- नगीन बारकिया

भाजपा ने पंजाब में अकेले लड़ने की तैयारी दिखाई
पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अब धीरे धीरे सभी राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है। पिछले लंबे समय से चले आ रहे गठबंधन की गांठ अब खुल चुकी है और दोनों ने ही अलग होकर चुनाव लड़ने के इरादे साफ कर दिए हैं। अकाली दल जहां बसपा से गठजोड़ कर रहा है वहीं शायद यहां अकेले ही लड़ना पसंद करने वाली है। भाजपा ने इसके लिए अपनी चुनाव-पूर्व रणनीति पर काम भी शुरू कर दिया है। उसकी यह रणनीति अब आम लोगों को समझ भी आने लगी है। उनकी इस रणनीति का पहला काम है राज्य के विभिन्न वर्गों के विशिष्ट व्यक्तियों को अपने साथ जोड़ने का। साथ ही दूसरे दलों के प्रमुख नेताओं के लिए पार्टी के दरवाजे खोलना भी इसी रणनीति का हिस्सा है। लगता है पार्टी ने इसे कार्यरूप में परिणित करना भी शुरू कर दिया है जिसके फलस्वरूप बुधवार को कुछ प्रतिष्ठित लोगों ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया। पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वालों में पंजाब के जाने-माने शिक्षाविद व काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति जसविंदर सिंह ढिल्लों, ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट फेडरेशन के अध्यक्ष रह चुके हरिंदर सिंह कहलों और कुलदीप सिंह कहलों, इंटेलेक्चुअल फार्मर्स मंच के जगमोहन सिंह सैनी, निर्मल सिंह मोहाली तथा कर्नल जैबंस सिंह शामिल हैं।
क्या सोनिया और राहुल ने ले ली है वैक्सीन…।
कोरोना के लिए दी जा रही वैक्सीन पर भी राजनीतिक रंग चढ़ने लगा है। पहली बार तो सपा नेता अखिलेश यादव ने इसे भाजपा की वैक्सीन कहकर नकार दिया था तो अब कांग्रेस नेता इसे लेकर निशाने पर हैं। हाल ही में भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने कहा था कि सोनिया और राहुल ने अभी तक टीका नहीं लिया है। उन्हें भारतीय टीकों पर विश्वास नहीं है। अब कांग्रेस ने इस मामले में जवाब दिया है और कहा कि सोनिया गांधी ने कई महीने पहले ही कोविशील्ड वैक्सीन ले ली है। लेकिन राहुल गांधी अभी भी डोज का इंतजार कर रहे हैं। पार्टी के जनरल सेक्रेट्री केसी वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल भी वैक्सीन लेने वाले थे लेकिन तब तक वो कोरोना पॉजीटिव हो गए। वो जल्दी ही अब पहली डोज लेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने मकसद के लिए सिर्फ झूठ का प्रचार-प्रसार किया। इस पर केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने फिर कांग्रेस को निशाने पर लिया है। उन्होंने मंगलवार को आरोप लगाया कि जब हमने जनवरी में टीकाकरण शुरू किया, तो कांग्रेस नेताओं ने वैक्सीन प्रभावकारिता पर सवाल उठाए। अब, वे वैक्सीन ले रहे हैं।
रामविलास की लोजपा अब किसकी होगी …।
इन दिनों बिहार की राजधानी पटना राजनीतिक दृष्टि से चर्चा का केंद्र बनी हुई है। स्व. नेता रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी पर अपनी अपनी दावेदारी बताते हुए चिराग पासवान और उनके चाचा-भतीजों ने अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है ताकि यह तय हो सके कि लोजपा सही मानो में किसकी है। कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए सूरजभान सिंह के आवास पर गुरुवार को होने वाली राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में पशुपति पारस को सर्वसम्मति से लोजपा का अध्यक्ष चुन लिया जाएगा। इसके बाद संभावना है कि वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करेंगे। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए जाने के बाद पारस गुट चुनाव आयोग के समक्ष असली लोजपा होने का दावा करेगा। चिराग पासवान की ओर से फिलहाल चुप्पी छाई हुई है।
बंगाल भाजपा में हो सकती है और टूट-फूट
विधानसभा चुनावों में अनपेक्षित परिणामों से निराशा में डूबी बंगाल भाजपा की मुसीबतें अभी कम नहीं हो रही हैं। उसके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे मुकुल राय टीएमसी में प्रवेश कर घर वापसी कर चुके हैं। अब अपनी उपयोगिता ममता दीदी के सामने सिद्ध करने को उन्होंने अपनी ताकत का प्रदर्शन करने का प्लान बनाया है। माना जा रहा है कि अब भी भाजपा के 20-25 विधायक और दो सांसद कभी भी लाइन के उस पार जा सकते हैं। बताया जाता है कि ये सब मुकुल राय और उनके बेटे शुभ्रांशु के साथ टेलीफोन पर संपर्क में है। इस आशंका को इस बात से भी बल मिलता है कि गत दिनों विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे विधायकों की संख्या 51 ही थी जबकि उसके 77 विधायक है। देखना दिलचस्प होगा कि मुकुल राय का दाव कहां तक सफल होगा।