ऑफ द रिकॉर्ड/कोरोना से मौतों का रिकॉर्ड बना, नए केसों में राहत

  • नगीन बारकिया
कोरोना

कोरोना से मौतों का रिकॉर्ड बना, नए केसों में राहत
पिछले 24 घंटों में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा पिछले रिकॉर्ड को भी पार कर गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मौत के आंकड़े डराने वाले हैं जिसमें पिछले 24 घंटे में 4340 मौत हुई जो महामारी की शुरूआत से लेकर सर्वाधिक संख्या है। इससे पहले 12 मई को सर्वाधिक 4205 मरीजों की जान गई थी। हालाकि राहत की बात यह है कि नए मामलों में भारी कमी आई है और पिछले 24 घंटे में देशभर में 2.63 लाख नए मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि इससे पहले सोमवार को 2.81 लाख नए केस सामने आए थे।

अब तक 18 करोड़ से ज्यादा को लग चुका है टीका
वैक्सीनेशन का काम तेजी पकड़ने की दिशा में बढ़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में सोमवार को कोविड-19 टीके की 14,79,592 खुराक लगाई गईं, जिसके साथ ही अब तक टीका लगवाने वालों की संख्या 18.44 करोड़ के पार चली गई है। बताया गया है कि सोमवार को 18-44 आयवुर्ग के 6,63,329 लोगों को कोविड-19 टीके की पहली खुराक लगायी गयी और इस तरह इस टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत से अब तक 36 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इस वर्ग में 59,32,704 लाभार्थियों को टीके लगाए जा चुके हैं। 17 मई को रात आठ बजे तक की अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार, देश में अब तक कोविड-19 टीके की 18,44,22,218 खुराक लगाई गई हैं। अब तक दी गई खुराकों में से 96,58,913 ऐसे स्वास्थ्यकर्मी हैं जिन्हें कोविड-19 टीके की पहली खुराक दी गयी है जबकि 66,52,200 ऐसे स्वास्थ्यकर्मी हैं जिन्हें दूसरी खुराक भी लग गयी है। साथ ही, अग्रिम मोर्चे के 1,44,97,411 कर्मियों को पहली खुराक जबकि 82,16,750 कर्मियों को दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है।

सलमान खुर्शीद बोले- भाजपा की तरह सोचना चाहिए
हाल ही में देश में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम पर प्रतिक्रिया स्वरूप कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कांग्रेस को सीख लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इन चुनावों और विशेषकर बंगाल तथा असम में भाजपा के प्रदर्शन से सबक लेने की जरूरत है। उन्होंने उनकी पार्टी से, भाजपा की तरह बड़ा सोचने की पैरवी करते हुए सोमवार को कहा कि कांग्रेस को इस निराशावादी दृष्टिकोण को नहीं मानना चाहिए कि वह बहुत छोटी व कमजोर हो चुकी है तथा अपनी खोई जमीन वापस नहीं पा सकती। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ”मैंने पश्चिम बंगाल और असम से एक चीज सीखी है कि आपको यह कभी भी स्वीकार नहीं करना चाहिए कि आप आप बहुत छोटे हैं, कमजोर हैं और किसी क्षेत्र या राज्य में कुछ बड़ा नहीं कर सकते।” खुर्शीद ने यह भी कहा, ”मेरा मानना है कि भाजपा ने उन जगहों पर भी ऐसा (बड़ा सोचने की रणनीति) किया है जहां उनका कोई अस्तित्व ही नहीं था। उन्होंने उन स्थानों पर भ्री ऐसा करने का प्रयास किया जहां आज भी उनका कोई अस्तित्व नहीं है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया, ”कांग्रेस को यह निराशावादी दृष्टिकोण नहीं स्वीकारना चाहिए कि वह अपनी जमीन बहुत ज्यादा खो चुकी है और इसे फिर से हासिल नहीं कर सकती।

आखिर क्या चाहते हैं नवजोत सिद्धू…।
पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की आहट आना शुरू हो गई है। यह आहट सत्तारूढ़ कांग्रेस के खेमे से ही आई है। वहां मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदरसिंह तथा नवजोत सिद्धू की नोकझोंक किसी से छिपी नहीं है और अब चुनावी सरगर्मियों के चलते इसने तेजी पकड़ना शुरू कर दिया है। पार्टी को डर है कि दोनों नेताओं में टकराव इसी तरह जारी रहा, तो चुनाव में नुकसान हो सकता है। लेकिन पार्टी की मुश्किल यह है कि वह इनमें से किसी भी नेता पर दबाव डालने की स्थिति में नहीं है। जहां तक ज्ञात है सिद्धू को कैप्टन मंत्री पद से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं, जबकि सिद्धू उप मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते हैं। मुख्यमंत्री इन दोनों पदों के लिए किसी भी कीमत पर तैयार नहीं हैं। वहीं, सिद्धू मंत्री पद पर रजामंद नहीं हैं। बताया जाता है कि पार्टी नेतृत्व को स्थिति की जानकारी है। मामले को सुलझाने की कोशिश की जा रही है।

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