
- नगीन बारकिया
कश्मीर पर पीएम की बैठक को लेकर हलचल तेज, अटकलों का बाजार गर्म
पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में अचानक सेना की बड़ी संख्या में तैनाती तथा सरकार की बढ़ रही गतिविधियों ने लोगों का बरबस ही ध्यान खींचा हुआ है। इसी के चलते एक कयास राज्य में शीघ्र ही विधानसभा चुनावों की तैयारियों का भी लगाया जा रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री का प्रदेश के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 14 प्रमुख नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित करना इन्हीं अटकलों को आगे बढ़ा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्रियों में फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन नेताओं को 24 जून को दिल्ली बुलाया गया है। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहली बार हो रही इस तरह की बैठक के लिए सभी नेताओं को कोरोना जांच रिपोर्ट भी साथ लाने को कहा गया है। जिन नेताओं को बुलाया गया है उनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता ताराचंद, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस लीडर मुजफ्फर हुसैन बेग और बीजेपी नेता निर्मल सिंह और कवींद्र गुप्ता, सीबीआई (एम) नेता मोहम्मद युसूफ तारागामी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चीफ अल्ताफ बुखारी, पीपल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन, पैंथर्स पार्टी के नेता भीमसिंह भी शामिल हैं।
बैठक को लेकर पाकिस्तान के पेट में दर्द
24 जून को कश्मीरी नेताओं के साथ होने जा रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस मुलाकात से पहले पाकिस्तान में भी बेचैनी देखी जा रही है। पाकिस्तान ने शनिवार को गीदड़भभकी दी है कि वो कश्मीर को बांटने या मौजूदा भौगोलिक स्थिति में किसी भी बदलाव का विरोध करेगा। पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने कहा है कि भारत को कश्मीर में किसी भी गैरकानूनी कदम उठाने से बचना चाहिए। माना जा रहा है कि बैठक की इस बात से पाकिस्तान बौखला उठा है। विदेश मंत्री ने कहा है कि 5 अगस्त, 2019 को भारत द्वारा की गई कार्रवाई का हमने सख्ती से विरोध किया है और यूएन सुरक्षा काउंसिल समेत कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी बात रखी है।
अपनों को नौकरी देकर विवादों में फंसे कैप्टन अमरिंदर
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का विवादों से पीछा ही नहीं छूट रहा है। नया विवाद उनका ही पैदा हुआ है। उनकी सरकार ने अपनी पार्टी के दो विधायक पुत्रों को नौकरी देने की गलती परेशानी का सबब बन गई है। अब सरकार अपनी ही पार्टी के नेताओं के सवालों से घिर गई है। ये विधायक हैं राकेश पांडे और फतेह जंग सिंह बाजवा। इन दोनों विधायक के पुत्रों में एक को सीधे नायब तहसीलदार तथा दूसरे को पुलिस इंस्पेक्टर के रूप में आतंकवाद पीड़ित परिवार कोटे से नौकरी दी गई है। सरकार के इस फैसले पर अब कांग्रेस पार्टी के ही नेता सवाल उठा रहे हैं। पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने मुख्यमंत्री से अपील करते हुए कहा है कि पार्टी विधायक पुत्रों को नौकरी देने के फैसले पर फिर से विचार करे। इतना ही नहीं उन्होंने इस नियुक्ति को तुरंत रद्द करने की भी मांग की। इधर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने इस मामले पर कहा कि बिना योग्यता के किसी को भी कोई पद नहीं दिया जाना चाहिए, खासकर उन लोगों को जो पहले से ही आर्थिक रूप से संपन्न हैं। विपक्षी भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने खिलाफ बगावत रोकने के लिए दोनों विधायकों के साथ सौदा कर सत्ता बचाने का प्रयास किया है।
टीकाकरण में सबसे आगे निकला चीन
कोरोना टीकाकरण में धीमी शुरुआत के बाद चीन सबसे आगे निकलता दिख रहा है। कुछ ही दिनों में चीन में एक अरब लोगों का टीकाकरण हो जाएगा जो दुनिया के अन्य देशों की अपेक्षा बहुत ज्यादा है। चीन में बुधवार तक 94.5 करोड़ लोगों का टीकाकरण हो चुका है जो अमेरिका के मुकाबले तीन गुना ज्यादा है। वहीं दुनिया में जितना टीकाकरण हुआ उसका 40 फीसदी अकेले चीन में हुआ है। दुनियाभर में अब तक 2.5 अरब लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। चीन में शनिवार को दो करोड़ लोगों को टीकाकरण किया गया। अगर यही रफ्तार रही तो इस हफ्ते तक चीन में एक अरब लोगों का टीकाकरण हो जाएगा। चीन में टीकाकरण अभियान में एकदम से आई तेजी काफी आश्चर्यजनक है क्योंकि यहां टीकाकरण की शुरुआत काफी धीमी रही। चीन ने 27 मार्च तक 10 लाख का टीकाकरण किया जबकि अमेरिका दो सप्ताह पहले ही इतने लोगों का टीकाकरण कर चुका था। लेकिन मई में इसमें काफी तेजी देखने को मिली। चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक सिर्फ मई माह में ही 50 करोड़ लोगों का टीकाकरण किया गया।