ऑफ द रिकॉर्ड/कई राज्यों में 12 जुलाई से खुल रहे स्कूल, मप्र में अभी करना होगा कुछ और इंतजार…

  • नगीन बारकिया
राज्य

कई राज्यों में 12 जुलाई से खुल रहे स्कूल, मप्र में अभी करना होगा कुछ और इंतजार…।
को रोना वायरस की दूसरी लहर को थमते हुए देखकर देश में कई राज्यों ने स्कूलों को खोलने का निश्चय किया है, जबकि कई राज्य अभी स्कूलों को खोलने पर राजी नहीं हुए हैं और उन्होंने इस बारे में कोई निर्णय नहीं किया है। जहां तक मप्र का सवाल है, यहां अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा क्योंकि सरकार अब कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। स्कूलों को खोलने का निर्णय करने वालों में आंध्रप्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और महाराष्ट्र जैसे राज्य हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में जब लॉकडाउन लगाया गया था उसी वक्त से अधिकतर स्कूल बंद चल रहे हैं। हालांकि दिसंबर-जनवरी में कुछ स्कूल खोले गये थे लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कारण स्कूलों को फिर से बंद करना पड़ा। अब देश में कोरोना के केस 50 हजार से नीचे चले गए हैं और अनलॉक की शुरूआत हो चुकी है। उत्तराखंड और बिहार में 12 जुलाई से स्कूल खुलेंगे जबकि महाराष्ट्र में 15 जुलाई से स्कूल खुलने वाले हैं। आंध्र प्रदेश में अगस्त से स्कूल खुलेंगे। यह भी गौरतलब है कि दिल्ली, उप्र, मप्र, राजस्थान, पंजाब और झारखंड जैसे राज्य कोरोना वायरस की तीसरी लहर के कारण अभी स्कूलों को खोलने में मूड में नहीं हैं। वहां अभी बच्चों के लिए आॅनलाइन कक्षाएं ही चलेंगी। कोचिंग संस्थान भी अभी बंद हैं, ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का नुकसान तो हो रहा है लेकिन बच्चों का वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण माता-पिता अभी बच्चों को स्कूल भेजने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं और वे बच्चों को घर पर ही सुरक्षित मान रहे हैं।

क्या होगा प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन और रविशंकर प्रसाद का
मोदी मंत्रिमंडल विस्तार की बुधवार को जो सबसे बड़ी और चौंकानेवाली खबर थी वह थी 12 मंत्रियों, विशेषकर रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर और हर्षवर्धन जैसे कद्दावर मंत्रियों से इस्तीफे लेना। इस घटना ने सभी का ध्यान शपथ लेते मंत्रियों को देखने की बजाय इस्तीफा देने वाले मंत्रियों के चेहरों के हाव-भाव तलाशने में लगा था तब कई लोगों का मन इस सवाल का जवाब तलाशने में जुटा हुआ था कि इन नेताओं का पुनर्वास कब, कहां और कैसे होगा। जानकारों का कहना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी इन पर संगठन की जिम्मेदारी सौंपने वाली है। बताया जाता है कि बंगाल चुनाव के बाद पार्टी को यह महसूस हुआ है कि संगठन कुछ हद तक कमजोर हुआ है। पार्टी को अगले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब होने वाले विधानसभा चुनाव को गंभीरता से ले रही है और यही वजह है कि वह संगठन को मजबूत करना चाहती है। पीएम ने अपने फेरबदल में भी इस संदेश को स्पष्ट कर दिया। यह भी साफ है कि संगठन के बारे में नियुक्ति संबंधी कोई भी फैसला लेने का अधिकार अध्यक्ष का है। ऐसे में अब पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ही तय करेंगे कि इन दिग्गज नेताओं का राजनीतिक भविष्य क्या होगा।

उप्र में जनसंख्या जागरूकता पर नई  नीति रविवार को जारी होगी
इस समय देश भर में जनसंख्या नियंत्रण कानून लोकसभा के 19 जुलाई से शुरू मानसून सत्र में लाए जाने की खूब चर्चा गर्म है। मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और राममंदिर का मसला हल किए जाने के बाद अब लोगों की अपेक्षाएं समान नागरिक संहिता याने कॉमन सिविल कोड लागू किए जाने को लेकर काफी बढ़ गई है लेकिन उसके ठीक पहले उप्र में 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या नियंत्रण या जनसंख्या जागरूकता नीति जारी किए जाने की संभावनाएं हैं। नई नीति में गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाने, सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने, नपुंसकता- बांझपन की समस्या का समाधान करने, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था की जाएगी। नई नीति जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों को तेज करने वाली होगी। इस नई जनसंख्या नीति 2021-30 में नवजात मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर को कम करने की कोशिश होगी।

इसी सप्ताह भारत को मिल सकते हैं माडर्ना के वैक्सीन
कोरोना पीड़ितों के लिए एक राहत की खबर है कि मॉडर्ना कोविड वैक्सीन इस सप्ताह भारत पहुंच सकता है। हालाकि अभी यह स्थिति साफ नहीं हुई है कि मॉडर्ना को सरकार कानूनी क्षतिपूर्ति प्रदान करेगी या नहीं। इसमें उलझन यह है कि अगर मॉडर्ना को यह सहूलियत मिलती है तो अन्य कंपनियां भी सरकार से इस तरह की मांग कर सकती है। यदि यह संभव हो गया तो मॉडर्ना भारत में आने वाली पहली अमेरिकी वैक्सीन होगी। यही वजह है कि सबकी निगाहें इस वैक्सीन के भारत में लॉन्च होने के तकनीक पर लगी है। वजह यह है कि मॉडर्ना जिस रास्ते से भारत में पहुंचेगा उसी रास्ते से अन्य विदेशी वैक्सीन भी भारत आएगी। पिछले महीने 29 जून को ड्रग कंट्रोलर जनरल आॅफ इंडिया ने सिप्ला को अमेरिका से मॉडर्ना वैक्सीन आयात करने की अनुमति दी थी।

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