- नगीन बारकिया
धार्मिक व चैरिटेबल ट्रस्ट की सरायों के किराये पर कोई जीएसटी नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि धार्मिक व चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंधन वाली संपत्तियां या सरायों के कमरों के किराये पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीआईसी) ने इस संदर्भ में किसी तरह के भ्रम को दूर करने के लिए बृहस्पतिवार शाम को स्पष्टीकरण भी जारी किया है। आप सांसद राघव चड्ढा समेत कई लोगों ने वित्त मंत्रालय से इसको लेकर स्पष्टीकरण की मांग की थी। राघव चड्ढा ने बृहस्पतिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। उन्होंने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के आसपास बनी सरायों पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने के फैसले को वापस लेने के लिए एक पत्र भी सौंपा था। जीएसटी परिषद ने जून में फैसला लिया था कि कमरे का 1,000 रुपये प्रति दिन का भाड़ा वसूलने वाले सभी होटलों पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा। इसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) द्वारा संचालित होने वाली कुछ सरायों ने अपने आप कमरों के किराये के साथ जीएसटी वसूलना शुरू कर दिया था।
मुद्रास्फीति पर रिजर्व बैंक ने अपनाया आक्रामक रुख, दरों में होगी बढ़ोतरी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुद्रास्फीति पर आक्रामक रुख अपनाया है तथा आने वाले महीनों में प्रधान ब्याज दरों में और बढ़ोतरी हो सकती है। विशेषज्ञों ने यह राय जाहिर की। केंद्रीय बैंक ने महंगाई को काबू में करने और रुपये को मजबूती देने के लिए शुक्रवार को प्रमुख ब्याज दर रेपो में 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की। यह मई के बाद से लगातार तीसरी वृद्धि है। ब्याज दर को महामारी-पूर्व के स्तर तक बढ़ाने के लिए रेपो दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई। इससे पहले 5.40 प्रतिशत रेपो दर आखिरी बार अगस्त, 2019 में थी। बैंक आॅफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, वृद्धि में विश्वास से मुद्रास्फीति पर तेजी से प्रहार करने को एक मजबूत औचित्य मिलता है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में वर्ष के दौरान आगे 0.50 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हो सकती है, क्योंकि अगली दो तिमाहियों में मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर रहेगी। केंद्रीय बैंक का मानना है कि वार्षिक खुदरा मुद्रास्फीति 6.7 प्रतिशत के स्तर पर रहेगी। चालू वित्त
वर्ष की दूसरी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति 7.1 फीसदी और तीसरी तिमाही में 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है।
नोएडा प्राधिकरण ने यमुना में डाला दूषित पानी एनजीटी ने लगाया 100 करोड़ का जुर्माना
नहरों और यमुना में दूषित पानी के प्रवाह को रोकने के लिए दायर याचिका पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नोएडा विकास प्राधिकरण पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। दिल्ली जल बोर्ड पर भी 50 करोड़ का जुमार्ना लगाया गया है। यह जुर्माना पर्यावरण क्षतिपूर्ति के लिए है। एनजीटी ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिवों को संबंधित एजेंसियों की भूमिका की जांच कर कार्रवाई रिपोर्ट भी तलब की है। याचिकाकर्ता अभिष्ट कुसुम गुप्ता की 2018 में दायर याचिका में सिंचाई नहर, यमुना व गंगा में औद्योगिक क्षेत्रों और घनी आबादी वाले इलाकों से प्रदूषित पानी डालने से रोकने में नाकामी के लिए नोएडा, दिल्ली जल बोर्ड व अन्य एजेंसियों को जिम्मेदार ठहराया गया था। गुप्ता ने बताया, अलग-अलग स्रोतों से 215 एमएलडी दूषित पानी नोएडा सेक्टर-11, 137, 51, 52, 49, 168 से होकर यमुना और बाद में गंगा में पहुंचता है।
सऊदी अरब के 8000 साल पुराने शहर में मिला प्राचीन मंदिर
सऊदी अरब में आठ हजार साल पुराना पुरातात्विक स्थल का पता चला है। नई टेक्नोलॉजी के जरिए इस शहर का व्यापक सर्वेक्षण किया गया। पुरातत्वविदों को यहां एक मंदिर मिला है। इसके साथ यहां वेदी के हिस्सों के अवशेष मिले हैं। इसके अलावा यहां 2,807 कब्र भी मिली है। देश की राजधानी रियाद के दक्षिण-पश्चिम इलाके के अल-फॉ की साइट पर ये जगह मिली है। सऊदी के नेतृत्व वाले कई देशों के पुरातत्विदों की एक टीम ने साइट का व्यापक सर्वेक्षण किया। इस स्टडी में हाई क्वालिटी की एरियल फोटोग्राफी, कंट्रोल प्वाइंट के साथ ड्रोन फुटेज, रिमोट सेंसिंग, लेजर सेंसिंग और कई अन्य सर्वे का इस्तेमाल किया गया। इस साइट पर कई खोजों के साथ सबसे महत्वपूर्ण एक मंदिर है। यहां एक वेदी के कुछ हिस्सों के अवशेष मिले हैं। इससे स्पष्ट संकेत हैं कि यहां उस समय ऐसे लोग रहते थे जिनके जीवन में समारोहों, पूजा और अनुष्ठान महत्व रखता था। इस मंदिर का नाम रॉक-कट मंदिर है जो माउंट तुवाईक के किनारे पर स्थित है, जिसे अल-फॉ के नाम से जाना जाता है।