ऑफ द रिकॉर्ड/संक्रमितों की संख्या में लगातार दूसरे दिन अच्छी गिरावट

  • नगीन बारकिया
कोरोना

संक्रमितों की संख्या में लगातार दूसरे दिन अच्छी गिरावट
देश में अभी कोरोना संकट पूरी तरह से बरकरार है लेकिन साथ ही पिछले दो दिन से इसके आंकड़ों में आ रही उल्लेखनीय गिरावट से लोगों को राहत मिल सकती है। जो आंकड़े चार लाख को भी पार कर गए थे वह अब पिछले 24 घंटे में 3 लाख 29 हजार तक गिर गया है। इससे साफ पता चलता है कि आज यह आंकड़ा 37 हजार कम हुआ है। यह भी उल्लेखनीय है कि बीते कुछ दिनों से लगातार ने मामलों में कमी देखी गई है। यह ट्रेंड थोड़ी सी राहत देने वाला है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान कोरोना से होने वाली मौतों में भी कमी आई है। इस दौरान देशभर में कुल 3576 मौतें दर्ज की गई हैं जो कल के मुकाबले 200 कम है। यह भी कहा जा रहा है कि संक्रमण में कमी की वजह इस दौरान कम जांच होना हो सकता है। लेकिन मौतों में थोड़ी कमी सकारात्मक संकेत माना जा सकता है। वहीं, देश में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 37,13,243 है। इस बीच देश में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी लगातार सुधर रही है। बीते चौबीस घंटों के दौरान 3,35,645 लोग स्वस्थ हुए हैं। जिन राज्यों में संक्रमण सर्वाधिक है, वहां स्वस्थ होने वाले भी सबसे ज्यादा हैं। स्वस्थ होने वाले 74 फीसदी मरीज उन्हीं दस राज्यों से हैं जहां सबसे ज्यादा संक्रमण है। इनमें महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, गुजरात तथा दिल्ली शामिल हैं।

देश के सभी मेडिकल कॉलेजों में ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे
कोरोना को लेकर देश में अचानक पैदा हुए ऑक्सीजन संकट से निपटने के लिए कई स्तरों पर काम किया जा रहा है। इसी सिलसिले में नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने देशभर के सभी मेडिकल कॉलेजों को छह महीने के भीतर ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए हैं। एमबीबीएस की पढ़ाई करा रहे सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को यह प्लांट लगाना अनिवार्य होगा। भविष्य में कॉलेजों को संचालन की अनुमति के लिए भी संयंत्र को एक आवश्यक संसाधन माना जाएगा। एनएमसी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज पीएसए या वीएसए ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना करें। ये दोनों अलग-अलग तकनीक के संयंत्र हैं जो ऑक्सीजन पैदा करते हैं। दूसरे, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को तरल ऑक्सीजन के भंडारण के लिए एक ऑक्सीजन टैंक की स्थापना भी करनी होगी। जिन अस्पतालों के पास अब तक यह टैंक नहीं है, उन्हें तत्काल यह लगाना होगा।

कोरोना को लेकर कांग्रेस की बैठक में मोदी पर हमला
हाल ही में सम्पन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणामों की समीक्षा करने के लिए आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कोरोना के लिए वैक्सीन सप्लाय को लेकर केंद्र सरकार के साथ पीएम मोदी पर हमला बोला। प्रस्ताव में कहा गया है कि मोदी सरकार कठिन तथ्यों से इनकार करती रही। यह भी कहा गया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले महीने पीएम मोदी को एक पत्र में टीके की सप्लाई और ज्यादा लोगों को टीका लगाने के तरीके सुझाए थे, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा अशोभनीय तरीके से जवाब दिया गया था। प्रस्ताव में कहा गया, ”सीडब्ल्यूसी इस बात पर चिंता व्यक्त करती है कि कोरोना से होने वाली मौतों का डेटा गलत है और कई मौतों को शामिल नहीं किया गया।  यह समय चुनौती का सामना करने का है, न कि मरने वालों की संख्या को कम करने और संक्रमण के आंकड़ों को गलत दिखाने का है।” प्रस्ताव में कहा गया है कि प्रधानमंत्री को अपनी गलतियों के लिए प्रायश्चित करना चाहिए और लोगों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।

कश्मीर पर अब क्या बोले पाक विदेश मंत्री
हमेशा जम्मू-कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अपने एक बयान पर बुरी तरह घिर गए हैं। दरअसल, कुछ दिन पहले एक पाकिस्तानी चैनल को दिए इंटरव्यू में कुरैशी ने अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मामला बता दिया था। उनके इस बयान के बाद से ही पाकिस्तान में विपक्षी पार्टियां उनकी खूब आलोचना कर रही है। नौबत यहां तक आ गई कि कुरैशी को अब सफाई देनी पड़ गई है। सोमवार को कुरैशी ने ट्वीट किया कि जम्मू-कश्मीर कभी भी भारत का आंतरिक मामला हो ही नहीं सकता है। उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर कुरैशी के इंटरव्यू का जो वीडियो शेयर किया जा रहा है उसमें वह कह रहे हैं कि अनुच्छेद 370 के हटने से कोई परेशानी नहीं है। 370 पाकिस्तान के लिए अहमियत नहीं रखता। उन्होंने कहा कि यह भारत का अंदरूनी मामला है। हालांकि, कुरैशी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पाकिस्तान को 35अ हटाने पर पर आपत्ति है, क्योंकि उससे इंडिया डेमोग्राफी में बदलाव कर सकता है।

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