- नगीन बारकिया

विस्तार के मायने है विकास की गति को तेज करना
मोदी कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित पुनर्गठन कल हो गया। यह पुनर्गठन इतनी बारीकी से किया गया कि सरकार के चेहरे को छेड़े बिना पूरा मेकअप कर दिया गया। रक्षा, होम, वित्त, विदेश जैसे भारी मंत्रालय में कोई दखलंदाजी न करते हुए भी ऐसा लग रहा है मानो सारे घर के बदल डाले हैं। विस्तार इतना बड़ा रहा कि लगभग सारे मंत्री इससे प्रभावित हुए बिना न रहे। इस विस्तार से मोदी की टीम 57 से बढ़कर 77 सदस्यों की हो गई है जिनमें 36 नए चेहरों को जगह दी गई है। सात मंत्रियों को पदोन्नत भी किया गया। इतनी बड़ी टीम को विभागों का वितरण करने में भी कोई देर नहीं लगाई गई। शपथ समारोह के लगभग एक घंटे के बाद ही सभी मंत्रियों को उनकी जिम्मेदारी बता दी गई ताकि वे सरकार के तेज गति से काम करने के मंत्र को ध्यान में रखें। प्रधानमंत्री ने इस बहाने बता दिया कि विस्तार के मायने है तेज गति से विकास। मोदी सरकार को दूसरा कार्यकाल सम्हाले दो वर्ष से ऊपर हो गया है लेकिन यह लगभग पूरा समय कोरोना की भेंट चढ़ जाने से सरकार की गति प्रभावित हुई है इसीलिए तुरंत विभाग देकर यह संदेश दे दिया गया है कि मंत्री गण बिना देर किए तुरंत अपने काम में जुट जाएं। इस विस्तार में डॉ हर्षवर्धन, रमेश पोखरियाल निशंक, रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, डी वी सदानंद गौड़ा, संतोष गंगवार जैसे नेताओं की छुट्टी कर दी गई, जबकि मप्र में भाजपा की सरकार बनाने में मदद करने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिव सेना से भाजपा में आए नारायण राणे को कैबिनेट मंत्री पद से नवाजा गया।
सहकारिता मंत्रालय का गठन और सिंधिया को नागरिक उड्डयन
कैबिनेट विस्तार के एक दिन पहले याने मंगलवार को एक नए मंत्रालय के रूप में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया था जिसका प्रभारी गृहमंत्री अमित शाह को बनाया गया है। याने वे दोनों मंत्रालय संभालेंगे। इसी तरह मप्र के लिए बहुप्रतीक्षित मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को नागरिक उड्डयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संयोग है कि उनके पिता माधवराव सिंधिया भी इस मंत्रालय को देख चुके हैं। इसी तरह वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर के पास कृषि मंत्रालय बनाए रखा गया है। डॉ वीरेंद्र कुमार, फग्गन सिंह कुलस्ते तथा प्रहलाद पटेल भी मप्र से हैं। प्रहलाद पटेल को अब जल शक्ति और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय के राज्य मंत्री का प्रभार दिया गया है। पूर्व में वे राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार थे तथा उनके पास पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय थे। मप्र के कोटे से ही मंत्री डॉ धर्मेंद्र प्रधान शिक्षामंत्री बनाए गए हैं जिससे उनके रुतबे में वृद्धि हुई है। वीरेंद्र कुमार को सामाजिक न्याय मिला है।
उप्र में भी फेरबदल की चर्चाएं गर्म
केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब यूपी में भी मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि ब्लाक प्रमुख चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। इसमें ओबीसी जातियों में से निषाद समाज को समायोजित किए जाने की अटकलें ज्यादा सुनाई दे रही हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में चर्चा थी कि निषाद पार्टी के सांसद प्रवीण निषाद को समायोजित किया जा सकता है। लेकिन वहां उन्हें स्थान नहीं मिला। लिहाजा, चर्चा है कि अब निषाद समाज को यूपी में होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार में जगह मिल सकती है। हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए युवा नेता जितिन प्रसाद को भी समायोजित किए जाने की चर्चा है। वैसे केंद्रीय मंत्रिमंडल में निषाद समाज से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति को पहले से स्थान प्राप्त था। पार्टी सूत्रों की मानें तो ब्लाक प्रमुख चुनावों के बाद ही एक दिवसीय भाजपा की कार्यसमिति की बैठक होगी। इसकी तिथि केंद्रीय नेतृत्व को तय करनी है।
आठ राज्यों में फिर बढ़ रहा है कोरोना का संक्रमण
देश के कुछ जिलों में संक्रमण के मामलों में एक बार फिर बढ़ोतरी देखी जा रही है। केंद्र ने संक्रमण के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर करते हुए इस पर सख्ती से नियंत्रण करने का निर्देश दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आठ राज्यों को चिट्ठी लिखकर संक्रमण के मामलों पर सख्ती से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। चिट्ठी में उन्होंने यह भी कहा है कि संक्रमण फैल रहे जिलों में सख्त फैसले लें और इसकी जानकारी हमें भी दें। जिन राज्यों को चिट्ठी लिखकर संक्रमण के मामलों पर चिंता जाहिर की गयी है उनमें अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, केरल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, ओड़िशा और सिक्किम शामिल हैं। इन राज्यों के ज्यादातर जिलों में 10 फीसद से ज्यादा संक्रमण के मामले दर्ज किये जा रहे हैं। जिन राज्यों को चिट्ठी लिखकर चिंता जाहिर की गई है उनमें सबसे ज्यादा खतरा अरुणाचल प्रदेश को लेकर है। अरुणाचल प्रदेश के 25 में से 19 जिलों में संक्रमण की दर 10 फीसद से ज्यादा है।