ऑफ द रिकॉर्ड/अजीत पवार बोले- राज्य में मुख्यमंत्री का फैसला ही सर्वोपरि

  • नगीन बारकिया
अजीत पवार

अजीत पवार बोले- राज्य में मुख्यमंत्री का फैसला ही सर्वोपरि
म हाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को साफ किया कि राज्य में कोविड-19 को लेकर लगाई गई पाबंदियों के विषय पर महा विकास अघाड़ी सरकार में सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है। इस तरह उन्होंने सरकार में मतभेद को लेकर चल रही अफवाहों को दरकिनार कर दिया। पवार ने कहा कि राज्य में सरकार जरुर अलग-अलग पार्टियों के सहयोग से बनी है लेकिन राज्य में मुख्यमंत्री की बात ही सर्वोपरि है। उनके अनुसार हम अनलॉक को लेकर लगातार चर्चा करते हैं और इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है। मुख्यमंत्री भी सोशल मीडिया पर लगातार लोगों से बातचीत करते रहते हैं। हम अलग-अलग पार्टी से बनी सरकार हो सकते हैं लेकिन राज्य का मुखिया होने के नाते उद्धव ठाकरे द्वारा कही गई बात ही फाइनल है।’  उधर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को एक इंटरव्यू में अपने राजनीतिक जीवन से जुड़े कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी और बताया कि वो कभी भी राजनीति में आने के इच्छुक नहीं थे। सीएम ने कहा कि वो अपने पिता की मदद करने के लिए राजनीति में आए थे।

भूपेश बघेल क्या अपना कार्यकाल पूरा करेंगे..।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वेसे तो सदन में भारी बहुमत के साथ कमान संभाले हुए हैं लेकिन जब तब पार्टी में उनको लेकर बयानबाजी होती रहती है जिससे ऐसा लगता है कि कहीं वे अपना कार्यकाल पूरा भी कर पाएंगे या नहीं। इन दिनों फिर से अफवाह है कि पार्टी ने तय किया है कि मुख्यमंत्री स्वयं होकर इस्तीफा देंगे तथा स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को नया नेता प्रस्तावित किया जाएगा। इसके साथ ही यह खबर भी आई कि दिल्ली आलाकमान ने ऐसी चचार्ओं से इनकार किया है। यह भी कहा गया कि राहुल गांधी नहीं चाहते कि बघेल को डिस्टर्ब किया जाए। वे बघेल का कार्यकाल पूरा किए जाने के पक्ष में हैं। यदि ऐसा है तो यह विचार योग्य है कि यह अस्थिरता कौन पैदा कर रहा है।

वैक्सीन पासपोर्ट का भारत ने किया विरोध
कोरोना संकट के बीच भारत ने वैक्सीन पासपोर्ट का विरोध किया है। भारत का कहना है कि आबादी के हिसाब से वैक्सीन कवरेज अभी विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में कम है और इस तरह की पहल बहुत ज्यादा भेदभावपूर्ण साबित होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने जी-5 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक में विरोध करते हुए कहा कि इस तरह का फैसला मंजूर नहीं किया जा सकता है। दरअसल, दुनियाभर में कोरोना वायरस के व्यापक प्रभाव को देखते हुए कई देशों ने वैक्सीन पासपोर्ट का प्रस्ताव रखा है। डॉ हर्षवर्धन ने बैठक में विकासशील देशों में टीकों की उपलब्धता और टीकाकरण की दरों के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में टीकाकरण के निम्न स्तर के तथ्य को ध्यान में रखते हुए यह पहल उचित नहीं है।

विदेश से वैक्सीन सप्लाई पाने में हरियाणा ने बाजी मारी…
कोरोना के खिलाफ जंग में वैक्सीन की आपूर्ति में कमी के बीच हरियाणा विदेशी कंपनियों से टीके की आपूर्ति कराने वाला पहला राज्य घोषित हो सकता है। हरियाणा सरकार ने कहा है कि माल्टा की एक कंपनी उसे रूसी टीका स्पूतनिक वी की 6 करोड़ डोज सप्लाई करने को तैयार है। उस कंपनी ने रूस की इस कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति में रुचि दिखाई है। हरियाणा अगर कोविड वैक्सीन सप्लाई पाने में सफल रहता है तो वह उन कुछ चुनिंदा राज्यों में होगा, जहां विदेशों से वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर समझौता हो गया है। इससे पहले पंजाब समेत कई राज्यों ने भी वैक्सीन के लिए दूसरे देशों से संपर्क साधा था, लेकिन फाइजर, मॉडर्ना जैसी कंपनियों ने राज्यों को सीधे कोरोना वैक्सीन आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है।

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