ऑफ द रिकॉर्ड/कोरोना से इस महीने से मिल सकती है राहत

  • नगीन बारकिया
कोरोना

कोरोना से इस महीने से मिल सकती है राहत
लंबे समय से कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे लोगों के लिए शायद यह पहली बड़ी राहत की खबर है कि जून के महीने से कोविड-19 से उबरने वाले मरीजों की संख्या में सुधार आने की उम्मीद है। विशेषज्ञों के अनुसार नए मामलों तथा मृत्यु दर में कमी का ट्रेंड भी बरकरार रहने की उम्मीद है। यही नहीं, जून में देश को 12 करोड़ से अधिक वैक्सीन मिलने से टीकाकरण अभियान का रफ्तार पकड़ना भी तय माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बीते तीन हफ्तों से कोविड-19 के नए मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। नौ मई को जहां देश में 4,03,738 नए संक्रमितों की पहचान हुई थी, वहीं 30 मई को यह आंकड़ा घटकर 1,65,553 पर पहुंच गया।  

उप्र में चुनावों की आहट और गठबंधनों की सुगबुगाहट
पंचायत चुनाव नतीजों के बाद अब एक बार फिर उप्र का सियासी पारा गर्माने की ओर अग्रसर है। एक ओर जहां योगी कैबिनेट के विस्तार के साथ ही एक बड़े बदलाव की चर्चा है वहीं विपक्षी एकता की कोपलें भी फिर से फूटती दिखाई दे रही हैं जिसमें राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन की चर्चाएं सामने आ रही हैं। जहां तक योगी कैबिनेट की स्थिति है वहां फिलहाल 53 मंत्री हैं और 7 सदस्यों की और गुंजाइश है। वैसे भी तीन मंत्रियों के निधन के कारण तीन स्थान तो निकट भविष्य में भरे ही जाना है। इसी के साथ भाजपा संगठन में बड़े बदलाव की दृष्टि से भी कार्य शुरू हो गया है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष का सोमवार का लखनऊ दौरा इसी बात का संकेत लगता है। संतोष ने दोपहर को बीजेपी मुख्यालय में एक बैठक को संबोधित किया जिसमें क्षेत्रीय अध्यक्ष और प्रदेश महामंत्री भी बुलाए गए थे। इसके ठीक बाद सीएम आवास पर यूपी बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक हुई जो काफी अहम रही। उधर विधानसभा चुनावों में हार के बाद कांग्रेस पर उत्तर प्रदेश में रणनीति बदलने का दबाव बढ़ गया है। पार्टी में गठबंधन की मांग तेज हो गई है। पार्टी नेताओं का मानना है कि वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को भाजपा की हार सुनिश्चित करनी है तो क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना होगा। गठबंधन की वकालत करने वाले नेताओं का कहना है कि पांच राज्यों के चुनाव परिणाम से सबक लेना चाहिए। उसे उत्तर प्रदेश में अपने दम पर सत्ता में वापसी का सपना छोड़कर हकीकत का सामना करना चाहिए। वहीं, कांग्रेस का पूरा दारोमदार अपने परंपरागत मतदाता और मुस्लिम वोट पर है। बंगाल के नतीजों को देखते हुए इन नेताओं की दलील है कि मतदाता भाजपा के खिलाफ उस पार्टी को वोट देंगे, जो सरकार बना सकती हो। कांग्रेस फिलहाल इस स्थिति में नहीं है। ऐसे में कांग्रेस को भाजपा विरोधी वोट एकजुट रखने के लिए गठबंधन पर विचार करना चाहिए।

सीबीएसई परीक्षाओं पर आज आ सकता है अहम फैसला
सीबीएसई और सीआईएससीई 12वीं कक्षा की परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार तक के लिए सुनवाई टाल दी है क्योंकि इन परीक्षाओं के संबंध में बोर्ड आज यानी 01 जून को बड़ा ऐलान कर सकता है। सीबीएसई ने अप्रैल में कोरोना संकट को देखते हुए 1 जून तक परीक्षाएं स्थगित रखने का ऐलान किया था। ऐसे में देखना होगा कि आज बोर्ड क्या फैसला लेता है। कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई और सीआईएससीई 12वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षाओं के संबंध में विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रहा है। इनमें परीक्षाएं रद्द करना और वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति अपनाना या संक्षिप्त प्रारूप में परीक्षा कराना शामिल हैं।

आज से मप्र भी हुआ अनलॉक
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के भय से पिछले 9 अप्रैल से लॉक हुआ मप्र अब 53 दिन के बाद आज से अनलॉक हो रहा है। राजधानी भोपाल में सुबह से ही कई दुकानों के शटर खुलना शुरू हो गए थे जबकि कई अभी भी विचार कर रहे हैं कि बाजार का रंगढंग देखकर ही कदम उठाएँ। प्रदेश के अन्य जिलों में भी अलग अलग तरीके से छूट दी गई है। राजधानी में शनिवार, रविवार को कोरोना कर्फ्यू जारी रहेगा। किराना, दवा व अन्य आवश्यक वस्तुओं की दुकानें पांच दिन सुबह 10 से शाम 6 बजे तक खुली रह सकेंगी। ई-कॉमर्स कंपनियां होम डिलीवरी कर सकेंगी। आॅटो, ई-रिक्शा, टैक्सी को अनुमति होगी लेकिन कार में केवल तीन लोग ही बैठ सकेंगे। इंदौर में किराना दुकानें दोपहर 12 बजे तक ही खोली जा सकेंगी। इस बीच सागर, दमोह और मुरैना में 7 जून तक के लिए कर्फ्यू अवधि बढ़ा दी गई है।

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