ऑफ द रिकॉर्ड/आखिर मोदी कैबिनेट में बदलाव की घड़ी आ ही गई, शपथ आज शाम 6 बजे

नरेंद्र मोदी
  • नगीन बारकिया
    आखिर मोदी कैबिनेट में बदलाव की घड़ी आ ही  गई, शपथ आज शाम 6 बजे

    अटकलों, कयासों और अफवाहों का दौर खत्म हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतत: अपनी मंत्रिपरिषद का बहुप्रतीक्षित विस्तार एवं पुनर्गठन आज बुधवार को 6 बजे करने जा रहे हैं। यह भी साफ हो गया है कि यह मंत्रिमंडलीय फेरबदल थोक में ही होगा जिसमें करीब डेढ़ दर्जन नए मंत्रियों को तो शामिल किया ही जाएगा कुछ पुराने चेहरों की छुट्टी भी की जाएगी। माना जा रहा है कि अपने दूसरे कार्यकाल के इस पहले परिवर्तन में मोदी युवा नेताओं को तरजीह देने का प्रयास कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बीते एक माह में प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के कार्यों की विस्तृत समीक्षा की है जिसके आधार पर करीब आधा दर्जन मंत्रियों पर गाज गिर सकती है। जिन प्रमुख नेताओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल, नारायण राणे प्रमुख हैं। इसके अलावा, जिन नए चेहरों की चर्चा है उनमें बिहार के सुशील मोदी, उत्तराखंड के तीरथसिंह रावत, छत्तीसगढ़ से डॉ रमनसिंह, लद्दाख से नामग्याल, उत्तर प्रदेश से अजय मिश्रा, सकलदीप राजभर, विनोद सोनकर, महाराष्ट्र के कपिल पाटील, हिना गावित, उड़ीसा से अश्विनी वैष्णव, मप्र की संध्या राय व हरियाणा की सांसद सुनीता दुग्गल शामिल हैं। इस विस्तार में भाजपा सहयोगी दलों को भी मजबूती से अपने साथ करना चाहेगी। जदयू ने साफ किया कि वह सरकार में शामिल होने जा रही है और सब कुछ तय हो गया है। जदयू से आरसीपी सिंह समेत तीन से चार मंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके अलावा अपना दल से अनुप्रिया पटेल, लोजपा के पशुपति पारस, निषाद पार्टी के प्रवीण निषाद (भाजपा सांसद) को भी जगह मिल सकती है।

क्या महाराष्ट्र में फिर से शिवसेना-भाजपा की सरकार…।
महाराष्ट्र से मिल रही सूचनाओं से तो यही लग रहा है कि आगामी कुछ ही दिनों में वहां भारी राजनीतिक उठापटक होने जा रही है तथा इसकी परिणिति सरकार के बदलाव तक हो सकती है। बताया जा रहा है कि महाआघाड़ी गठबंधन अब अपनी अंतिम सांसें ले रहा है तथा कभी भी वह टूट सकता है। नई सरकार शिवसेना और भाजपा मिलकर बनाने की तैयारी कर रहे हैं तथा उसका फामूर्ला भी तैयार कर लिया गया है। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री का पद उद्धव ठाकरे के पास ही रहेगा जबकि भाजपा के दो सदस्य उप मुख्यमंत्री रहेंगे। साथ ही केंद्रीय कैबिनेट में दो स्थान शिवसेना के लिए खाली रखे जाएंगे। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले के बयानों के आधार पर शुरू हुए इन कयासों को मुख्यमंत्री ठाकरे ने खारिज कर दिया है लेकिन अपुष्ट खबरों के अनुसार सेना-भाजपा सरकार की संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।  

कैप्टन मिले सोनिया से, कुछ नया नहीं हुआ
पंजाब में कांग्रेस के अंदर चल रही कलह का हल निकालने के लिए मंगलवार को 10 जनपथ पर हुई सोनिया तथा कैप्टन अमरिंदर की मुलाकात का कोई नतीजा निकलते हुए दिखाई नहीं दे रहा है। इस मुलाकात के बाद कैप्टन से हुई पत्रकारों की चर्चा में तो यही निष्कर्ष निकल रहा है क्योंकि सिद्धू के संबंध में किसी भी प्रश्न का जवाब उन्होंने यह कहकर दिया कि सिद्धू साहब ही बता सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब चुनाव के लिए तैयार है। उस समय वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही थी कि विधानसभा की चुनावी सरगर्मी के बीच पार्टी में बगावत भी जारी है। इस बगावत के बीच पार्टी आलाकमान पंजाब कांग्रेस में आंतरिक कलह को दूर करने की कोशिश कर रहा है और इसके सुधार की बात चल रही है।

हिल स्टेशनों की भीड़ दे रही तीसरी लहर की चेतावनी
कोरोना वायरस के प्रकोप में आई कमी के बाद जगह जगह हुए अनलॉक के कारण सैलानियों या पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने तीसरी लहर की संभावना को उजागर कर दिया है। आईसीएमआर के डीजी डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा है कि भविष्य की चुनौती कोरोना वायरस का थर्ड वेव नहीं है, बल्कि यह है कि हम उसे रोकने के लिए क्या कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिल स्टेशनों से जो तसवीरें सामने आ रही हैं वह डराने वाली हैं। हमें इस तरह के व्यवहार को रोकना होगा, अगर हम ऐसा नहीं कर पाये तो यह खतरनाक होगा। हिल स्टेशनों की यात्रा करने वाले लोग कोविड के खिलाफ उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं कर रहे हैं। अगर यही स्थिति रही और प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया तो हम प्रतिबंधों में ढील को फिर से रद्द कर सकते हैं।

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