुकानदार को थप्पड़ मार दिया। हालांकि अब इस घटना में नया मोड़ आ गया है। दरअसल मानव अधिकार हनन से जुड़े इस मामले को अब मानव अधिकार आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है। आयोग ने घटना को संज्ञान में लेते हुए उज्जैन कमिश्नर से इस बारे में दस दिन में प्रतिवेदन मांगा है। बता दें कि शाजापुर में कोरोना कर्फ्यू के दौरान एडीएम मंजूषा विक्रांत राय जब स्थिति का जायजा लेने निकली तो उन्हें इस दौरान अब्दुल हफीज की दुकान खुली मिली। इस पर एडीएम ने नाराजगी जाहिर करते हुए उसे थप्पड़ मार दिया। इसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया था। इस मामले में हफीज का कहना है कि दुकान से ही घर का रास्ता है।

क्या सरकार कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर पाएगी!
सरकार क्या अपने ही कलेक्टर के खिलाफ कोई कार्यवाही कर पाएगी? इस पर फिलहाल सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। दरअसल हाल ही में खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी द्वारा राज्य शासन के अधिकार क्षेत्र में दखल देते हुए जनसंपर्क अधिकारी बृजेश शर्मा को जनसंपर्क संचालनालय के लिए एक तरफा रिलीव करने की कार्यवाही की गई थी। जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया था। जनसंपर्क अधिकारी संघ ने एक दिन की हड़ताल भी की थी।  संघ ने इस दौरान शासन से कलेक्टर खंडवा के खिलाफ कार्रवाई की मांग  की थी। बढ़ते विवाद को देखते हुए कमिश्नर इंदौर डॉ. पवन शर्मा ने पीआरओ शर्मा का निलंबन आदेश वापस लेकर उन्हें बहाल करते हुए इंदौर जनसंपर्क कार्यालय में अटैच कर दिया है। वहीं कलेक्टर के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही सरकार की ओर से नहीं की गई है। इसे लेकर जनसंपर्क विभाग के अधिकारी खासे नाराज हैं। अब सबकी निगाहें सरकार की तरफ लगी हैं कि क्या वह अपने ही कलेक्टर के खिलाफ कोई कार्यवाही कर पाती है या नहीं।

कलेक्टर नीरज सिंह का नवाचार चर्चा में
राजगढ़ कलेक्टर नीरज सिंह द्वारा ग्रामीणों में वैक्सीनेशन को लेकर किया गया नवाचार इस समय चर्चाओं में है। दरअसल कोरोना वैक्सीन के प्रमोशन के लिए राजगढ़ कलेक्टर खुद मैदान में उतर गए हैं। वे वहां गांव जाकर ग्रामीणों को वैक्सीन लगवाने के लिए ना सिर्फ प्रेरित कर रहे हैं बल्कि उनकी लोक भाषा में ही बात करके उनका भ्रम भी दूर कर रहे हैं। उनके इस नवाचार की वजह से ही ग्रामीण क्षेत्रों में खाली पड़े रहने वाले वैक्सीन सेंटरों पर अब फिर भीड़ नजर आने लगी है। कलेक्टर नीरज अभी तक अधिकांश गांव घूम चुके हैं। वे ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही उन्हें अलर्ट भी करते हैं। बताते हैं कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अभी गई नहीं है। लापरवाही से तीसरी लहर कब आ जाए कहा नहीं जा सकता। इलाज के लिए अस्पताल दौड़े इससे अच्छा है कि बीमारी को अपने घर ही न आने दें। सतर्क रहें, जागरूक रहें और अनावश्यक घर से बाहर नहीं जाएं।

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