- नगीन बारकिया
एक्जिट पोल बनाम नरोवा-कुंजरोवा
चुनाव परिणामों के पहले आने वाले एक्जिट पोल भी अब लगता है चुनाव प्रक्रिया का अंग ही बन गए हैं। मतदान खत्म होते ही लोगों का ध्यान विभिन्न एजेंसियों द्वारा कराए जाने वाले इन सर्वे की ओर लग जाता है और फिर उन पर बहस का एक सिलसिला सा शुरू हो जाता है। इसमें खास बात यह कि बहस में शामिल हर व्यक्ति यह जानता है कि यह एक्जेक्ट नतीजे नहीं हैं लेकिन फिर भी बहस वैसी ही होती है जैसे कि वास्तविक रिजल्ट आ गया हो। कल रात भी जो पोल रिजल्ट दिखाए गए उसमें लगभग सब जगह पर प्रत्याशित परिणाम ही दिखाई दिए हैं, कहीं कोई चमत्कार वाली बात न थी और न दिखाई दी। बहस का विषय बंगाल तक सीमित रहा जिसमें भाजपा को बढ़त दिखाई गई। इस पर तीखी बहस आज दिनभर भी जारी रही। इसमें तमिलनाडु और केरल ऐसे राज्य रहे जिनके बारे में जानने की कोई दिलचस्पी लोगों में नहीं थी क्योंकि वहां के परिणाम भी लोगों को पता है और उससे देश में कुछ हलचल भी नहीं होना है। पांच विधानसभाओं में केवल बंगाल ने ही अपना ध्यान खींच रखा है और उसके परिणाम ही हैं जो तहलका मचा सकते हैं। एक्जिट पोल के परिणामों ने भी बड़ी ही तरकीब से इस दिलचस्पी को कायम रखा है। नरोवा कुंजरोवा के अंदाज में कुछ ने भाजपा, कुछ ने टीएमसी और कुछ ने बराबरी का मुकाबला बताकर हाथ झाड़ लिए। कुल 7 सर्वे के महापोल का औसत निकालें तो बीजेपी को 142 सीटें हासिल हो सकती हैं, जबकि टीएमसी के खाते में 135 सीटें जा सकती हैं। राज्य में 292 सीटों पर वोटिंग हुई है और इस तरह से देखें तो राज्य में बहुमत के लिए 147 सीटों के जादुई आंकड़े की जरूरत है। कुल 7 सर्वे में से 3 में टीएमसी को बढ़त दिखाई गई है, जबकि 4 सर्वे में बीजेपी की जीत का दावा किया गया है। भले ही बंगाल की चुनावी तस्वीर 2 मई को ही साफ होगी, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों ने असली परिणाम से पहले धड़कनों को तेज जरूर कर दिया है।
संक्रमितों का नया आंकड़ा 3 लाख 85 हजार
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। हर दिन कोरोना के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है और अब प्रतिदिन 24 घंटे का आंकड़ा करीब 4 लाख छूने को है। देश में गुरुवार को एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 3,86,888 मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद संक्रमण के कुल मामले 1,87,54,984 हो गए। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, उपाचाराधीन मरीजों की संख्या 30 लाख के पार पहुंच गई है। गुरुवार को एक दिन में 3501 लोगों की मौत होने के बाद इस घातक बीमारी के मृतकों की संख्या 2,08,313 हो गई है। हालांकि, बुधवार के आंकड़ों से इसकी तुलना की जाए तो थोड़ी राहत दिख रही है। बुधवार को 24 घंटे के दौरान 3647 मौतें दर्ज की गई थीं, मगर आज यह आंकड़ा घटकर 3501 पर आया है।
कोरोना पर अप्रैल में ली पीएम मोदी ने सर्वाधिक बैठकें
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोरोना की सुनामी पर कैसे काबू पाया जाए, इसके लिए प्रधानमंत्री ताबड़तोड़ बैठकें कर रहे हैं। सिर्फ अप्रैल महीने में उन्होंने 21 बैठकें की हैं, इनमें से ज्यादातर मीटिंग्स पिछले दो सप्ताह में हुई हैं। देश में कोरोना के हालातों की समीक्षा, ऑक्सीजन की किल्लत और वैक्सीनेशन जैसे मुद्दे पर ये बैठकें अलग-अलग लेवल पर हुई हैं। बता दें कि देश में कोरोना वायरस के अब हर दिन साढे तीन लाख से अधिक केस मिल रहे हैं। मार्च 2020 के बाद से प्रधाननमंत्री नरेंद्र मोदी की कोरोना संबंधित समीक्षाओं और बैठकों की सबसे अधिक संख्या है। पिछले साल मार्च में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन का ऐलान किया था, तब उस दौरान भी खूब बैठकें हुई थीं और उन्होंने कोरोना मैनेजमेंट को लेकर 14 आधिकारिक बैठकें की थीं। अप्रैल महीने में हुई 21 बैठकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र सरकार के अधिकारियों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, विदेशी नेताओं मसलन अमेरिकी राष्ट्रपति और रूसी राष्ट्रपति के साथ हुई मीटिंग भी शामिल हैं। अगर मार्च 2020 से अप्रैल 2021 के बीच की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दौरान कम से कम 65 आधिकारिक बैठकों में शामिल रहे हैं।
मजबूत हुई है भारत-अमेरिका दोस्ती
अमेरिका में जो बाइडेन को राष्ट्रपति बने 100 दिन पूरे हो गए हैं और लोग इन सौ दिनों की तुलना पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के साथ करने लगे हैं। हालांकि ये दिन अन्य गतिविधियों की बजाय कोरोना से लड़ने में ही अधिक बीते हैं और यह भी सही है कि ऐसे दिनों में ही दोस्त की परीक्षा भी होती है और पहचान भी। जहां तक अमेरिका के विदेश विभाग के एक अधिकारी का कहना माना जाए तो यह कहा जा सकता है कि इस अवधि में दोनों देशों में नजदीकियां आई हैं। इस अवधि के दौरान दोनों देशों के बीच हुई बातचीत एक वैश्विक व्यापक पार्टनरशिप को दर्शाती है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, इन 100 दिनों में भारत पर एक ठोस ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 100 दिनों में भारत पर ठोस ध्यान केंद्रित किया गया है। राष्ट्रपति बाइडेन ने निश्चित रूप से कल रात स्टेट ऑफ यूनियन में भारत का उल्लेख किया है। इससे साफ लगता है कि दोनों देशों के बीच कितनी गहरी साझेदारी और प्रतिबद्धता हैं। प्राइस ने अवसर गिनाते हुए बताया कि खुद जो बाइडेन ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी से बात की थी। अमेरिकी राज्य सचिव टोनी ब्लिन्केन ने अपने समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ कई बार बात की है। कई उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन पर विशेष दूत जॉन केरी इससे पहले कभी भी भारत में इतने समय तक नहीं रुके थे।